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क्या आपको भी आ जाता है बात- बात पर रोना? रोने वाले लोगों में होते हैं ये कमाल के गुण
सामाजिक

क्या आपको भी आ जाता है बात- बात पर रोना? रोने वाले लोगों में होते हैं ये कमाल के गुण

रोने वाले लोग होते है अन्दर से मजबूत


‘मर्द को कभी दर्द नहीं होता’ कितनी सच्चाई है इस डायलॉग में?

अक्सर ही भावुक लोगों को बात-बात पर रोने वाला या कमजोर दिल का कहा जाता है लेकिन क्या रोना सच में इतना बुरा होता है? हालांकि हमारे समाज में रोना हमेशा कमजोरी की निशानी मानी जाती है और एक बड़ा ही फेमस डायलॉग है मर्द फिल्म से कि ‘मर्द को कभी दर्द नहीं होता’ और रोना लड़कियां का काम है । मगर ये बात पूरी तरह से सही भी नहीं है। जो लोग अक्सर रोते हैं, उनमें कुछ ख़ास गुण हैं जो सभी सोचते है कि काश वो गुण उनमें भी होते।

भावुक लोग
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ये हैं उनकी कुछ खास खूबियाँ:-

अगर आपको किसी चीज़ का तनाव है और उस बारे में सोचते रहते हो और अगर आप रो नहीं पाते तो आपमें नाकारात्मकता बढ़ जाती है। इंसान का रोना उनके तनाव से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा तरीका है। तनाव की वजह से इंसान को दिल की बीमारी, डायबीटीज, हायपर टेंशन जैसी न जाने कितनी बीमारियां घेर लेती हैं। अगर आप इन सब से बचना चाहते हो तो बेहतर है कि थोड़े आंसू बहा लिए जाएं।

भावुक लोग
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हर इंसान के दिल में ये डर जरुर होता है कि कोई हमे रोते हुए ना देखे क्यूंकि इंसान का रोना उसे कमजोर बनता है। लेकिन जो लोग दूसरों के सामने रो लेते हैं और अपनी तकलीफ बता देते हैं, उनमें ये डर खत्म हो जाता है। कमजोर होना कोई बुरी बात नहीं होती लेकिन अपनी कमजोरी पे काबू पाना सबसे अच्छी बात होती है। जो दूसरे लोगों की परवाह नहीं करते कि कौन क्या सोचेगा, ये उस इंसान की सबसे बढ़िया क्वॉलिटी है।

इमोशनल इंटेलिजेंस या इमोशनल कोशेंट जिसे ईक्यू भी कहते हैं, आजकल लोगों की तुलना करने के लिए भी पैमाने के तौर पर देखा जाता है। अगर आप रोते हैं तो इसका मतलब है कि आपको भावनाओं की कद्र है और कोई भी इंसान किसी के भावुक रिस्पॉन्स पर ही रोता हैं। इससे आपके मन में कोई तनाव दबी नहीं रहती और आप खुद में तनावमुक्त महसूस करते हैं।

हमारे रुढ़िवादी समाज में लड़कों का रोना शोभा नहीं देता, सिर्फ महिलाएं ही रोती हैं। इसलिए अगर कोई पुरुष सबके सामने रो लेता है तो उसका रोना यह दर्शाता है कि वो समाज के थोपे हुए भेदभाव के नियम को नहीं मानता। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है क्यूंकि रोना इंसान के भावुक होने का संकेत है और हँसने-रोने जैसे भावनाएं ही इंसान को इंसान बनाती है।

इंसान का दिल और दिमाग कई तरह के भावनात्मक रिश्तों से जुड़ा होता है। जो लोग रो कर अपना इमोशन व्यक्त करते है, उनका इमोशनल कोशेंट अच्छा होता है। ऐसे लोग दूसरों की भावनाओं को भी समझते है और तो और उनकी भावनाओं से उन्हें जुड़े रहने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

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