Symptoms of Menopause: मेनोपॉज के लक्षणों को न करे नजरअंदाज, जानें इसकी 3 स्टेज
पीरियड्स पूरी तरह बंद होने से पहले फ्लो में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं। ये कभी समय से पहले आते हैं, तो कभी 15-15 दिन उनसे छुटकारा नहीं मिलता।
Symptoms of Menopause: जानें मेनोपॉज की स्थिति के लिए उपचार और स्किन केयर रूटीन
Symptoms of Menopause: किसी भी महिला के जीवन में मासिक धर्म जितना जरूरी है, मेनोपॉज की स्थिति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति वह स्थिति है जब महिला में मासिक चक्र की प्रक्रिया रुक जाती है। यह मासिक धर्म चक्र का अंतिम चरण होता है। आमतौर पर किसी महिला की मासिक धर्म चक्र रुकने की अवधि 45-50 साल की उम्र के दौरान आती है। अगर उनका मासिक धर्म रुक जाता है और 12 महीने तक मासिक चक्र नहीं होता तो माना जाता है कि मेनोपॉज चरण में प्रवेश कर लिया है। कुछ महिलाओं में 40 साल की उम्र के बाद से ही प्री मेनोपॉज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समझा जा सकता है कि मासिक चक्र बंद हो सकता है। लेकिन हर महिला का मेनोपॉज पीरियड अलग होता है। मेनोपॉज के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए।
मेनोपॉज की शुरुआत कब होती है?
मेनोपॉज औसतन 45 से 50 वर्ष की आयु के आसपास शुरू होती है, लेकिन कई बार यह 40 साल की उम्र में भी हो सकती है, जिसे प्रीमेच्योर मेनोपॉज कहा जाता है। किसी महिला को किस उम्र में मेनोपॉज होगा, यह ज्यादातर आपके जीन से निर्धारित होता है।
मेनोपॉज के लक्षण
- इसमें अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस होने लगती है।
- योनि में परिवर्तन हो सकता है
- रात में अधिक पसीना आता है।
- नींद की समस्या हो सकती है।
- भावनात्मक परिवर्तन हो सकते हैं।
- मासिक धर्म चक्र में अनियमितता देखने को मिलती है, जैसे जल्दी पीरियड्स होना या अधिक रक्तस्राव होना।
- मासिक धर्म के समय ज्यादा शारीरिक तकलीफ और दर्द बढ़ सकता है।
- थकान और कमजोरी होने के साथ ही जोड़ों व हड्डियों में दर्द और जकड़न हो सकती है।
मेनोपॉज की स्थिति के लिए उपचार
मेनोपॉज के चरण में प्रवेश करने पर होने वाली शारीरिक और मानसिक तकलीफों से निपटने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए।
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- 40 साल की उम्र के बाद डॉक्टर से मेनोपॉज की पूरी जानकारी लेने के साथ ही पूरा हेल्थ चेकअप करा लेना चाहिए।
- सेहतमंद जीवनशैली को अपनाना चाहिए और तेल मसालेदार भोजन, कैफीन, धूम्रपान, शराब और अवसाद की स्थिति से बचना चाहिए।
- मेनोपॉज की अवस्था में हॉट फ्लैशेस की समस्या हो सकती है। ऐसे में स्वस्थ आहार के साथ ही व्यायाम और योग का नियमित अभ्यास सेहतमंद रखता है।
- इस स्थिति के कारण शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर से कुछ हार्मोन प्रिस्क्रिप्शन के लिए बात कर सकते हैं। हालांकि अपने मन से इनका सेवन न करें। डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा लें।
मेनोपॉज की कितनी स्टेज होती हैं?
पेरिमेनोपॉज- इसमें पीरियड साइकिल अनियमित हो जाती है, लेकिन वे पूरी तरह से बंद नहीं होती. ज्यादातर महिलाओं में ये अवस्था 47 साल की उम्र में आती है। इसमें हॉट फ्लैशेज के लक्षण नजर आ सकते हैं, लेकिन आप फिर भी गर्भ धारण कर सकती हैं।
मेनोपॉज- यह स्टेज तब आती है, जब आपको आखिरी बार पीरियड्स होगा। इस अवस्था में हॉट फ्लैशेज, वेजाइनल ड्राइनेस, नींद न आना आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।
पोस्टमेनोपॉज- यह तब शुरू होता है, जब आपको फाइनल और आखिरी पीरियड होगा। यदि आपको मेनोपॉज के कारण 1 वर्ष से अधिक समय तक पीरियड्स ना हो और उसके बाद वेजाइनल ब्लीडिंग हो तो ये नॉर्मल नहीं होता है। ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर से मिलें।
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जानें स्किन केयर रूटीन
स्किन क्लीन रखें
स्किन केयर रूटीन डर्ट फ्री रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप अच्छा और त्वचा को सूट करने वाले फेस वॉश का इस्तेमाल करें। बीच बीच में स्क्रबिंग किया करे।
हेल्दी डाइट लें
डाइट हेल्दी रखें इसके लिए फल खाएं, जूस पीएं, हरी सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें। सलाद खाएं। तली भुनी चीजों से दूर रहें।
एक्सरसाइज करें
रोजाना एक्सरसाइज करें, योग करें, मेडिटेशन करें। इससे भी आपको खुद ही स्किन पर बदलाव देखने को मिलेगा।
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