भारत की इन महिलाओं ने सारी बाधाओं को पार कर रचा इतिहास
भारत की 4 महिलाएं जिन्होंने रचा नया इतिहास
भारत एक पुरुष प्रधान देश है यहाँ हमेशा से ही महिलाओं को उनके सपने पुरे करने की आजादी नहीं रही है। हमारे देश में हमेश से ही लिंग असमानता रही है। लेकिन फिर भी हमारे देश की बहुत सी महिलाओं ने अपनी सारी बाधाओं को पार कर अपने सपने पुरे किये और एक नया इतिहास रचा। महिलाओं ने वो सारे व्यवसायों को चुना जिसमें केवल पुरुष ही काम किया करते थे। इन महिलाओं ने अपने कार्य से सबको उत्कृष्टता में डाल दिया और अपना नाम हमेश के लिए इतिहास के पन्नों पर दर्ज करा दिया। तो चलिए आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने सपने पुरे किये और अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज कराया।
किरण बेदी: किरण बेदी भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी है। किरण बेदी भारत की सबसे ज्यादा चर्चित महिलाओं में से एक है। बेदी ने 1979 में भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन की थी। उसके बाद उन्होंने 2007 में स्वेच्छा से सेवानिवृत होने का फैसला कर लिया था। क्या आपको पता है कि किरण बेदी टेनिस चैंपियन भी रह चुकी है। उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पर चैंपियनशिप में कई खिताब जीती।
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प्रेमा माथुर: प्रेमा माथुर दुनिया की पहली महिला वाणिज्यिक पायलट है। प्रेमा माथुर ने 1947 में उसकी कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। प्रेमा ने डैक्कन एयरवेज के लिए उड़ान भरी थी। आज 21वीं सदी में भी वैश्विक स्तर पर अगर हम एयरलाइन पायलटों में महिलाओं की संख्या देखे तो वो कुछ खास नहीं है। आज वैश्विक स्तर पर महिला पायलटों की संख्या मात्र कुछ हजारों में ही है।
फातिमा बीबी: एम फातिमा बीबी का जन्म 30 अप्रैल 1927 को केरल के पथानामथिट्टा में हुआ था। फातिमा बीवी भारत की पहली महिला है जो सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनी थी। फातिमा बीबी ने अपने करियर की शुरुआत केरल में निचली न्यायपालिका से की थी। उसके बाद वो 1972 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बनी। फिर 1984 में वह उच्च न्यायालय की स्थायी न्यायाधीश बन गईं। फातिमा बीबी को सिर्फ पांच साल में न्यायाधीश के रूप में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया।
पुनीता अरोड़ा: पुनीता अरोड़ा का जन्म 1 मई 1946 को एक पंजाबी फॅमिली में हुआ था वो लाहौर की रहने वाली है। पुनीता अरोड़ा भारत की पहली महिला जो सर्वोच्च सशस्त्र बल की लेफ्टिनेंट जनरल और बाद में भारतीय नौसेना की वाइस एडमिरल नियुक्त हुई। पुनीता अरोड़ा को अब तक 15 पदकों से सम्मानित किया जा चूका है।
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