PM Modi BRICS Summit: भारत के तरफ से ब्रिक्स की सदयस्ता में विस्तार का पूरा समर्थन, 6 नए मेंबर होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिक्स समिट को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान हुई चर्चा पर भारत का पक्ष रखा उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के विस्तार पर साथी देशों में सहमति बनी है। अर्जेंटीना और सऊदी अरब समेत छह देशों को ब्रिक्स में नए स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
PM Modi BRICS Summit: 15वें ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी का संबोधन, जिनपिंग बोले- नए सदस्यों का जुड़ना ऐतिहासिक
PM Modi BRICS Summit: जिन देशों को ब्रिक्स का न्योता मिला है, उन्हें पीएम मोदी ने बधाई दी। उन्होंने कहा- भारत ने ब्रिक्स विस्तार का हमेशा समर्थन किया। इन सभी देशों से हमारे गहरे और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। मुझे खुशी है कि 3 दिन की बैठक में कई पॉजिटिव रिजल्ट्स मिले हैं।
चंद्रयान-3 पर बधाइयों के लिए सभी को शुक्रिया
पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 ने कल चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की। यह सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय के लिए उपलब्धि है। पीएम ने कहा कि भारत ने जहां टारगेट किया था, हमने वहीं लैंडिंग की। एक कठिन सतह पर हमने सफलतापूर्व लैंडर को लैंड कराया। यह भारत के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। हमें पूरी दुनिया की तरफ से जो बधाई के संदेश मिले हैं। मैं उसके लिए अपने वैज्ञानिकों और देशवासियों की तरफ से आपका शुक्रिया अदा करता हूं।
15वें ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी का संबोधन
15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को 23 अगस्त को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सारे मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा. ब्रिक्स के विस्तार पर तमाम अटकलों को धत्ता बताते हुए उन्होंने बड़े ही बेबाक अंदाज़ में भारत के नज़रिए को रखा। उन्होंने अपनी बातों से स्पष्ट कर दिया कि भारत ब्रिक्स के विस्तार का विरोधी नहीं है, लेकिन एक पहलू ऐसा है जिसको लेकर ही सभी सदस्य देशों को इस मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए।
भारत के तरफ से ब्रिक्स की सदयस्ता में विस्तार का पूरा समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में कहा कि भारत ब्रिक्स की सदयस्ता में विस्तार का पूरा समर्थन करता है और इसमें कन्सेन्सस के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करता है। पीएम मोदी की बातों से स्पष्ट है कि ब्रिक्स का विस्तार हो, लेकिन कन्सेंसस से हो, सबकी सहमति यानी सर्वसम्मति से हो। हम कह सकते हैं कि पीएम मोदी ने अपनी बातों से बाकी सदस्य देशों को बेबाक तरीके से संदेश दे दिया है कि बिना सर्वसम्मति के इस मसले पर बढ़ना उचित नहीं होगा।
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