विदेश

जानिए, कैसे पंहुचा कोहिनूर भारत से ब्रिटिश सम्राज्य

बेश्कीमती हीरे कोहिनूर को भारत वापस लाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह 6 हफ्ते में यह बताए कि उसने कोहिनूर को भारत लाने के लिए अब-तक क्या किया है।

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सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से संस्कृति मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि महाराजा रंजीत सिंह के उत्ताराधिकारी दिलीप सिंह ने सिख युद्ध के बाद को खुद ईस्ट इंडिया कंपनी को कोहिनूर दिया था। कोहिनूर चुराया व जबरन लिया नही बल्कि बतौर उपहार दिया गया था।

आइए जानते हैं क्या है कोहिनूर की भारत से ब्रिटिश सम्राज्य जाने की कहानी-
• 793 कैरेट हीरा है कोहिनूर, जोकि किसी समय सबसे बड़ा हीरा माना जाता था। कोहिनूर की खोज भारत के गोलकुंडा की खान में हुई थी। कोहिनूर का अर्थ होता है आभा या रोशनी का पर्वत।
• कहा जाता है कि 1739 में फारसी शासक नादिर शाह भारत आया और उसने मूगल सल्तनत पर हमला कर दिया और मूगलों की हार के बाद वह अपने साथ कोहिनूर को पर्शिया ले गया।
• नादिर की मौत के बाद कोहिनूर अफगानिस्तान शाहंशाह अहमद शाह दुर्रानी के पास पंहुच गया।
• साल 1830 में अफगानिस्तान का तत्कालीन पदत्युक्त शासक किसी तरह कोहिनूर के साथ बच निकला और पंजाब पहुंचा, वहां उसने महाराजा रंजीत सिंह को कोहिनूर उपहार के रूप में दे दिया।
• कुछ साल बाद महाराजा रंजीत सिंह की मृत्यु हो जाती है, अंग्रेज सिख साम्राज्य को अपने अधीन कर लेते हैं। इसी के साथ कोहिनूर ब्रिटिश साम्राज्य पंहुत जाता है। कोहिनूर को ब्रिटेन ले जाकर महारानी विक्टोरिया को दे दिया जाता है।

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