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Kailash Mansarovar : क्या कैलाश मानसरोवर में बर्फ पिघलने पर सुनाई पड़ती है एक रहस्यमयी आवाज़, जानिए इस पवित्र तीर्थ स्थल के बारे में
पर्यटन

Kailash Mansarovar : क्या कैलाश मानसरोवर में बर्फ पिघलने पर सुनाई पड़ती है एक रहस्यमयी आवाज़, जानिए इस पवित्र तीर्थ स्थल के बारे में

पौराणिक कथाओं में कैलास पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है। इसलिए तो कहा जाता है कि गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर की बर्फ पिघलती है, तो एक प्रकार की आवाज़ भी सुनाई देती है। श्रद्धालु मानते हैं कि यह मृदंग की आवाज़ है।

Kailash Mansarovar : हवाएं करती हैं ‘ऊँ’ की ध्वनि का उच्चारण, कैलास पर्वत के ये रहस्य जानेंगे तो दंग रह जाएंगे

पौराणिक कथाओं में कैलास पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है। इसलिए तो कहा जाता है कि गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर की बर्फ पिघलती है, तो एक प्रकार की आवाज़ भी सुनाई देती है। श्रद्धालु मानते हैं कि यह मृदंग की आवाज़ है।

कैलास पर्वत को स्वर्ग कहा जाता है –

हमारे पौराणिक कथाओं में कैलास पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। आपको बता दें कि यह रहस्यमयी पर्वत अपने आप में कई कथाओं को समेटे हुए हैं। इसमें  शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलास खंड नाम से अलग ही अध्याय होते  है, जिसमें कैलाश पर्वत की महिमा के बारे में उल्लेख किया गया है।

 

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क्या कहती है कैलाश मानसरोवर की मान्यता –

कैलास पर्वत के पास प्राचीन धन कुबेर नगरी भी है। हालांकि इसके निश्चित स्थान के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल सका है। पर ये मान्यता  है कि कोई व्यक्ति मानसरोवर में एक बार डुबकी लगा ले, तो वह ‘रुद्रलोक’ पहुंच सकता है। कैलाश पर्वत, जो स्वर्ग है जिस पर कैलाशपति सदाशिव विराजे हैं, और नीचे मृत्युलोक है, इसकी बाहरी परिधि 52 किलोमीटर तक  है। इसलिए तो ये कहा जाता है कि सारे ‘तीरथ सौ बार, कैलाश यात्रा एक बार’ जरूर करना चाहिए।

चार झीलों से घिरा है कैलाश पर्वत –

यह कैलास पर्वत सिंध, ब्रह्मपुत्र, सतलज, और घाघरा चार मानसरोवर से घिरा हुआ है,जिसमें  कैलाश मानसरोवर शुद्ध पानी की दुनिया की पहली सबसे उच्चतम झील मानी जाती है और जिसका आकार सूर्य के समान माना जाता है। यहां पर राक्षस झील भी है, जो दुनिया की सबसे उच्चतम खारे पानी की झीलों में से एक है। इसका आकार चंद्र के समान माना जाता है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।

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इस पर्वत पर सुनाई देती है भोलेनाथ के डमरू की आवाज –

यदि आप कैलाश मानसरोवर झील के पास में जाएंगे जो यहां आपको निरंतर एक प्रकार की ध्वनि सुनाई देती है। अगर आप ध्यान से सुनने पर यहां आपके कानों में डमरू और ऊँ की ध्वनि गुंजायमान होती है। लेकिन इस ध्वनि का स्रोत आज तक कोई नहीं जान पाया है। वैसे वैज्ञानिकों के शोध के आधार पर यह भी कहा जाता है कि यहां पर हवाएं जब पहाड़ों से टकराती हैं और बर्फ पिघलती है तो यह ध्‍वनि उत्‍पन्‍न हो जाती है। इतना ही नहीं पर्वत के ऊपर आसमान में भी कई बार विशेष प्रकार दिव्य रोशनी देखे जाने की बात कही गई है।

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