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Study Habits: बच्चे नहीं कर रहे पढ़ाई? मन में डालें ये आदतें, स्टडी रूम को अच्छे से करें तैयार
एजुकेशन

Study Habits: बच्चे नहीं कर रहे पढ़ाई? मन में डालें ये आदतें, स्टडी रूम को अच्छे से करें तैयार

Study Habits: भले ही पढ़ाई करना बच्चों को बोरिंग लगे और वह इससे जी चुराए लेकिन उन्हें इससे अछूता नहीं रखा जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि उन्हें पढ़ाई भी इस तरह से कराई जाए जिसमें उन्हें रुचि मिले।

Study Habits: इस तरह तैयार करें बच्चों का स्टडी रूम, दिल चुराने की जगह खुद ही रोज नियम से करने लगेंगे पढ़ाई

बच्चे स्वभाव से बहुत चंचल होते हैं। जो चीज उन्हें पसंद आती है या आकर्षित करती है वह वही काम करना पसंद करते हैं। यही कारण है कि बच्चों को रंग बिरंगी चीजें और चटख चीजें पसंद आती हैं। लेकिन शिक्षा ही वह आधार है जो बच्चों को जीवन में एक सफल इंसान बनाने में मदद करता है। भले ही पढ़ाई करना बच्चों को बोरिंग लगे और वह इससे जी चुराए लेकिन उन्हें इससे अछूता नहीं रखा जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि उन्हें पढ़ाई भी इस तरह से कराई जाए जिसमें उन्हें रुचि मिले। आज हम आपको बच्चों का स्टडी रूम तैयार करने के आसान टिप्स बता रहे हैं। साथ ही ये बताएंगे कि आप उनमें कौन सी आदत डालें जिससे उनका पढ़ाई में मन लगे। आइए जानते हैं-

छोटा होना चाहिए स्टडी रूम

इस बता का ध्यान रखें कि स्टडी रूम ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। क्योंकि जब कमरा बड़ा होता है तो बच्चे का मन पढ़ाई से ज्यादा इधर-उधर भटक जाता है। वास्तु के अनुसार बच्चे का स्टडी रूम कभी भी शौचालय के नीचे न बनवाएं। साथ ही कमरे में शीशे को ऐसे स्थान पर न लगाये जहां किताबों के ऊपर शीशे की छाया पड़े।

स्टडी टेबल का आकार

बच्चों की स्टडी टेबल का आकार गोलाकार, आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। टूटी फूटी या तिरछी टेबल बच्चों का पढ़ाई से ध्यान हटाएगी। वास्तुशास्त्र कहता है कि बच्चों का स्टडी टेबल हमेशा उत्तर की ओर होनी चाहिये इससे बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है और उन्हें पॉजीटिव एनर्जी भी मिलती है। साथ ही इससे बच्चों की स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।

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ज्यादा फैंसी न बनाएं स्टडी रूम

बच्चों के स्टडी रूम को ज्यादा फैंसी बनाने से बचें। यानि कि रूम में आधुनिक चीजों जैसे कि टीवी, फ़ोन, टैब या आईपैड रखने से बचें। अगर बच्चों को कंप्यूटर की वास्तव में आवश्यकता है तभी उसे स्टडी रूम में रखें। इसके अलावा पढ़ाई के कमरे में सिर्फ पढ़ाई का सामान ही रखें और कुछ भी न रखें क्योंकि कमरा जितना भरा होगा उतना ही बच्चे का दिमाग पढ़ाई में नहीं लगेगा।

चटख रखें दीवारों का रंग

बच्चों को चटख रंग आकर्षित करते हैं इसलिए कोशिश करें कि उनके स्टडी रूम की दीवारों का रंग भी चटख हो। इससे उन्हें बोरियत नहीं होगी और उनका मन लगेगा। इसी तरह स्टडी रूम की टेबल और कुर्सी का कलर भी ब्राइट कलर का होना चाहिये। इससे स्टडी रूम में पॉजीटिव एनर्जी आएगी और बच्चे का ध्यान भी पढ़ाई में लगेगा।

रूम को रखें व्यवस्थित

स्टडी टेबल को इस तरह रखें जहां बच्चा कम्फरटेबल होकर बैठ सके। टेबल को दीवार से सटा कर बिलकुल भी न रखें। जो किताबें और नोट्स काम में नही आने वाले है उन्हें स्टडी रूम से हटा दें। स्टडी टेबल के सामने कम से कम 2 फुट की जगह होनी चाहिये। ऐसा करने से बच्चे को मिलने वाली उर्जा में कोई बाधा नहीं पड़ती है। स्टडी रूम में एक सरस्वती माता का चित्र भी जरुर लगाये। सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है।

बच्चों में पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली आदतें

रूटीन

सबसे पहले तो बच्चे के लिए रूटीन सेट करें। इस रूटीन में खेलने से लेकर पढ़ने तक का समय निश्चित करें। इसमें छोटे बच्चों के लिए एक या दो घंटे का समय पढ़ाई के लिए तय कर दें। इस नियम के चलते बच्चे को हर दिन तय समय पर पढ़ाई करने की आदत होगी।

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स्टडी एरिया

बच्चे की पढ़ाई के लिए सही जगह तय करें। टीवी देखते हुए या खाना खाते समय पढ़ाई करना सही नहीं है। पढ़ाई के उसे स्टडी टेबल पर बैठने की आदत लगाएं। पढ़ाई के लिए ध्यान और एकाग्रता की जरूरत होती है।

प्रेशर न डालें

हर समय बच्चों को पढ़ने के लिए न बोलें, इससे उनके मन में पढ़ाई का हौव्वा बन जाता है। उसे तय समय पर पढ़ाई करने के लिए इनकरेज करें। संभव हो तो उस समय उसे वक्त दें और उसके सीखने की कोशिश की तारीफ करें।

लिखने की आदत

केवल यह कहना काफी नहीं है जाओ पढ़ाई करो। बल्कि उसके साथ बैठकर पढ़ाई का तरीका भी बताना चाहिए। कैसे चीजों को याद करके लिखने से मदद मिलती है, यह भी बच्चों को बताएं।

हेल्दी डाइट और नींद

हेल्दी ब्रेन के लिए हेल्दी बॉडी की जरूरत होती है। बच्चों को हेल्दी डादट लेने के लिए इनकरेज करें। उन्हें नियमित रूप से सुबह शाम दूध पीने के लिए कहें। ठीक से नहीं खाने के कारण बच्चों में चिप्स और कुरकुरे जैसे स्नैक्स की आदतें पड़ जाती है। खाने के साथ साथ हर दिन अव्छी नींद भी जरूरी है। इसके लिए सही समय पर सोने की आदत डालें।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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