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Women In Army: देश की गौरव हैं ये 5 भारतीय सेना की महिला अधिकारी
वीमेन टॉक

Women In Army: देश की गौरव हैं ये 5 भारतीय सेना की महिला अधिकारी

Women In Army: भारतीय सेना में महिलाएं बढ़ा रही हैं देश की मान 

Highlights :
  • भारतीय महिलाओं की ताकत से दुनिया है वाकिफ
  • भारतीय सेना में महिलाओं की ऐंट्री से बढ़ी है ताकत
  • हर फील्ड में महिलाओं ने बढ़ाया है देश का मान

महिलाओं की ताकत और उनके टैलेंट को सारी दुनिया ने देखा और सराहा है। खेल, सिनेमा, शिक्षा, ऐडमिनिस्ट्रेशन, साइंस से लेकर पॉलिटिक्स तक हर जगह महिलाओं ने न सिर्फ अपनी भागीदारी को बढ़ाया है, बल्कि अपने कौशल (स्किल) और प्रतिभा का लोहा भी मनवाया है। आज स्पोर्ट्स में महिलाएं भारत के लिए सबसे अधिक मेडल ला रही हैं। आईआईटी, आईआईएम से लेकर यूपीएससी जैसी टफ परीक्षा में टॉप लिस्ट में लड़कियों का नाम छाया रहता है। अभी कुछ दिनों पहले ही इंटरनेशनल वीमंस डे मनाया गया। भारतीय महिलाओं ने हर फील्ड में देश का नाम रौशन किया है और लगातार इसी दिशा बढ़ती ही जा रही हैं।

भारतीय सेना दुनिया में प्रसिद्ध है। भारतीय सेना कठिन परिस्थितियों में हड्डियों को गला देने वाली बर्फीला जगहों पर डटकर हमारे देश की सुरक्षा करती है। ऐसे महान भारतीय सेना में महिलाएं बढ़ चढ़कर अपनी सेवाएं दे रही हैं। इंडियन आर्मी में महिलाओं को वायुसेना की दमदार लड़ाकू विमान उड़ाते हुए देखा जा सकता है तो कुछ महिलाओं को नौसेना की वर्दी में अपना शौर्य दिखाते हुए। हम भारत की 5 महिला अधिकारियों के बारे में जानेंगे जो भारतीय सेना का गौरव बढ़ा रही हैं।

पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल हैं पुनीता अरोड़ा

आज भारतीय सेना में विभिन्न पदों पर महिला अधिकारियों को देश का गौरव बढ़ाते हुए देखा जा सकता है। कहते हैं कि पुनीता अरोड़ा महिलाओं के लिए सेना में आने की इंस्पिरेशन बनी। पुनीता अरोड़ा भारतीय नौसेना की पहली लेफ्टिनेंट जनरल थीं। पुनीता अरोड़ा का जन्म 13 अक्टूबर 1932 में, लाहौर प्रांत में हुआ था। तब लाहौर भारत का अंग था। साल 2004 में, पुनीता अरोड़ा भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर नियुक्त होने वाली पहली इंडियन महिला बनी। बता दें कि पुनीता अरोड़ा ने भारतीय नौसेना में लगभग 36 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं और इस दौरान उन्होंने कई मेडल भी प्राप्त किए।

किरण शेखावत भारत की पहली शहीद महिला थीं

भारत की सेना में महिलाओं की ऐंट्री ने देश को भी गौरवशाली बनाया है। पर, अपने देश के लिए शहीद होना यह गौरव की बात है। किरण शेखावत देश की पहली शहीद महिला थीं। यह महान गौरव किरण शेखावत के नाम दर्ज है। शहीद किरण शेखावत राजस्थान की रहने वाली थीं। लेफ्टिनेंट किरण शेखावत ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। 24 मार्च 2015, को गोवा डॉर्नियर निगरानी विमान रात में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी हादसे में किरण शेखावत शहीद हुईं।

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पद्मावती बंदोपाध्याय देश की पहली महिला एयर मार्शल थीं

आपको बता दें कि पद्मावती बंदोपाध्याय इंडियन वायुसेना की पहली महिला एयर मार्शल थीं। पद्मावती बंदोपाध्याय 1968 में, वायुसेना में शामिल हुईं। अपने लंबे कार्यकाल के बाद वर्ष 2002 में, पद्मावती बंदोपाध्याय को एयर वाइस मार्शल के पद पर पदोन्नति मिली।

गुंजन सक्सेना ‘कारगिल गर्ल’ के नाम से मशहूर हैं

गुंजन सक्सेना कारगिल गर्ल के नाम से विख्यात हैं। यह वही गुंजन सक्सेना हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों के सामने अपना दमखम दिखाया। कारगिल युद्ध में भारत की तरफ से बतौर पायलट गुंजन सक्सेना ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। गुंजन सक्सेना शौर्यवीर अवार्ड से सम्मानित हो चुकी हैं।

दिव्या अजीत कुमार

स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करने वाली पहली महिला कैडेट के रूप में दिव्या अजीत कुमार जानी जाती हैं। मात्र इक्कीस वर्ष की अवस्था में दिव्या कुमार ने यह गौरव हासिल किया। वर्ष 2010 में, कैप्टन दिव्या अजीत कुमार को सेना के वायुरक्षा कोर में नियुक्ति मिली।
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