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Bhadrapada Purnima 2023 : आज है भाद्रपद की पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और दान का महत्व

इस वर्ष 2023 में भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 28 अगस्त को पड़ी थी, जिसका समापन 29 सितंबर को होता है। और इसी तिथि को भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो जाती है।

Bhadrapada Purnima 2023 : भाद्रपद मास की पूर्णिमा को बन रहे हैं ये पांच खास संयोग, ये है खास संयोग


हमारे हिंदू धर्म में भाद्रपद महीने का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 2023 में भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 28 अगस्त को पड़ी थी, जिसका समापन 29 सितंबर को हो रहा है और इसी तिथि को भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो जाती है।

भाद्रपद मास की पूर्णिमा का महत्व –

इस साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा 29 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी, कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ भगवान शिव की आराधना भी करनी चाहिए। ऐसा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करके एक धतूरा और कुछ बेलपत्र उन्हें चढ़ाना अति उत्तम माना जाता है। इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और इस दिन मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। सनातन धर्म मे भाद्रपद की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की भी शुरुआत होती है साथ ही इस दिन स्नान-दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

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भाद्रपद मास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त –

भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 28 सितंबर शाम 06 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी। वहीं इसका समापन 29 सितंबर दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में पूर्णिमा का व्रत 28 सितंबर 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। वहीं, दान आदि के लिए 29 सितंबर 2023, शुक्रवार का दिन शुभ माना जाएगा।

भाद्रपद मास की पूर्णिमा का खास 5 संयोग –

इस दिन 5 विशेष संयोग बन रहे हैं।  पहले तो पूर्णिमा शुक्रवार के दिन है और ये दिन धन की देवी लक्ष्मी का प्रिय दिन होता है, इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग, ध्रुव योग और अमृत सिद्धि योग भी इस खास दिन पर ही बन  रहा है। इसलिए भगवान सत्यनारायण की विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करें और कथा सुनें। भगवान सत्यनारायण को पंजीरी, पंचामृत और चूरमे का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद अपने आसपास के लोगों में वितरित करें। पूर्णिमा का दिन जरूरतमंदों को अपनी क्षमतानुसार दान जरूर करें।

भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन करे पूजा-अर्चना –

पूर्णिमा व्रत की तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान आदि करने के बाद साफ व पीले रंग के वस्त्र धारण करें। नदी के स्थान पर आप घर में भी पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद व्रत का संकल्प करें।

भगवान सत्यनारायण की विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करें और ध्यानपूर्वक इसकी कथा सुनें। भगवान सत्यनारायण को पंजीरी, पंचामृत और चूरमे का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद अपने आसपास के लोगों में वितरित करें। पूर्णिमा का दिन जरूरतमंदों को अपनी क्षमतानुसार दान जरूर करें।

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