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जाने मोबाइल से कला सिखने वाली सोनाली के बारे में, जो आज है एक बिजनेस वीमन

जाने कौन है बिजनेस वीमन सोनाली


ये बात तो आपने भी जरूर सुनी होगी कि “मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती” इसीलिए कहते है सपना छोटा हो या बड़ा यदि आप उसके पीछे अच्छे से लग जाएं तो वो पूरा जरूर होता है। ऐसी ही एक कहानी है एक मेहंदी आर्टिस्ट सोनाली की। आपको बता दे कि सोनाली ने कभी किसी से मेहंदी लगानी नहीं सीखी न ही उन्होंने किसी से कोई ट्रेनिंग ली है उसके बाद भी आज वो लोगों के हाथों में एक से बढ़कर एक मेहंदी डिजाइंस बनाकर लोगों के बीच खूब प्रसिद्ध हो रही है।

आज के समय में उन्होंने इससे अपने एक बिजनेस में बदल दिया है। आपको बता दे कि लोग सोनाली की  ज्वेलरी स्टॉल पर ज्वेलरी लेने आते हैं तो वे उन्होंने मेहंदी के बारे में भी बताती हैं, उसके बाद लोग उनसे खुशी-खुशी मेहंदी लगवाते है साथ ही साथ उन्हें उनकी मेहनत का मेहनताना भी देकर जाते हैं। तो चलिए जानते है सोनाली की कहानी।

सोनाली

सोनाली के पास मेहंदी सीखने के लिए पैसे नहीं थे

सोनाली ने बताया की उन्होंने 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, उसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। क्योंकि उनके वहां 7वीं कक्षा तक फीस नहीं लगती थी। इस लिए उन्होंने  7वीं कक्षा तक पढ़ा और उसके बाद जैसे ही फीस लगनी शुरू हुई तो उन्होंने पढ़ाई करना छोड़ दिया। उसके बाद भी सोनाली मेहंदी लगाना सीखना चाहती थीं, मगर उनके पास सिखने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए सोनाली ने ‘ब्लॉक मेहंदी’ से मेहंदी लगाना सीखना शुरू किया। सोनाली बताती है कि “मैं मुंबई में रहती थी। वहां लोग बीच पर घूमने आते थे। यहां सेलिब्रिटीज और विदेशी पर्यटक भी आते थे इसलिए मेरा काम चलने लगा था।

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सोनाली ने खुद से सीखा मेहंदी लगाना

आपको बता दे कि सोनाली बचपन से ही मेहंदी लगाना सीखना चाहती थी लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे इस लिए वो नहीं सीख पाई। लेकिन उन्होंने कभी भी अपने सपनों को पीछे नहीं छोड़ा। शादी के बाद जब सोनाली को उनके पति ने मोबाइल दिलाया तो उन्होंने मोबाइल से ऑनलाइन मेहंदी के डिजाइन देखकर खुद ही के ही हाथ पर मेहंदी लगाना सीखा। उसके बाद वो धीरे-धीरे हर तरह के डिजाइन की मेहंदी लगाना सीख गईं।

सोनाली

आज सोनाली लगाने लगी हैं ब्राइडल मेहंदी

आपको बता दे कि आज के समय पर सोनाली ब्राइडल मेहंदी भी लगाने लगी है लेकिन एक समय था जब सोनाली का आत्मबल बहुत कमजोर हो गया था क्योंकि उस समय पर वो कुछ नहीं कर पा रही थी। न पढ़ पा रही थी और न कुछ और सीख पा रही थी। लेकिन आज उनका आत्मबल बहुत मजबूत हो चुका है। आज वो ब्राइडल मेहंदी भी लगा लेती है। और उससे अच्छे पैसे भी कमा पा रही है। आज उनको और उनकी कला दोनों को नाम मिल गया है। आज के समय पर जो लोग मेहंदी के लिए ज्यादा पैसे दे सकते है उनसे तो पैसे लेती है लेकिन जो लोग गरीब होते है मेहंदी के लिए ज्यादा पैसे नहीं दे सकते थे उसकी मेहंदी वो कम से कम में लगा देती है।

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