Pregnancy Tips for working women: क्या आप भी प्रेगनेंसी में ऑफिस जाना चाहतीं हैं? रखें इन बातों का ध्यान
Pregnancy Tips for working women: इन 10 टिप्स पर ध्यान देकर प्रेग्नेंसी में भी वर्क प्लेस पर आसानी से कर सकते है काम
Highlights:
- प्रेग्नेंसी में किसी भी महिला को सावधानी बरतनी चाहिए
- वर्किंग प्लेस पर कम्फर्टेबल होकर काम करना होता है चैलेंजिंग
- कुछ आवश्यक टिप्स फॉलो कर प्रेग्नेंसी में भी किया जा सकता है काम
Pregnancy Tips for working women: प्रेग्नेंसी के पीरियड में भी वर्किंग महिलाएं वर्क प्लेस पर सक्सेसफुली काम कर सकती हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी में काम करना इतना आसान भी नहीं होता जितना आम आदमी को लगता है। इस अवस्था में मां और बेबी दोनों के हेल्थ का ध्यान रखना आवश्यक माना जाता है।
वर्किंग प्लेस पर प्रेग्नेंसी में काम करने के लिए सबसे पहले हेल्थ पर ध्यान देना होता है। जब तक कोई वूमन हेल्दी नहीं होगी, तब तक वह प्रेग्नेंसी के पीरियड में अपने टॉस्क और प्रोजेक्ट को सक्सेसफुली पूरा भी नहीं कर पाएगी। प्रेग्नेंसी के स्टेज में एक वूमन को कई तरह के शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। कई बार जोरो की नींद का आना महसूस होता है तो कई बार सिकनेस की शिकायत हो जाती है। ऐसी स्थिति में उनके लिए घर या बाहर काम करना इतना आसान नहीं होता। वर्किग वूमन के लिए प्रेग्नेंसी और भी जटिल हो जाता है। उनके लिये सबसे बड़ी चुनौती हेल्दी रहते हुए काम के प्रति प्रोडक्टिव रहना होता है।
ऐसी वर्किंग वूमन्स मात्र कुछ टिप्स को फॉलो कर खुद की देखभाल रखते हुए हेल्दी रह सकती हैं और अपने प्रेग्नेंसी पीरियड में भी वर्क प्लेस पर आराम से काम कर सकती हैं।
1-: थकान से खुद को बचाना
वर्किंग प्लेस पर मेंटल स्ट्रेस का बढ़ना कोई नई बात नही है। पर, इस वर्कलोड के बीच प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को न सिर्फ अपने शरीर बल्कि दिमाग को भी ओवर लोड के बोझ तले आने से बचाने का प्रयास करना चाहिए। हालांकि, यह इतना आसान नहीं होता। पर, यदि स्टेज पर वर्किंग प्रेग्नेंट वूमन केयर नहीं करेंगी तो इसके कारण उनके बेबी के ग्रोथ पर निगेटिव असर पड़ सकता है। इसीलिए कहा जाता है कि किसी प्रेग्नेंट महिला को बहुत ज्यादा दौड़-भाग नहीं करना चाहिए।
2-: अच्छी नींद लेना जरूरी है
जैसा कि हम जानते ही हैं कि जब वर्किंग प्लेस पर काम का प्रेसर अधिक होता है, तब यह हमें आरामदायक नींद से दूर रखता है। पर, प्रेग्नेंसी के पीरियड में यदि किसी वूमन को अच्छी नींद न मिले तो यह न सिर्फ उस वूमन के शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है, बल्कि जो बेबी गर्भ में पल रहा है उसके विकास में भी बाधक हो सकता है। एक अच्छी नींद लेने से एक प्रेग्नेंट औरत अपने साथ अपने बेबी को भी हेल्दी रख सकती है और मां और बेबी दोनों को ढ़ेरों बीमारियों से बचा भी सकती है।
3-: हेल्दी फूड और बैलेंस डाइट लेना चाहिए
हर प्रेग्नेंट वूमन को सलाह दिया जाता है कि वह फास्टिंग (व्रत या खाली पेट) या लंबे गैप तक भूखी न रहे, क्योंकि यदि वह ऐसा करती है तो Inactive and Tired महसूस कर सकती है। उसे हमेशा पोषक स्नैक्स, हरी-ताजी सब्जियों, फल, सलाद, दही दाल, दूध, अंडे इत्यादि हेल्दी डाइट और फूड खाने की सलाह दी जाती है। अच्छा खाने से उसे न सिर्फ ताकत मिलेगी बल्कि वो एक्टिव व ऊर्जावान महसूस करेगी।
4-: आरामदायक कपड़ों को पहनना चाहिए
यदि किसी प्रेग्नेंट महिला ने कम्फर्टेबल कपड़े नहीं पहना है तो उसे वर्किंग प्लेस पर ढ़ेर सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए प्रेग्नेंट वूमन को हमेशा कम्फर्टेबल कपड़ों को पहनने की सलाह दी जाती है। यदि कपड़े ढ़ीले हैं तो उसको काम करने में ज्यादा सुविधा होगी। किसी प्रेग्नेंट वूमन को हमेशा ऐसे कपड़ों को चूज करना चाहिए जिसमें उन्हें सांस लेने में आसानी हो और उन्हें मूव करने में भी दिक्कत न हो।
5-: एक वर्किग वूमन को वर्क प्लेस पर प्रॉपर तरीके से बैठना चाहिए
यह एक प्रेग्नेंट महिला के लिए बहुत जरूरी होता है कि वह अपने वर्किग प्लेस पर प्रॉपर तरीके से कुर्सी पर बैठे। उसे कुर्सी।के नीचे स्टूल रखकर बैठना चाहिए। इससे उसे पैरों और एड़ियों में आराम मिलेगा। उसके लिए और भी बेहतर होगा अगर वह बैठने में एक छोटे तकिए का इस्तेमाल कर सके। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि उसको किसी तकिए का इस्तेमाल करना ही है। वर्किंग वूमन को प्रेग्नेंसी के पीरियड में, वर्क प्लेस पर लगातार एक जगह बैठने से बचना चाहिए। उसे बीच-बीच में कुछ देर के लिए बड़े ही आराम से रेस्ट लेना चाहिए। इससे वह अच्छा फील करेगी।
6-: बीच में काम से ब्रेक लेना और हल्की एक्सरसाइज करना
सलाह दी जाती है कि किसी प्रेग्नेंट वर्किंग वूमन को नॉन- स्टाप वर्क से बचना चाहिए। उस दौरान उसे काम से थोड़ा सा ब्रेक लेना चाहिए। उसे कोशिश करना चाहिए कि वह ताजी हवा मिल सके। कहा जाता है कि इस पीरियड में गहरी सांस लेना फायदेमंद रहता है। यह उस प्रेग्नेंट महिला के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और उसे हर्टबर्न व एसिड रिफलक्स को अवॉयड करने में हेल्प करता है। उसे एक ही जगह पर देर तक बैठने से पीठ के दर्द हाथ-पैर में जकड़न हो सकता है।
7-: भारी और वजनदार सामान उठाने से परहेज करना चाहिए
किसी प्रेग्नेंट वूमन के लिए यह बहुत ही जरूरी है कि वह घर में या वर्किंग प्लेस अथवा कहीं और भी भारी-वजनदार सामान न उठाए। इसके अलावा उसे झुककर किसी काम को करने से भी बचना चाहिए। इससे उसे कमरदर्द या अन्य किसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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8-: पीने पीने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए
किसी भी प्रेग्नेंट महिला को यह हिदायत दी जाती है कि वह आफिस में काम के दौरान पानी को पीना न भूले और काम करने के चक्कर में इसे इग्नोर भी न करे। पानी की कमी से उसके लिए परेशानी का कारण उत्पन्न हो सकता है। यदि वह पर्याप्त पानी नहीं पिएगी तो उसे थकान महसूस होगा। उसे डिहाइड्रेशन के चक्कर भी आ सकता है। उसे अपने पास एक पानी की बॉटल रखनी चाहिए। इसके अलावा भी उसे नारियल पानी, जूस और हेल्दी सूप भी पीना चाहिए।
9-: प्रेग्नेंसी के दौरान खुश रहना चाहिए
एक प्रेग्नेंट औरत को हमेशा खुश रहना चाहिए। उसे वर्किंग प्लेस पर खुशी का माहौल क्रिएट करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए वह अपने कलीग और सीनियर्स से बात भी कर सकती है। कहते हैं न कि एक खुशमिजाज दिल हर तरह की बीमारियों से दूर रहता है। वह अपने परिवार में समय बिताकर तथा घर के सदस्यों से खुलकर बात करके हंसमुख माहौल बना सकती है।
10-: डॉक्टर से रेगुलर रूटीन चेक अप करना चाहिए
एक प्रेग्नेंट औरत के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह अपने शरीर को सबसे पहले प्रॉयोरिटी दे, क्योंकि उसके गर्भ में उसका बच्चा भी पल रहा होता है। यह बहुत ही जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के पीरियड में जच्चा-बच्चा दोनों ही हेल्दी रहें। एक प्रेग्नेंट महिला को टाइम टू टाइम अपने डॉक्टर से रूटीन चेक अप पर दिखाते रहना चाहिए। यदि वह परिवार में है तो वह अपने फैमिली के किसी बड़े मेम्बर या जो भी समझदार हो उससे बात कर सकती है। रूटीन चेक अप और डॉक्टर से कंसल्ट करते रहने से प्रेग्नेंसी में बहुत सारी चीजें आसान रहती हैं।