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Emotional Triggers In Relationships: रिलेशनशिप में महिलाओं को इमोशनली ट्रिगर कर देती हैं ये चीजें, जानें इससे कैसे निकलें बाहर
लाइफस्टाइल

Emotional Triggers In Relationships: रिलेशनशिप में महिलाओं को इमोशनली ट्रिगर कर देती हैं ये चीजें, जानें इससे कैसे निकलें बाहर

Emotional Triggers In Relationships: मन ही मन व्यक्ति कई तरह की उलझनों से जूझता है। अचानक किसी परिस्थिति में जब आपका माइंड और बॉडी मिलकर किसी प्रतिक्रिया को ज़ाहिर करते हैं, तो वो सिचुएशन इमोशनल ट्रिगर कहलाती है।

Emotional Triggers In Relationships: इमोशनली ट्रिगर होने के ये हैं कारण, जानें क्या करना चाहिए और क्या नहीं

कभी आप खुश रहते हैं, तो कभी उदास महसूस करते हैं। ये सभी चीजें आपके एनवायरमेंट पर निर्भर करती हैं। जो मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। रिश्तों में उतार चढ़ाव आना बेहद सामान्य है। मगर उन परिस्थितियों पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करना इमोशनल ट्रिगर्स (emotional trigger) कहलाता है। कई बार कुछ चीजें हमारे व्यवहार को उत्तेजित कर देती हैं, तो कभी कभार हम निराश हो जाते हैं। रिश्तों में ऐसे कई मोड़ आते हैं। जब हम इस तरह के भावनात्मक ट्रिगर्स का सामना करते हैं। जानते हैं कि वो कौन से भावनात्मक ट्रिगर्स हैं, जो रिश्तों में अकेलेपन का कारण बनते हैं।

इमोशनल ट्रिगर क्या होता है

मन ही मन व्यक्ति कई तरह की उलझनों से जूझता है। अचानक किसी परिस्थिति में जब आपका माइंड और बॉडी मिलकर किसी प्रतिक्रिया को ज़ाहिर करते हैं, तो वो सिचुएशन इमोशनल ट्रिगर कहलाती है। इसमें व्यक्ति की दिल की धड़कन तेज़ और खुद पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। भावनाओं पर नियंत्रण और उचित अभिव्यक्ति के लिए हमें इमोशनल ट्रिगर (emotional trigger) का पता होना बेहद ज़रूरी है। कई बार हंसता हुआ व्यक्ति किसी छोटी सी बात पर अजीब तरीके से रिएक्ट करने लगता है। जो उस व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को ज़ाहिर करता है। इस स्थिति में पहुंचकर व्यक्ति कई प्रकार से व्यवहार करने लगता है।

चीज़ें जो कर सकती हैं महिलाओं को इमोशनली ट्रिगर

इनसिक्योरिटी

इनसिक्योरिटी रिलेशनशिप का सुख-चैन छीन सकती है। इसके चलते कई बार लोग बेवजह भी झगड़ने लगते हैं। रिलेशनशिप में ये चीज़ महिलाओं को इमोशनली ट्रिगर करती है। जिसके चलते शक, पजेसिवनेस और दूसरी समस्याएं एक के बाद एक शुरू हो जाती हैं।

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अकेलापन

रिलेशनशिप में अकेलापन भी महिलाओं को इमोशनली ट्रिगर कर सकता है। दरअसल महिलाओं का नेचर पुरुषों से अलग होता है, ये जाहिर सी बात है। जहां पुरुषों को अकेलापन इतना नहीं खलता वहीं महिलाएं इससे बहुत ज्यादा परेशान हो जाती हैं। तरह-तरह के ख्याल उनके दिमाग में आने लगते हैं जो रिश्ते में मनमुटाव की वजह बन सकते हैं।

खुद पर कंट्रोल न कर पाना

अपने आप को साबित करने के लिए आप कई प्रकार के प्रयास करते हैं। इसके बावजूद अगर कोई आपकी भावनाओं को न समझे और आपकी अवहेलना करने लगे। तो ऐसे में कई बार खुद पर अपना कंट्रोल खोने लगते हैं। आप दूसरों की बातों को सुनने के बाद अपना रिएक्शन दे देते हैं। जो एक प्रकार का इमोशनल ट्रिगर है। जो आत्म नियंत्रण न होने के कारण बढ़ जाता है।

दूसरों से अलग महसूस करना

जब आपके थॉटस अन्य लोगों से मैच नहीं करते हैं, तो आप खुद को एक्सक्लूडिड फील करने लगते हैं। मन ही मन आप अपने वजूद की तलाश में निकल पड़ते हैं। भीड़ में भी अगर आपको ऐसा लगने लगे की आप सबसे अलग है, तो ये आपकी इमोशनल वीकनेस को दर्शाता है।

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ऐसा प्रिटेंड करना कि आप खुश हैं

बार बार अवॉइड करने के बाद भी अपने पार्टनर की बहुत सी बातें और व्यवहार जब आपको परेशान करती हैं, तो कई बार अन्य लोगों के सामने खुद को खुश दिखाने लगते हैं। मगर वास्तव में आप बेहद परेशान और अकेलेपन का शिकार होते हैं।

इमोशनल ट्रिगर्स से बचने के लिए करें ये काम

  • अगर आपको भी लग रहा है कि आप रिलेशनशिप में छोटी-छोटी बातों को लेकर हाइपर हो जाती हैं, तो आपको एक शॉर्ट ब्रेक की जरूरत है। जो चीज़ें आपको पसंद हैं, उनके लिए वक्त निकालें। इससे एक अलग तरह के सुकून का एहसास होगा।
  • अपने अंदर चल रहे विचारों को अपने किसी करीबी से शेयर कर सकती हैं। इससे भी तनाव और दुख कम होता है।
  • सोशल कनेक्शन बढ़ाएं। कई बार शादी के बाद महिलाएं अपनी लाइफ को पति और बच्चों तक समेट लेती हैं। इससे भी उलझन पैदा होती है और स्ट्रेस बढ़ने लगता है। इसे दूर करने के लिए दोस्तों के साथ मिले, मौज-मस्ती के लिए वक्त निकालें।
  • इमोशनली मज़बूत होने के लिए अपने थॉटस को शेयर करें और अपनी कमियों को जानें। जो आपको भावनात्मक तौर पर मज़बूत करने में मदद करेंगी।
  • इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि आप वैल्यूएबल हैं और आप किसी भी मायने में कमज़ोर नहीं हैं।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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