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Flash Flood in Sikkim:असाम में दिख रहा जलप्रलय का भयानक असर, सर्वाधिक नुकसान चुंगथांग में 80 फीसद हिस्सा क्षतिग्रस्त
विदेश

Flash Flood in Sikkim:असाम में दिख रहा जलप्रलय का भयानक असर, सर्वाधिक नुकसान चुंगथांग में 80 फीसद हिस्सा क्षतिग्रस्त

सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है, 102 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना के 23 जवान भी लापता हैं। ल्होनक झील में ग्लोफ़ की घटना से भयानक तबाही मची है। अब, इसरो ने 4 अक्टूबर को बाढ़ से पहले और बाद की कुछ तस्वीरें साझा की हैं।

Flash Flood in Sikkim: जानिए तीस्‍ता नदी ने कैसे मची तबाही? झील पर बादल फटने पर इसरो ने क्‍या कहा?


Flash Flood in Sikkim: एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अपने अध्ययन में दो साल पहले ही चेतावनी दे दी थी कि सिक्किम की ग्लेशियर झील दक्षिण ल्होनक भविष्य में कभी भी फट सकती है और इससे काफी नुकसान हो सकता है। तीन-चार अक्टूबर की मध्यरात्रि को इस झील में विस्फोट से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 23 सैन्य कर्मियों सहित 109 से अधिक लोग लापता हो गए। इस बाढ़ से चुंगथांग बांध भी टूट गया था। इसी पर सिक्किम की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना बनी है।

जलप्रलय का भयानक असर

बता दें कि सिक्किम के उत्तरी ल्होनक झील में बादल फटने और तीस्ता के जलप्रलय का भयानक असर गुरुवार को दिखा। सिक्किम में 19 और तीस्ता नदी से बंगाल के विभिन्न जिलों में 23 शव मिल चुके हैं। सेना के 22 जवानों समेत 109 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। लापता 23 जवानों में से पांच के शव मिले हैं, हालांकि सेना की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। अभी तक 2011 लोगों को बाढ़ व बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त मकानों से सुरक्षित निकाला गया है। आपदा से सिक्किम के 22000 लोग पीड़ित हुए हैं। चार जिलों में कुल 26 शिविरों 3822 लोगों को रखा गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने आपातकालीन बैठक की। उन्होंने कहा कि हरसंभव मदद के लिए मैं केंद्र सरकार के संपर्क में हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत हुई है। मैंने प्रधानमंत्री को मदद के संबंध में पत्र भी लिखा है। मुख्यमंत्री तामांग ने आवश्यक वस्तुओं की संभावित जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

11 पुल बहे, चुंगथांग में सर्वाधिक तबाही

तीस्ता के उफान की वजह से बुधवार को सिक्किम के 11 पुल टूटकर बह गए हैं। मंगन जिले में आठ, जबकि नामची में दो और गंगटोक में एक पुल टूटकर बह गया। इन जिलों में नदी किनारे के कस्बों-शहरों में जलापूर्ति पाइप लाइन, सीवेज लाइन टूटकर बर्बाद हो गई हैं। सर्वाधिक नुकसान चुंगथांग में हुआ है। शहर का 80 फीसद हिस्सा क्षतिग्रस्त है।

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: झील ही है तबाही की वजह?​

नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर सैटेलाइट इमेजरी से पता चला कि झील लगभग 162.7 हेक्टेयर में फैली हुई थी। 28 सितंबर को इसका क्षेत्रफल बढ़कर 167.4 हेक्टेयर हो गया और भारी गिरावट के साथ 60.3 हेक्टेयर रह गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख केंद्रों में से एक राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जल निकाय पर अस्थायी सैटेलाइट चित्र प्राप्त करके सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने के बारे में एक उपग्रह-आधारित अध्ययन किया है।

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