दिल्ली

MRI Machine In Aiims : कैसी भी हो बीमारी एम्स की इस अत्याधुनिक मशीन से हो जाएंगे बेपर्दा

नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में मरीजों को कई तरह की नई सुविधाएं दी जाती है। इसी क्रम में एम्स में अब मरीजों के लिए एडवांस तकनीक की एमआरआई मशीनों से मरीजों का स्कैन करके मरीज की बीमारी की बेहतर तरीके से पहचान किया जा सकता है।

MRI Machine In Aiims :अब तक सिर्फ 7 ही ऐसे यंत्र है, दिल्ली एम्स में इस नई तकनीक से होगा मरीजों का एमआरआई

नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में मरीजों को कई तरह की नई सुविधाएं दी जाती है। इसी क्रम में एम्स में अब मरीजों के लिए एडवांस तकनीक की एमआरआई मशीनों से मरीजों का स्कैन करके मरीज की बीमारी की बेहतर तरीके से पहचान किया जा सकता है।

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देश का पहला 7 टेसला एमआरआई मशीन –

इस देश के लिए ये सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अब चाहे बीमारी कैसी भी हो, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (aiims) में इसका पता हर हाल में चल सकता है। एम्स नई दिल्ली में देश का पहला 7 टेसला क्षमता वाले एमआरआई से शरीर के अंदर बारीक से बारीक चीजों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। कहा जा रहा कि  मरीजों की जांच के लिए पूरी दुनिया में अब तक 7 ही ऐसी एमआरआई की मशीन है और इनमें से एक अब भारत के एम्स में भी मौजूद हो चुकी है।

7 टेसला एमआरआई मशीन –

जब भी  शरीर के अंदर कई जटिल बीमारी हो जाती है तो उसे समझने के लिए एमआरआई mri का सहारा लिया जाता है। ऐसे में  एमआरआई चुंबकीय क्षेत्र वाली तकनीक पर काम करता है। इसमें बहुत तेज गति से चुंबकीय स्पंदन को शरीर के अंदर घुसाया जाता है जिससे हार्ट या स्पाइन के एकदम अंदर की गड़बड़ियों का फोटों तक उभर आता है। वैसे तो अब तक जो एमआरआई की तकनीक मौजूद थी, उसकी क्षमता 3 टेसला तक की है, जिसमें कुछ जटिल बीमारियों के बारीकी का पता लगाने मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब 7 टेसला मशीन इन जटिल से जटिल बीमारियों का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

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यह मशीन कहां कहां है –

दुनिया में अब तक फिलहाल 10 सेंटरों पर 7 टेसला की एमआरआई मशीन उपलब्ध कराया गया है। इनमें से 4 मशीन यूरोप में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि एम्स जैसे संस्थान में इस मशीन का आना एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसके बारे में  डॉ गुप्ता ने कहा कि दुनिया के बड़े अस्पतालों में एम्स एक है जहां मरीजों की संख्या बहुत अधिक होती  है,और ऐसे में इस तरह की मशीन डॉक्टर और मरीजों दोनों के लिए वरदान साबित हो सकती है।

3 टेक्सला से 7 टेक्सला पर एमआरआई में अंतर –

इसके बारे में डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि आज की तारीख में न्यूरो साइंस बिना एमआरआई मशीन के संभव ही नहीं है, खासकर बात जब ब्रेन की होती है तो एमआरआई बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने आगे बताया कि क्लिनिक इमेजिंग के लिए बेसिक 1.5 टेसला की जरूरत होती है। हालांकि 3 टेसला इमेजिंग की गुणवत्ता इससे अच्छी होती है और इससे बेहतर परिणाम आते हैं। लेकिन डबल मैग्नेट स्ट्रेंथ के साथ 7 टेसला पिछले दो वर्ष में दुनिया के सामने आया है। वैसे 3 टेक्सला से 7 टेसला से बेहतर रेजोल्यूशन से फिल्म निकल कर सामने आती है जिससे बीमारियों की बारीकी को आसानी से समझा जा सकता है।

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