सेहत

सर्दियों में धूप के फ़ायदे

सर्दियों में धूप में बैठने के 10 फ़ायदे


सर्दियों में धूप तो सभी को अच्छी लगती है। लेकिन क्या आप यह जानते है की सर्दी में धूप में बैठने से आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा मेल विटामिन D मिलता है। इससे हार्ट अटैक जैसी बीमारी पर भी लगाम पायी जा सकती है। इससे उच्च रक्तचाप और कलेस्टरॉल में भी राहत मिलती है। इससे आपकी त्वचा, हार्ट, और बीपी हेल्दी रहते हैं।

सन बाथ के लिए जो योगा की टर्म है वह है अताप स्नान। हम एक नए ज़माने में जी रहे हैं जहाँ हमें ऐसे कितने ही मेसिज मिलते हैं कि इस तरह सूरज की किरने आपको नुक़सान पहुँचाएगी। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए की सूरज की किरणों से कितनी ही बीमारी ठीक की जा सकती हैं। मानव जाति के जन्म से भी पहले से सूरज इस दुनिया में है।

तो आइए जानते हैं की क्या फ़ायदे हैं सूरज कि रोशनी के:-

  • सूरज की रोशनी से ब्रेस्ट कैन्सर में काफ़ी सुधार आता है। अमेरिका के डॉक्टर ज़ेन काइम ने अपने मरीज़ों को सूरज में सेकने की सलाह दी जिससे ब्रेस्ट कैन्सर के मरीज़ों को काफ़ी आराम मिला। और साथ में खाने पर भी ध्यान दिया गया।
  • धूप में कई ऐसे तत्व होते हैं जिनसे शरीर के बुरे बैक्टीरिआ मर जाते है। पहले विश्वयुद्ध के बात इस बात का नील’स फ़िंसेन को पता चला। उन्होंने धूप का प्रयोग कई बैक्टीरीआ से लड़ने और चोट ठीक करने के लिए किया।

सर्दियों में धूप के फ़ायदे

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  • सन बाथ का हमारी त्वचा पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है जो लगी हद तक सकारात्मक होता है। यह त्वचा से सम्बंधित बीमारीयो वाले लोगों के लिए बहुत सहायक है। जिन लोगों को फ़ंगल इन्फ़ेक्शन, सराययसिस या दाने वाली बीमारी होती है इन्हें सूरज की रोशनी में ज़रूर बैठना चाहिए।
  • धूप में बैठने से शरीर का अधिक कलेस्टरॉल घटता है। आजकल कलेस्टरॉल सम्बंधित बीमारियाँ बहुत आम हो गयी हैं। धूप में बैठने से ये कलेस्टरॉल हार्मोन स्टीरोईड्समें परिवर्तित हो जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए सहायक होते हैं।
  • धूप त्वचा के रोम छिद्रों के ज़रिए हमारे ख़ून तक पहुँचती हैं और ख़ून को साफ़ करने का कार्य करती है।
  • यह उच्च रक्तचाप की स्तिथि में उसे कम करती है। थोड़ी देर धूप में बैठने से ही इसके परिणाम दर्शाइए होते हैं। तो जो लोग हाई बीपी से पीड़ित हैं उन्हें तो धूप मेल ज़रूर बैठना चाहिए यह अत्यंत लाभदायक होगा।
  • धूप से शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ती हैऔर इससे शरीर की टिशू तक ऑक्सिजन पहुँचाने की क्षमता भी बढ़ती है। जैसा कि व्यायाम करने से भी होता है। इससे स्टैमिना और माँसपेशियों का विकास बेहतर तरीक़े से होता है।
  • इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है। इससे शरीर में वाइट ब्लड सेल्ज़ बढ़ते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को अच्छा बनाती हैं।
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