Women Empowerment: भारत की पांच सबसे दमदार महिला राजनेता, इनकी उपलब्धियां हैं मिसाल
हमारे देश की महिलाओं ने आजादी के समय पुरुषों के साथ बराबरी कर के अपने देश को आजाद कराया था। उसके बाद भारतीय संविधान निर्माण में अपना योगदान दिया।
Women Empowerment: भारत की पांच ऐसी महिला राजनेता जिन से आप प्रेरित हो सकते हैं
Women Empowerment: भारतीय राजनीति में भले ही पुरुषों का वर्चस्व रहा है। यहां तक कि आज तक संसद में महिला आरक्षण तय नहीं हो सका है। इसके बावजूद तमाम ऐसी महिलाएं पहले भी रही हैं और आज भी हैं, जो पुरूषवादी राजनीति में भी अपनी हनक से चली है और दमदार साबित हुई है। हमारे देश की महिलाएं आज देश के सर्वोच्च और सशक्त पदों पर कार्यरत हैं। महिलाएं हर जगह पर पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। आज ऐसा कोई भी काम या पद नहीं है जहा महिलाएं कार्यरत न हो।
आपको बता दें कि हमारे देश की महिलाओं ने आजादी के समय पुरुषों के साथ बराबरी कर के अपने देश को आजाद कराया था। उसके बाद भारतीय संविधान निर्माण में अपना योगदान दिया। उन दिनों संविधान सभा में 15 महिलाएं शामिल थीं। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी जैसी महिलाओं का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया लेकिन आज राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है। भारत की पांच सबसे दमदार राजनीतिक महिलाओं के बारे में, जो इन दिनों राजनीति में लहरा रही परचम।
निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारामन् 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रह चुकी हैं। वे 03 सितंबर 2017 तक भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता के साथ-साथ भारत की वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री रहीं हैं और 03 सितंबर 2017 को श्री नरेंद्र मोदी की सरकार में उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया। फोर्ब्स 2021 की सूची में दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में भारत की कई महिलाओं के नाम शामिल हैं। इनमें पहली और सबसे सशक्त भारतीय महिला हैं निर्मला सीतारमण। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत में ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध है। देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार देश की वित्त मामलों को संभाल रही हैं। इसके पहले सीतारमण ने देश के रक्षा मंत्री पद का कार्यभार भी संभाला था।
आनंदीबेन पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इसके पहले गुजरात की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। कल्याण सिंह के अस्वस्थ होने पर आनंदी बेन पटेल ने दो राज्यों के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी। वह तब यूपी के साथ ही मध्य प्रदेश की राज्यपाल भी रहीं। उनके तेज तर्रार, सख्त और कुशल प्रशासन के कारण आनंदीबेन पटेल को आयरन लेडी भी कहा जाता है। राजनीति में आने से पहले वह एक अच्छी शिक्षक भी रह चुकी हैं। उन्हें राष्ट्रपति ने सम्मानित भी किया था। पटेल को आयरन लेडी भी कहा जाता है। राजनीति में आने से पहले वह एक अच्छी शिक्षक भी रह चुकी हैं। उन्हें राष्ट्रपति ने सम्मानित भी किया था।
प्रियंका गांधी
इन दिनों यूपी की सियासत में एक महिला का नाम और उनकी सक्रियता बढ़ती जा रही है। यह महिला हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी। व्यक्तिगत जिंदगी छोड़ सार्वजनिक जीवन में उतरी प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की झलक मिलती है। भले ही प्रियंका गांधी की अब तक कोई राजनीतिक उपलब्धि या जीत न हुई हो लेकिन उनका नाम दिग्गज महिला राजनेताओं में शामिल हो चुका है। लोग कांग्रेस से प्रभावित हों या न हो लेकिन प्रियंका गांधी से जरूर प्रभावित होते हैं। वह राजनीति में देश की बेटी बनकर उभरीं। प्रियंका ने यूपी चुनावों में अपना दमखम दिखाया।
द्रौपदी मुर्मू
देश के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय संथाल से ताल्लुक रखती है। एक मामूली टीचर से उन्होंने देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय किया है। केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल भी रह चुकी है द्रौपदी मुर्मु।
सोनिया गांधी
गांधी परिवार की बहू, सोनिया गांधी ने सास इंदिरा गांधी और पति राजीव गांधी के निधन के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाली है। वह पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं। सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं। रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि यहां वर्षों से सोनिया गांधी राजनीतिक जीत हासिल कर रही हैं। वह खुद कभी किसी बड़े पद पर नहीं रहीं लेकिन केंद्र की राजनीति की बागडोर संभाली।
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