World Food Day: वर्ल्ड फूड डे 2025, स्वस्थ जीवन और सतत कृषि की ओर कदम
World Food Day, वर्ल्ड फूड डे (World Food Day) हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन भूख, पोषण और खाद्य सुरक्षा के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
World Food Day : वर्ल्ड फूड डे 2025, भूख, पोषण और सतत कृषि का जागरूकता दिवस
World Food Day, वर्ल्ड फूड डे (World Food Day) हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन भूख, पोषण और खाद्य सुरक्षा के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र के Food and Agriculture Organization (FAO) के सहयोग से मनाया जाता है। वर्ल्ड फूड डे का उद्देश्य है – दुनिया भर में खाद्य असमानता, कुपोषण और सतत कृषि के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना। वर्ष 2025 में इस दिन का विषय विशेष रूप से “सस्टेनेबल फूड सिस्टम और स्वस्थ जीवन” के इर्द-गिर्द केंद्रित हो सकता है।
वर्ल्ड फूड डे का इतिहास
वर्ल्ड फूड डे की शुरुआत 16 अक्टूबर 1945 को हुई थी, जब FAO (Food and Agriculture Organization of the United Nations) की स्थापना हुई। FAO का मुख्य उद्देश्य था – विश्व में भूख और कुपोषण को समाप्त करना। 1979 में पहली बार इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने की शुरुआत हुई। यह दिन खाद्य सुरक्षा, कृषि, पोषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है।
वर्ल्ड फूड डे का महत्व
विश्व में आज भी लाखों लोग भूख और कुपोषण का सामना कर रहे हैं। FAO के अनुसार –
- लगभग 9% विश्व की जनसंख्या भूख से प्रभावित है।
- बच्चों में पोषक तत्वों की कमी से उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है।
- सतत कृषि (Sustainable Agriculture) को अपनाकर हम भविष्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
वर्ल्ड फूड डे हमें यह याद दिलाता है कि खाद्य असमानता केवल गरीब देशों की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक चुनौती है।
सतत कृषि और वर्ल्ड फूड डे
सतत कृषि का मतलब है ऐसी कृषि प्रणाली अपनाना जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए और भविष्य के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करे।
इसमें शामिल हैं –
- जैविक खेती (Organic Farming) – रासायनिक उर्वरकों का कम उपयोग।
- जल संरक्षण (Water Conservation) – वर्षा जल संचयन और ड्रिप इरिगेशन।
- जैव विविधता (Biodiversity) – विभिन्न प्रकार की फसलें उगाना।
- स्मार्ट तकनीक (Smart Technology) – खेती में नई तकनीकों का उपयोग।
सतत कृषि अपनाने से न केवल भूख को कम किया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सकता है।
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वर्ल्ड फूड डे पर जागरूकता के उपाय
- भोजन बर्बादी कम करें:
दुनिया में प्रतिवर्ष करोड़ों टन भोजन बर्बाद होता है। इसे बचाने के लिए हमें अपने खाने की मात्रा और पैकेजिंग पर ध्यान देना चाहिए। - पोषक तत्वों वाला भोजन अपनाएं:
संतुलित भोजन (Balanced Diet) अपनाना बच्चों और वयस्कों दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। - स्थानीय और मौसमी भोजन:
स्थानीय फसलें और मौसमी सब्ज़ियाँ चुनने से पर्यावरण संरक्षण और पोषण दोनों सुनिश्चित होते हैं। - खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें:
FAO और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के दिशानिर्देशों का पालन करें।
समाज और वर्ल्ड फूड डे
वर्ल्ड फूड डे पर विश्वभर में कई कार्यक्रम, सेमिनार और वर्कशॉप्स आयोजित किए जाते हैं।
- स्कूल और कॉलेज में बच्चों को भोजन सुरक्षा और पोषण के महत्व के बारे में शिक्षित किया जाता है।
- सोशल मीडिया पर #WorldFoodDay और #ZeroHunger जैसे कैंपेन चलाए जाते हैं।
- सरकारी और गैर-सरकारी संगठन भूखमरी और कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाते हैं।
यह दिन लोगों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि खाद्य सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी भी है।
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वर्ल्ड फूड डे का संदेश
वर्ल्ड फूड डे का मुख्य संदेश है “कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, और सभी को संतुलित पोषण मिल सके।”
इस दिन हमें यह समझना चाहिए कि –
- भूख और कुपोषण से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
- स्थानीय और सतत कृषि अपनाकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
- स्वस्थ और पौष्टिक भोजन अपनाकर हम अपनी और दूसरों की जीवन गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं।
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