विकिरण से खाना हो जाता है दूषित
भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न जातियों और धर्म के लोग रहते हैं। प्रत्येक जाति और धर्म के लोगों का रहन-सहन भी एक दूसरे से भिन्न है। लोगो की पहनावे में भी बदलाव है।
साथ ही साथ लोगो की सोच में भी एक दूसरे से अंतर है। विभिन्न जातियों और धर्म के रीति-रिवाजों में भी अंतर होता है। इसके साथ ही लोगों की चीजों को लेकर मान्यताओं में भी अंतर होता है। आज अब तक का सबसे बडा सूर्यग्रहण लगने वाला है। इसको लेकर भी लोगों की अलग-अलग मान्यताएं है। कई तरह की पूजा-पाठ है। कितने लोग जब तक सूर्यग्रहण रहेगा तब तक खाना नहीं खाएंगे। वैसे एक सही भी है। लेकिन आपको पता है लोग ऐसा क्यों करते हैं इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण है।
विकिरण निकलती है जो सेहत के लिए अच्छी नहीं
जैसा कि हम सभी जानते है कि चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। तब सूर्य को ग्रहण लग जाता है। खगोलविदों और वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रहण के दौरान कुछ विकिरण वातावरम में मिलकर पृथ्वी पर पहुंचती है और यह विकिकरण मनुष्य की सेहत की लिए हानिकारक होती है। इससे बहुत जल्दी भोजन में वैक्टीरिया फैलता है। इसी के कारण हो सकता है भारतीय लो सूर्यग्रहण के दौरान खाना नहीं खाते हैं।
खाना खाने से हो सकती है अपच
भारत में सूर्यग्रहण के दौरान भोजन ना करने का दूसरा कारण अपच भी हो सकती है। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान विकिरण आपके भोजन पर प्रभाव डालकर आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। कई शोधों में भी वैज्ञानिकों और शोधकर्ता इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि सूर्यग्रहम के दौरान भोजन ग्रहण करने से अपच हो सकती है।
कुछ अध्ययनों में विशेषज्ञों मे दावा किया है कि ग्रहण के प्रत्यक्ष संपर्क में आ चुका भोजन यानि जिस भोजन पर सूर्य की विकिरणें सीधी पड़ती है वो भोजन पूरी कर तरह से दूषित हो जाता है और उस खाने से केवल नुकसान ही होता है।
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