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US strikes on Iran’s nuclear: ईरान पर हमला कर कुछ नहीं बिगाड़ सका अमेरिका, तीन परमाणु साइट्स को बनाया गया था निशाना

ईरान पर अमेरिकी हमले की चर्चा अभी भी पूरी दुनिया में हो रही है। हर कोई अपने हिसाब से दावे कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु प्रोग्राम को बड़ा नुकसान पहुंचा है। वहीं ईरान इससे इनकार कर रहा है।

US strikes on Iran’s nuclear: जानिए खुफिया रिपोर्ट और व्हाइट हाउस ने क्या क्या दावे किए गए है?


US strikes on Iran’s nuclear: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्हाइट हाउस ने एक नई खुफिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। इस रिपोर्ट में दावा किया है गया कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह तबाह नहीं किया। यह रिपोर्ट डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के परमाणु ठिकानों को सिर्फ कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला गया है, न कि पूरी तरह खत्म किया गया। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इस रिपोर्ट की बात पर नाराज हो गए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इस रिपोर्ट को ‘फर्जी’ करार देते हुए इसे सैन्य हमले को बदनाम करने की साजिश बताया।

ईरान पर हमला कर के कुछ नहीं बिगाड़ सका अमेरिका

अमेरिका में डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बवाल मचा है। इस रिपोर्ट रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज किया गया है, जिसमें कहा जा रहा है कि अमेरिकी हमले के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट हो गया है। CNN पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का परमाणु प्रोग्राम पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ है। हां, यह कुछ महीने पीछे जरूर हो गया है, लेकिन वक्त के साथ ईरान फिर उठ खड़ा होगा और परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम करने लगेगा।

खुफिया रिपोर्ट में क्या दावे किए गए है?

DIA की रिपोर्ट में कहा गया कि 22 जून को हुए हमलों ने ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचाया, लेकिन ईरान का परमाणु ढांचा अब भी काफी हद तक बरकरार है। यह दावा ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उन बयानों के खिलाफ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह तबाह हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, फोर्दो के गहरे बने बंकरों के एंट्री गेट अमेरिकी बंकर-बस्टर बमों से ढह गए। भारी बमबारी के बावजूद अंदर का ढांचा अब भी सुरक्षित है। इसके साथ ही ये भी कहा गया कि हमले से पहले ही सेंट्रीफ्यूज मशीनों को अलग जगह पर ले जाया गया। बताते चलें कि सेंट्रीफ्यूज मशीन के जरिए ही यूरेनियम को एनरीच किया जाता है। आसान भाषा में कहें तो यही मशीन यूरेनियम को शुद्ध करती है जिससे एक हद के बाद यूरेनियम-238 से यूरेनियम 235 के आइसोटोप अलग हो जाते हैं।

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अमेरिका का व्हाइट हाउस क्या कहता है?

ट्रंप प्रशासन और उनके सहयोगी अपनी बात पर कायम हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि ईरान को 60% एनरिच्ड यूरेनियम को 90% तक एनरीच करने और उसे परमाणु हथियार में बदलने की क्षमता से वंचित करना ही ‘मिशन की कामयाबी’ है। ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने DIA की रिपोर्ट के लीक को ‘देशद्रोह’ करार दिया और इसकी जांच की मांग की। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव लेविट ने कहा, “जब आप 14 तीस हजारी बम सटीक निशाने पर गिराते हैं, तो नतीजा होता है पूरी तबाही।

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