‘रोनू’ के कहर से जीवन अस्त व्यस्त
बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी-मध्य भाग में बना क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘रोनू’ में तब्दील हो गया है। रोनू का सबसे ज्यादा असर भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में हैं।
श्रीलंका में चक्रवती तूफान को देखते हुए आईएनएस सुनयना और आईएनएस सतलज को राहत सामग्री लेकर कोलंबो के लिए रवाना कर दिया गया है। गहरे दबाव के कारण आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों में भी लगातार तेज बारिश हो रही है।
नेल्लोर में तेज आंधी और बारिश के वजह से जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। तटीय इलाकों में जगह-जगह पर तूफान और तेज बारिश के कारण सड़कों पर पेड़ गिरे हुए है। कई इलाकों में बिजली की सर्विस भी पूरी तरह से ठप हो गई है।
रोनू चक्रवात की कहर
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवती तूफान 21 मई की रात और 22 मई की सुबह तक बांग्लादेश में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही हवा 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफतार से चल रही है। जिसमें अगले 24 घंटों में और भी इजाफा हो सकता है। तेज हवा की रफ्तार 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है।
इसके साथ ही मौसम विभाग ने तमिलनाडू और पुंडुचेरी में अगले 24 घंटों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भविष्यवाणी की है। साथ ही लोगों को अगले 24 घंटे तक समुद्र के किनारे नहीं जाने की सलाह दी है। 22 से 24 मई तक भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है।
आपको बता दें, कि दो दिन पहले ही श्रीलंका में भारी बारिश और तेज हवा के कारण आम लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया था। जिसकी वजह से आठ लोगों की मौत हो गई थी और नौ लोग लापता हो गए थे।