Income Tax Return: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जारी किए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म, यहां जानें फाइल करने का स्टेप-बाय-स्टेप प्राॅसेस
Income Tax Return: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने FY2023-24 (AY 2024-25) के लिए लागू ITR-1 और ITR-4 के लिए ऑफलाइन व ऑनलाइन फॉर्म जारी कर दिए हैं। इन इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म का इस्तेमाल 1 अप्रैल, 2024 से FY2023-24 (AY 2024-25) के लिए ITR फाइल करने के लिए किया जा रहा है।
Income Tax Return: रिटर्न फाइल करने के लिए यै है ऑप्शन, एक क्लिक में जानें सब कुछ
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने FY2023-24 (AY 2024-25) के लिए लागू ITR-1 और ITR-4 के लिए ऑफलाइन व ऑनलाइन फॉर्म जारी कर दिए हैं। इन इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म का इस्तेमाल 1 अप्रैल, 2024 से FY2023-24 (AY 2024-25) के लिए ITR फाइल करने के लिए किया जा रहा है। JSON एक फाइल प्रारूप है जिसका इस्तेमाल ऑफलाइन उपयोगिता में पहले से भरे हुए रिटर्न डेटा को डाउनलोड या इंपोर्ट करते समय किया जाता है और इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट के अनुसार, ऑफलाइन उपयोगिता में तैयार ITR उत्पन्न करते समय भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
जिन टैक्सपेयर्स के खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए वित्त वर्ष 2023-24 (AY2023-24) के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2024 है। आयकर विभाग ने करदाता के लिए आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-4 का ऑफलाइन एक्सेल यूटिलिटीज भी जारी किया था। टैक्सपेयर ई-फाइलिंग के अलावा JSON के जरिये भी रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
रिटर्न फाइल करने के लिए यै है ऑप्शन
टैक्सपेयर ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिये आईटीआर फाइल कर सकते हैं। करदाता के पास JSON के जरिये भी ऑनलाइन टैक्स रिटर्न फाइल करने का ऑप्शन है। इसके अलावा JSON और एक्सेल यूटिलिटीज के माध्यम से ऑफलाइन और ऑनलाइन रिटर्न भी फाइल किया जा सकता है।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर कैसे फाइल करें ITR
टैक्सपेयर को ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन करना होगा। इसके बाद स्क्रीन पर शो हो रहे ‘आईटीआर फाइल’ (File Income Tax Return) ऑप्शन को सेलेक्ट करना होगा। अब स्क्रीन पर करदाता को को वार्षिक सूचना विवरण (AIS) और 26एएस फॉर्म शो होगा। इस फॉर्म में लगभग करदाता की सभी जानकारी भरी होगी। करदाता को सभी जानकारी को एक बार क्रॉस चेक जरूर करना होगा। वह फॉर्म 16, फॉर्म 16ए, अन्य टीडीएस प्रमाणपत्र (TDS Certificate), ब्याज प्रमाणपत्र (Interest Certificate) और वेतन पर्ची (Pay Slip) को जरूर दो-तीन बार चेक करें। अगर सभी डेटा सही हैं तब ही फॉर्म को सबमिट कर दें। इस तरह वह आसानी से ई-फाइलिंग के जरिये रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
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ऑफलाइन कैसे फाइल करें रिटर्न
करदाता के पास JSON और एक्सेल यूटिलिटीज के जरिये ऑफलाइन आईटीआर फाइल करने का भी ऑप्शन है। ऑफलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर को ई-फाइलिंग पोर्टल से फॉर्म को डाउनलोड करना होगा। पहले से भरे फॉर्म और उसके डेटा के लिए करदाता को ई-फाइलिंग पोर्टल से इनकम टैक्स अकाउंट ऑप्शन में जाकर प्रीफिल्ड एक्सएमएल को डाउनलोड करना होगा। फॉर्म को क्रॉस चेक और एडिट करने के बाद करदाता को यह फॉर्म फिर से ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
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आईटीआर फॉर्म की पात्रता
आईटीआर-1: जिन करदाता की इनकम सैलरी, प्रॉपर्टी, इंटरेस्ट, डिविडेंड, पेंशन, कृषि से 50,000 रुपये तक की इनकम या फिर कोई और सोर्स से इनकम होती है उन्हें रिटर्न फाइल करने के लिए आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है। बता दें कि इसमें करदाता की 1 वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये से ज्यादा इनकम नहीं होनी चाहिए।
आईटीआर-2: जो टैक्सपेयर एक से ज्यादा प्रॉपर्टी या फिर कोई कैपिटल गेन से मुनाफा कमाते हैं उन्हें आईटीआर-2 फॉर्म भरना होता है।
आईटीआर-4: जिन करदाता की इनकम उनके बिजनेस से होती है या फिर वो धारा 44एडी, 44एडीए और 44एई के तहत आते हैं वह रिटर्न फाइल करने के लिए आईटीआर-4 का इस्तेमाल करते हैं।
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