Heart Disease : हृदय रोग के कारण और जोखिम, जानिए कैसे करें खुद का बचाव?
Heart Disease के खतरे को कम करने के लिए इन सभी जोखिम कारकों को समझना और उन्हें नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है। स्वस्थ जीवनशैली, जैसे कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और अल्कोहल से बचाव, और तनाव का प्रबंधन, हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
Heart Disease : हृदय रोग के बढ़ते खतरे, समझें मुख्य कारण और बचाव के उपाय
Heart Disease, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इसे अक्सर ‘Cardiovascular Disease’ भी कहा जाता है। हृदय रोग के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं, जिनकी वजह से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यहां, हम इन कारणों और जोखिम कारकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. अनुवांशिकता (Genetics)
हृदय रोग का एक प्रमुख कारण अनुवांशिकता है। यदि परिवार में किसी को पहले से हृदय रोग है, तो उस व्यक्ति के लिए हृदय रोग होने का खतरा अधिक होता है। अनुवांशिकता के कारण हृदय की मांसपेशियों की संरचना या कार्य में बदलाव हो सकता है, जो हृदय रोग का कारण बन सकता है।
2. उम्र (Age)
उम्र बढ़ने के साथ हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता जाता है। 40 वर्ष की उम्र के बाद हृदय की रक्त नलिकाओं में प्लाक जमा होने लगता है, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो सकता है। यह स्थिति एथेरोस्क्लेरोसिस कहलाती है और हृदय रोग का मुख्य कारण है।
3. धूम्रपान (Smoking)
धूम्रपान हृदय रोग का एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसमें मौजूद निकोटिन और अन्य हानिकारक रसायन रक्त नलिकाओं को संकुचित करते हैं और रक्त के थक्के बनने की संभावना बढ़ाते हैं। इससे हृदय की धड़कन और रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
4. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। लगातार उच्च रक्तचाप से हृदय की मांसपेशियाँ मोटी हो जाती हैं और हृदय की कार्यक्षमता कम हो जाती है। इससे हृदयाघात (Heart Attack) और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
5. अस्वास्थ्यकर आहार (Unhealthy Diet)
अधिक वसा, शर्करा, और नमक से भरपूर आहार भी हृदय रोग का कारण बन सकते हैं। यह आहार धमनियों में प्लाक का निर्माण करता है, जिससे हृदय की धमनियाँ संकुचित हो जाती हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। फास्ट फूड और प्रसंस्कृत भोजन में हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप और ट्रांस फैट जैसे तत्व होते हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ाते हैं।
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6. शारीरिक निष्क्रियता (Physical Inactivity)
नियमित व्यायाम न करने से वजन बढ़ सकता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। शारीरिक निष्क्रियता से हृदय की कार्यक्षमता भी कम होती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
7. मोटापा (Obesity)
मोटापा हृदय रोग के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। अधिक वजन से रक्त में कोलेस्ट्रॉल और शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस और डायबिटीज का कारण बन सकता है। यह स्थिति हृदय के लिए अत्यधिक हानिकारक होती है।
8. डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज के मरीजों में हृदय रोग का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। उच्च रक्त शर्करा का स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हृदय की धमनियाँ कठोर हो जाती हैं और उनमें रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है।
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9. तनाव (Stress)
अत्यधिक तनाव भी हृदय रोग का एक महत्वपूर्ण कारक है। तनाव से शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो हृदय की धड़कन और रक्तचाप को बढ़ाता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
10. अल्कोहल का अत्यधिक सेवन (Excessive Alcohol Consumption)
अत्यधिक अल्कोहल का सेवन भी हृदय रोग का कारण बन सकता है। यह रक्तचाप को बढ़ाता है और हृदय की मांसपेशियों को कमजोर करता है, जिससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और हृदय की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है।
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