दिल्ली

Monsoon 2023: इस दिन दिल्ली-NCR में दस्तक दे सकता है मानसून, भीषण गर्मी से मिलेगी राहत

मौसम वैज्ञानियों के मुताबिक, 30 जून के आसपास दिल्ली-NCR में मॉनसून दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि मौजूदा स्थितियों में दिल्‍ली का तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।

Monsoon 2023: जानिए कहां तक पहुंचा मानसून, किस दिन बरसने कि है उम्मीद

Monsoon 2023: देश के ज्यादातर हिस्सों में तेज धूप, तपिस और भीषण गर्मी पड़ रही है। अब लोगों को बड़ी ही बेसब्री से मानसून का इंतजार है। मानसून को लेकर मौसम विभाग ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। आमतौर पर 1 जून को केरल के आसमान में मानसूनी बादल छा जाते हैं। केरल में झमाझम बारिश होने लगती है, लेकिन इस बार 7 जून हो चुकी है, अभी तक मानसून का नामोनिशान नहीं है। खैर अब मौसम विभाग ने एक बड़ी खुशखबरी दी है।

48 घंटे में बरसने की उम्मीद

मौसम विभाग का कहना है कि मानसूनी बादलों के आगे बढ़ने के लिए भी स्थितियां बड़ी अनुकूल हैं। मानसूनी बादल दक्षिण अरब सागर, पूरे लक्षद्वीप, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी, सेंट्रल और नॉर्थ-ईस्ट के साथ ही उत्तर पूर्वी राज्यों में भी अगले 48 घंटे में बरसने की उम्मीद है।

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दिल्‍ली-NCR में कब दस्‍तक देगा मानसून

मौसम वैज्ञानियों के मुताबिक, 30 जून के आसपास दिल्ली-NCR में मॉनसून दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि मौजूदा स्थितियों में दिल्‍ली का तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। लेकिन, हल्के बादल छाए रहेंगे। बादल, धूप और हवा के रुख की वजह से मौसम में आद्रता का स्तर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे उमस और बढ़ सकती है। ऐसी स्थितियां मॉनसून के लिए अनुकूल हैं।

मौसम विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटे में केरल के ऊपर मानसूनी बादल छा सकते हैं। यही नहीं यहां मानसून की पहली बारिश होने के भी पूरे आसार हैं। इससे पहले मौसम विभाग ने पिछले महीने अनुमान जताया था कि इस बार मानसून 4 जून को केरल पहुंचेगा। आमतौर पर 1 जून को केरल पहुंचने वाले मानसूनी बादल एक हफ्ते आगे या पीछे हो सकते हैं।

भारत में खरीफ फसलों के लिए जरूरी है मानसून

मानसून भारत में खरीफ की फसलों के लिए बहुत ही जरूरी है। हमारे देश में मौसम चक्र के अनुसार साल में तीन फसलें उगाई जाती हैं। इन तीनों को समर, खरीफ और रबी की फसलें कहा जाता है। जिन फसल को जून-जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर-नवंबर में काटा जाता है। उसे खरीफ की फसल कहते हैं। जिन फसलों को अक्टूबर-नवंबर में बोकर जनवरी-मार्च में काटा जाता है उन्हें रबी की फसल कहते हैं। इस दोनों के बीच में समर की फसलें होती हैं।

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चक्रवाती तूफान- बिपरजॉय

इधर अरब सागर में एक चक्रवाती तूफान भी उठा है, जिसका नाम बिपरजॉय है। यह तूफान अगले कुछ घंटों में गंभीर रूप धारण कर सकता है। किसानों को तूफान प्रभावित हिस्से में मछली मारने के लिए जाने से मना किया गया है और जो लोग पहले से ही समुद्र में हैं उन्हें तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

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