Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति में न करें इन बातों को अनदेखा, लग सकता है काल योग
Makar Sankranti 2024: इस वर्ष संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है। कुछ चीजों को अनदेखा करने से व्यक्ति को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति के महत्व को जानें और विधिवत करें पूजा, घर में आएंगी खुशियां
Highlights:
इस वर्ष संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है।
कुछ चीजों को अनदेखा करने से व्यक्ति को अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
Makar Sankranti 2024 : देशभर में मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।इस वर्ष संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है। वहीं, कुछ चीजों को अनदेखा करने से व्यक्ति को अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आइये जानते हैं इस साल संक्रांति का सही समय , इतिहास, महत्व और संक्रांति से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
मकर संक्रांति पुण्य काल: सुबह 7:15 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा।
मकर संक्रांति काल अवधि: 10 घंटे 31 मिनट का है।
इतिहास और महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, महाभारत के हिंदू ग्रंथों और पुराणों में मकर संक्रांति का उल्लेख किया गया है। जिसके आधार पर ऋषि विश्वामित्र ने इस उत्सव को शुरू किया था। महाभारत में, पांडवों ने निर्वासन के दौरान मकर संक्रांति मनाई थी। वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन कभी-कभी सूर्य की स्थिति में परिवर्तन की वजह से एक दिन बाद भी हो जाती है।, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
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वहीं इस दिन, लोग देवी संक्रांति की पूजा करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, संक्रांति ने राक्षस शंकरासुर का वध किया था। मकर संक्रांति को करिदिन या किंक्रांत के रूप में जाना जाता है। इसी दिन देवी ने शंकर सुर राक्षस को मारा था।
किसी को खाली हाथ न जाने दें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में दान का खास महत्व है। और ये महत्व किसी खास दिन और अधिक बढ़ जाता है। मकर संक्रांति के दिन भी दिल खोल कर दान करें।किसी गरीब या जरूरतमंदों को कभी भी खाली हाथ न जाने दें। अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपको अशुभ परिणाम भुगतना पड़ेगा। किसी गरीब को घर के बाहर से खाली हाथ न जानें थे। अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें दान करें. इससे व्यक्ति को सफलता, प्रसिद्धि और सम्मान की प्राप्ति होती है।
बिना गंगा स्नान न ग्रहण करें एक भी निवाला
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करना शुभ माना गया है। कहते हैं कि इस दिन गंगा स्नान से पहले कुछ नहीं खाना चाहिए। इतना ही नहीं, नाहने के बाद भी एकदम भोजन न करें। बल्कि गंगा स्नान के बाद गरीब ब्राह्मण को कुछ दें, उन्हें भोजन कराएं। उसके बाद ही खुद खाना खाएं। ऐसा करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार के सदस्यों में तालमेल अच्छा बना रहता है।
मांस आदि के सेवन से बचें
शास्त्रों में मकर संक्रांति का दिन बेहद शुभ माना गया है। इस दिन ध्रूमपान जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए। संभव हो तो इस दिन तिल और मूंग की खिचड़ी बनाकर खाएं। मांस का सेवन गलती से भी न करें। इस दिन सिर्फ शाकाहारी भोजन ही करें। इन नियमों का पालन करने से आपको साल भर कोई रोग नहीं सताएगा और आप तनाव मुक्त रहेंगे।
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