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जानिए पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है? ये बीमारी इस तरीके से लेती है चपेट में : Narcissistic Personality

खुद की तारीफ सुनना सभी को पसंद है। लोग चाहते हैं कि जमाना उनकी तारीफ करे, लेकिन जिनकी तारीफ होती है, उनके काम भी ऐसे होते हैं। जो अच्छा करता है, उसकी तारीफ और जो बुरा करता है उसकी बुराई। यही सोसाइटी का नियम है, लेकिन कोई काम भी अच्छा नहीं कर रहा और अगर चाहे कि दुनिया उसकी तारीफ करे, तो ऐसा होता नहीं है।

Narcissistic Personality:इस बिमारी के लक्षणों को कैसे पहचानें? जानें इससे निपटने के तरीके


Narcissistic Personality:आपको बता दें कि यदि कोई बुराई कर दे तो मूड का चिड़चिड़ा हो जाना, सामलेवाले से झगड़ा करने लग जाना, खुद को सर्वश्रेष्ठ मान बैठना आदि। अगर किसी के बिहेवियर से यह लक्षण मैच कर रहे हैं तो उन्हें अलर्ट होने की जरूरत है। दरअसल खुद को सर्वश्रेष्ठ मानना और बुराई सुनने पर झगड़ पड़ना, यह मेंटल डिसऑर्डर की निशानी है। इसे मेडिकल भाषा में पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कहा जाता है। इसका समय पर इलाज न किया जाए तो नतीजे घातक हो सकते हैं, आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

क्या है नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर?

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों को अपनी अहमियत का बड़ा घमंड होता है। इन्हें हर वक्त अपनी तारीफ सुनना पसंद होता है। इसके अलावा, ऐसे लोगों में दूसरों के प्रति सहानुभूति की कमी भी देखने को मिलती है। बस खुद में आत्ममुग्ध रहना ही उनकी प्रायोरिटी होती है। ओवर कॉन्फिडेंस के चलते अक्सर इनके रिश्ते बगड़ते रहते हैं, लेकिन इन्हें अपनी गलती नजर नहीं आती है। बता दें, इस डिसऑर्डर का पूरी तरह इलाज तो संभव नहीं हैं, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर इसपर काबू पाया जा सकता है।

इसके लक्षणों को कैसे पहचानें?

1. अपने मन में यह गलतफहमी पाल लेना कि दूसरे लोग आपसे ईर्ष्या करते हैं।

2. खुद को सबसे खास और दूसरों को छोटा समझना।

3. मन में दूसरों को लिए सहानुभूति न आना।

4. ऐसे लोग स्वभाव से जिद्दी और घमंडी भी होते हैं।

5. अपनी पोजीशन, ब्यूटी या गुणों को लेकर अलग ही दुनिया में खो जाना।

6. अपनी बुराई सुनने पर बिखर जाना।

7. खुद की तारीफ न सुनने पर डिप्रेशन और एंग्जायटी में चले जाना।

नार्सिसिस्टिक डिसऑर्डर से निपटने के तरीके

1. दूसरों की फीलिंग्स को समझें और उनकी कद्र करें।

2. योगाभ्यास और एक्सरसाइज को रूटीन का हिस्सा बना लें।

3. अल्कोहल या अन्य नशीली चीजों से दूर रहें।

4. सिर्फ कहने की बजाय, सुनने की भी आदत डालें।

5. अपनी गलतियों पर गौर करें और उन्हें स्वीकार करने की आदत डालें।

6. अपनी ज्यादा तारीफ सुनने से बचें।

7. खुद से दूसरों का कम्पेरिजन बंद करें।

8. लोगों में मिलें-जुलें और उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं।

9. टॉक थेरेपी भी इस डिसऑर्डर से लड़ने में एक कारगर तरीका होती है।

10. डॉक्टर की सलाह लेने में बिल्कुल न झिझकें।

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बीमारी ऐसे लेती है चपेट में

ऐसे लोग खुद के सामने दूसरों को छोटा समझते हैं। बुराई होने पर बिखर जाते हैं। उनका कॉन्फिडेंस लेवल डाउन हो जाता है। उन्हें बचपन से सिर्फ तारीफ सुनने की आदत होती है। ऐसे लोग तेजी से इस बीमारी की चपेट में आते हैं। डिप्रेशन और एंग्जायटी साथ आ जाती हैं।

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