दिल्ली

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता को 27 हफ्ते की प्रेगनेंसी खत्म करने की दी इजाजत,पीड़िता मेडिकल तौर पर फिट

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कल अस्पताल में उपस्थित रहे, ताकि गर्भपात की प्रक्रिया की जा सके।

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता को दी गर्भपात की अनुमति, शादी से पहले गर्भवती होना मानसिक तनाव


हाई कोर्ट ने 11 अगस्त को रिकॉर्ड पर लिया था, लेकिन अजीब बात है कि मामले को 12 दिन बाद 23 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा –

पीड़िता 27 सप्ताह की गर्भवती है। एक बलात्कार पीड़िता को यह कहते हुए गर्भपात कराने की अनुमति दी कि वह इस प्रक्रिया के लिए मेडिकल तौर पर फिट है और इससे गर्भधारण करने की उसकी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।यौन उत्पीड़न के मामलों में गर्भधारण पीड़ितों के लिए तनाव और आघात का कारण हो सकता है।ऐसा गर्भधारण न केवल गर्भवती महिलाओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, बल्कि उनकी चिंता एवं मानसिक पीड़ा का कारण भी होता है। किसी महिला पर यौन हमला अपने आप में तनावपूर्ण होता है और यौन उत्पीड़न के कारण गर्भधारण के विपरीत परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि ऐसा गर्भधारण स्वैच्छिक नहीं होता है।

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एक बलात्कार पीड़िता गर्भपात कराने की अनुमति –

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कल अस्पताल में उपस्थित रहे, ताकि गर्भपात की प्रक्रिया की जा सके। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि भ्रूण जीवित पाया जाता है, तो अस्पताल यह सुनिश्चित करेगा कि भ्रूण को जीवित रखने के लिए हर आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। शिशु अगर जीवित रहता है तो राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया कि बच्चे को कानून के अनुसार गोद लिया जाए।

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