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Tollywood Actresses Suicide: टॉलीवुड ने लगातार खो दिए चार सितारें, आखिर क्या है चमकती दुनिया का सच?

Tollywood Actresses Suicide: एक महीने के अंदर चार अभिनेत्रियों ने की खुदकुशी, हँसते चेहरे कई छुपे राज


Highlights:

  •  पूरे देश से आये युवा बस एक ही ख्वाब लेकर आते हैं कि वह भी कभी सितारा बनेंगे लेकिन जब उनके इन्हीं ख्वाबों को कलंक लगता है तो यही सबको सोचने पर मजबूर कर देता है।
  •  टॉलीवुड में लगातार हुए अभिनेत्रियों के आत्महत्याओं ने सबके झकझोर दिया है।

Tollywood Actresses Suicide: टॉलीवुड साउथ की सिनेमा है। इसका नाम बंगाली फिल्म उद्योग से प्रेरित है क्योंकि टॉलीगंज कोलकाता में स्थित है।  टॉलीवुड हर साल लगभग 275 से अधिक फिल्मों का निर्माण करता है। यहाँ हर साल सपने बनते हैं और बिखरते हैं। पूरे देश से आये युवा बस एक ही ख्वाब लेकर आते हैं कि वह भी कभी सितारा बनेंगे लेकिन जब उनके इन्हीं ख्वाबों को कलंक लगती है तो यही सबको सोचने पर मजबूर कर देता है।

टॉलीवुड में लगातार हुए अभिनेत्रियों के आत्महत्याओं ने सबके झकझोर दिया है। सब अपने तरीके से इसका जवाब खोजने पर लगे हैं।

लेकिन इन मामलों की तफ्तीश में वही बार – बार निकलता है जिसे एक्सेप्ट करना सबके लिए मुश्किल हो जाता है।

टॉलीवुड में एक के बाद एक अभिनेत्रियों  की आत्महत्या की खबरें सामने आ रही हैं।

हाल ही में बंगाली टेलीविजन की मशहूर अभिनेत्री पल्लवी डे की मौत ने सबको झकझोर दिया। इतना ही नहीं पल्लवी के बाद और तीन अभिनेत्रियों की मौत की खबरें आईं। अब वक्त ऐसा आ चुका है जब इस पर सवाल करना लाज़मी है।

पल्लवी डे का शव उनके घर में फंदे से लटकता मिला था। पुलिस के अनुसार यह आत्महत्या का मामला था।

पल्लवी के बाद एक और अभिनेत्री ने आत्महत्या को गले लगाया। विदिशा डे मजूमदार एक उभरती मॉडल हैं। बीबीसी के एक रिपोर्ट के अनुसार विदिशा ने पल्लवी की मौत के बाद अपने माता – पिता से बातचीत में कहा था कि वह कभी ऐसे कदम नहीं उठा सकती, वह बहुत मजबूत है। लेकिन दस ही दिनों बाद विदिशा ने जिंदगी को अलविदा कह दिया।

लेकिन यह कहानी मात्र यही खत्म नहीं होती।

विदिशा के मौत के मात्र दो दिनों बाद विदिशा की सहेली और एक अन्य मॉडल मंजूषा नियोगी ने भी इस तरीके से अपनी जान देदी।

इसे लेकर बीबीसी ने एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी कि मंजूषा की माँ मंजूषा की मौत के जिम्मेदार अवसाद यानी डिप्रेशन को देती हैं। वह कहती हैं विदिशा की मौत के बाद मंजूषा काफी परेशान थी। बार – बार विदिशा का ज़िक्र करती थी और डिप्रेस्ड थी।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मई के आखिरी दो हफ्तों के दौरान छोटे परदे की तीन उभरती अभिनेत्रियों और एक मॉडल की मौत से टॉलीवुड में चिंता का माहौल है।

साथ ही उभरते सितारे, स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस के लिए भी डर बना हुआ है।

इनमें से ज्यादातर मामलों में कारण अधिक संघर्ष के बाद नाकामी और फिर डिप्रेशन की ओर बढ़ना बताया जाता है। फिल्मी दुनिया की चमक – धमक सबको अपनी ओर खींचती है लेकिन इस चमक – धमक के पीछे की कहानी को सामने ला पाना बेहद मुश्किल है। हालांकि कुछ मामलों में असफल प्रेम को भी कारण बताया जाता है। लेकिन इन चारों की मौत का मूल वजह अवसाद यानी की डिप्रेशन ही है।

लेकिन ज्यादातर लोग इस बारे में आज भी खुलकर बात नहीं करना चाहते हैं। वजह बहुत आसान है। अपने आपको जब ये बड़े – बड़े सीतारे एक बार ऊँचे मुकाम पर देख लेते हैं तो अचानक से खुद को ज़मीन पर देख पाना नामुमकिन सा होता है। फिर धीरे – धीरे डिप्रेशन की ओर बढ़ना लाज़मी हो जाता है।

इन घटनाओं ने फिल्मों में रातों रात कामयाब होने के संघर्ष और पलायन को सतह पर ला दिया है।

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एक ही साथ हुए इन चार मौतों ने अब यह सवाल खड़ा कर दिया है।

वैसे आम धारणा यही है कि बाहरी चमक से प्रभावित होकर तमाम लड़कियां इसकी ओर आकर्षित होती हैं। लेकिन अंदर आते ही फिल्मी दुनिया की जद्दोजहद को झेल पाना मुश्किल हो जाता है।

फिल्मोद्योग से जुड़े लोगों के अलावा मनोवैज्ञानिको ने भी इन पर गहरी चिंता जताई है और इससे सबक लेने जैसी बात कही है।

.मोटे अनुमान के मुताबिक हर साल बंगाल में छोटे पर्दे पर बनने वाले धारावाहिकों पर सौ करोड़ की रकम ख़र्च की जाती है। लेकिन कोरोना काल के दौरान लंबे समय तक शूटिंग बंद होने के कारण इस उद्योग को भारी नुकसान झेलना पड़ा है और रोजगार के मौके भी कम हो गए हैं.और शायद यह भी इन आत्महत्याओं के प्रमुख कारणों में से एक है।

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