“कोई भी अध्यापक अब पढाई के अलावा किसी और कार्य का हिस्सा नहीं बनेगा”, सीबीएसई
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सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने अपने नए पत्र में सभी स्कूलों को ये आदेश दिया की कोई भी शिक्षक अब गैर अकादमिक गतिविधियों में नहीं लगाया जाना चाहिए। सभी अध्यापक सिर्फ पढाई, परीक्षा लेने और मूल्यांकन करने के कार्य दिए जाएंगे।
सीबीएसई का यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब 25 अक्तूबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में शिक्षकों को गैर अकादमिक गतिविधियों में लगाये जाने का मुद्दा उठाया गया था। केब की बैठक की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने की थी और इसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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सीबीएसई ने जारी निर्देश में कहा है कि बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करें। यह शिक्षा अधिकार कानून (आरटीई) का उल्लंघन है। सचिव जोसफ इमैनुएल ने जारी पत्र में कहा है कि स्कूल बस में बच्चों के साथ प्रशिक्षित स्टाफ को लगाएं। पूर्व में स्कूल बस में एक शिक्षक को भी बच्चों के साथ रहने संबंधी आदेश जारी किया गया था। उसमें संशोधन कर प्रशिक्षित लेडी स्टाफ या लेडी गार्ड को रखने को कहा गया है।
स्कूलों में अब छात्रों की रीडिंग, राइटिंग और अर्थमेटिक पर ध्यान दिया जाएगा। यही नहीं अब बच्चो को 4 सी से तहत कम्युनिकेशन, क्रिएटिव थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और कोलैबोरेशन पर ध्यान दिया जाएगा। बच्चो को आसानी से समझ आये इसलिए ये कदम उठाया जा रहा है।