Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
क्या होता है जब माँ का अंधविश्वासों पर भरोसा ज़्यादा होता है।
लाइफस्टाइल

क्या होता है जब माँ का अंधविश्वासों पर भरोसा ज़्यादा होता है।

माँ का अंधविश्वासों पर भरोसा


हमारी माँ सबसे प्यारी होती है। माँ हर किरदार निभाती है। उसका हर ये किरदार हमे बहुत अच्छा लगता है। पर जब हमारी माँ का अंधविश्वासों पर भरोसा बढ़ जाता है तब वही अच्छी और प्यारी माँ हमारी परेशानी का कारण बन जाती है। उसका अंधविश्वास हम सभी के लिए परेशानी पैदा कर देता है। और फिर उसे जितना भी समझा लो की उसका मान्यता विश्वास नहीं पर महज़ एक मिथ्या है।

शुभ दिन पर ये काम नहीं।
शुभ दिन पर ये काम नहीं।

जब माँ का अंधविश्वासी पर भरोसा ज़्यादा हो जाता है तब अक्सर हमे इन सभी चीज़ो से गुज़रना पड़ता है:-

शुभ दिन का झंझट

हर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार बहुत ही शुभ दिन हो जाते है। इन दिनों पर नाख़ून काटना, बाल कटवाना और कपडे धोना बिलकुल मना है। यही नहीं इन दिनों पर माँसाहार खाना मतलब कुछ अशुभ करना है।

बिल्ली का रास्ता काटना

अंधविश्वासों को मानने वाली माँ के लिए अगर किसी भी काम से पहले अगर बिल्ली रास्ता काट जाए या फिर कोई छींक दे तो वो काम नही करना चाहिए। अशुभ होता है। और वही काम अगर करना ज़रूरी है तो उसे कुछ समय बाद किया जाए।

‘नज़र लग गई हैं’

घर परिवार में आयी कोई भी परेशानी या बीमारियों का कारण माँ यही देती है कि घर को किसी की बुरी नज़र लग गयी है। बच्चो की बीमारी किसी और कारण से नहीं पर पड़ोसियों और रिश्तेदारों की बुरी नज़र लगने की वजह से हुई है।

पीछे से टोकना

घर से बाहर निकलते हुए अगर कोई पीछे से टोक दे तो उनको नहीं सुनना चाहिए। पीछे से टोकना बहुत बुरी बात है। अगर आप अपनी माँ को भी पीछे से टोक दे तो वो आपको बहुत डाँटती है।

बाबा जी का फंडे

अंधविश्वासों में मानने वाली माँओ में कुछ ऐसी होती है जो बाबाओं के लफड़े में फँस जाती है। परिवार का हर काम उनके अनुसार ही चलता है। उनके द्वारा दी गई आभूषण और तरीको पर ही काम किये जाए तो ही अच्छा होता है।

जानवर को खिलाओ

माँ का अक्सर ये मानना होता है कि अगर जानवरो को खाना डाला जाए तो वो हमारे लिए शुभ होता है, हमारे सारे काम बनने लग जाएंगे। ऐसा करने से हमारी सभी दुआएँ कबूल हो जाती है।

माँ की मान्यता है।

कभी वो हमारी दोस्त बन जाती है, तो कभी बच्ची बन कर हमारे साथ हर शरारत में हमारा साथ निभाती है। मम्मी की यही छोटी बड़ी बातें कभी हमे परेशान करती है तो कभी हँसने का कारण बन जाती है। माँ जैसी कोई नही होती। और माँ जैसी भी हो, उनकी मान्यताएँ चाहे जो भी हो वो हमारे भले के लिए ही होती है।

Back to top button