Delhi Airport: बर्ड स्ट्राइक के लिए खुद जिम्मेदार है आई जी आई एयरपोर्ट!
Delhi Airport: अवैध कचड़े के कारण दुबई जा रहे विमान की हुई पक्षियों से टक्कर, दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई इमर्जेंसी लैंडिंग ।
Delhi Airport: विमानों से पक्षियों के साथ हुई टक्कर के पीछे अवैध रूप से कचरे की डंपिंग का आरोप, इमरजेंसी लैंडिंग से उठा सवाल।
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दुबई जा रहे विमान से पक्षी टकराने के कारण विमान को दिल्ली हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग कराया गया। निश्चित ही यह खबर पुरानी हो गई हो लेकिन कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। ।दरअसल, इस लैंडिंग के पीछे चौकाने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट से निकलने वाले कचरे को अवैध रूप से रंगपुरी पहाड़ी पर डाला जाता है। जिसके कारण विमान से पक्षी टकराने का मामला बढ़ता जा रहा है।
हांलाकि दिल्ली नगर निगम के एक जूनियर इंजीनियर द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट के ऊपर एफआईआर भी दर्ज की गई है। फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट के डाटा अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से लगभग 50 से 55 हजार किलो कचरा दिल्ली एयरपोर्ट से निकलता है। जो अवैध रूप से रंगपुरी पहाड़ी पर डाला जाता है।
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दिल्ली नगर निगम के सहायक अभियंता संघप्रिया, निवासी महिपालपुर ने बताया कि बीते कुछ महीने पूर्व दो विमानों के साथ बर्ड स्ट्राइक हुई थी। जिसके कारण पैसेंजर विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए इस पर जांच की तो सामने आया कि दिल्ली एयरपोर्ट की एजेंसी द्वारा अवैध तरीके से रंगपुरी और महिपालपुर में सारा कचरा डाला जा रहा है। जिसके कारण पहले भी विमानों से पक्षी टकरा चुके हैं और आने वाले समय में एक बड़ा हादसा हो सकता है।
संघप्रिया ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पर कार्रवाई करने का प्रयास किया परंतु उन पर दवाब बनाया गया। जिस कारण से एफआईआर (FIR) रजिस्टर तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वह एक सरकारी कर्मचारी है, जिसके कारण उनको अपने अधिकारियों की बात माननी पड़ती है। उनके मुताबिक, इस मामले की जानकारी ऊपर बैठे सभी अधिकारियों को हैं, परंतु कोई कुछ नहीं करना चाहता।
बता दें दिल्ली एयरपोर्ट की कार्य नीति के अनुसार, एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर के दायरे में इस तरह की गतिविधि करने पर रोक है, लेकिन जानकर हैरानी होगी रंगपुरी पहाड़ी का इलाका एयरपोर्ट के 6 कि मी के दायरे में आता है।
इस मामले की छानबीन की तो पता ब कि महिपालपुर के रंगपुरी पहाड़ी के आसपास वहां लोगों ने एक बस्ती बनाई है। वो सभी रोहिंगिया है, जो वहां पिछले 5-6 वर्षों से रह रहे हैं। बातचीत करने पर तायिव अली निवासी रंगपुरी पहाड़ी ने बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से वहां रह रहे हैं। वह सभी कूड़ा छाँटने का काम करते हैं। ये कचरा की गाड़ियां दिल्ली एयरपोर्ट से आती है, जिसके बदले एक गाड़ी पर इन्हें 20 हजार रुपए मिलते हैं।
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