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Inspirational story of Neha Sharma: बाबा का ढाबा से लेकर जालंधर की सुपरवुमन तक, गौरव वासन कराते है हमे inspiring stories से रुबरु

Inspirational story of Neha Sharma: बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए मां ने छोड़ी वकालत, लगाया पराठा स्टॉल


Highlights:

· जाने कौन है नेहा शर्मा

· क्यों नेहा शर्मा ने वकालत छोड़ खोला पराठा स्टॉल

· नेहा ने पति से दूर होने के बाद संभाली घर की जिम्मेदारी

Inspirational story of Neha Sharma: अपने बॉलीवुड फिल्म केजीएफ का ये डायलॉग तो सुनी ही होगी कि ‘एक मां से बड़ा योद्धा कोई नहीं होता’। इस बात से शायद ही कोई व्यक्ति इंकार कर सकता । दुनिया में एक मां ही होती है जो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर लेती है। ऐसा ही एक उदाहरण अभी हाल ही में जालंधर की एक मां ने सेट किया है। यह कहानी है एक ऐसी सिंगल मां की, जो अभी सोशल मीडिया पर ‘पंजाब की सुपरवुमन’ के नाम से पहचानी जाने लगी है।

इस सुपरवुमन का नाम है, नेहा शर्मा है। जो की एक सिंगल मां है और अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए जालंधर में ही एक छोटी सी फूड स्टॉल चलाती हैं जिसका नाम ‘शर्मा पराठा जंक्शन’ है।

ये बात तो अपने सुनी ही होगी कि महिलाएं खुद में एक शक्ति है। आज के समय पर महिलाएं समाज में अहम भूमिका निभा रही है। ऐसे में अगर बात उनके खुद के परिवार या फिर बच्चों की होगी तो वो कुछ भी कर सकती है। वैसे तो हर मां अपने बच्चे के पालन पोषण और उसके अच्छे भविष्य के लिए कुछ भी कर सकती है लेकिन यहां हम बात कर रहे है एक ऐसी मां के संघर्षों की, जो आज के समय पर काफी चर्चा में है।

यह कहानी जालंधर में रहने वाली एक सिंगल मां की है जिन्होंने अपनी बेटी के भविष्य को संवारने के लिए खुद को पैरों पर खड़ा कर अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाली है।

बता दें कि नेहा के पति ने उन्हें छोड़ दिया था, लेकिन बेटी की खुशियों के लिए और उन्हें किसी चीज की कमी न हो इसके लिए नेहा शर्मा सड़क पर उतर आई और उन्होंने मां होने के साथ ही एक पिता की भूमिका भी निभाई। तो चलिए विस्तार से जानते है नेहा शर्मा के बारे में।

पंजाब की सुपरवुमन

पंजाब के जालंधर में रहने वाली नेहा शर्मा की सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद से वो काफी ज्यादा चर्चा में है। नेहा की वीडियो फेमस फूड ब्लॉगर गौरव वसन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल शेयर की थी। बता दें कि नेहा शादीशुदा है और पेशे से एक वकील हैं। नेहा के पति उन्हें और उनकी बेटी को छोड़कर चले गए। ये समय नेहा के लिए यह बहुत कठिन रहा था लेकिन बेटी के लिए उन्होंने हिम्मत जुटाई और उसे अकेले संभालना शुरू किया।

नेहा को अपनी बेटी के पालन पोषण के लिए आर्थिक तौर पर मजबूत होने और घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत थी। लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण कोर्ट बंद हो गए, जिसके कारण नेहा आर्थिक तौर पर कमजोर हो गईं। लेकिन इस दौरान भी उन्होंने हिम्मत नहीं हरी और वकालत छोड़ पराठा स्टॉल लगाना शुरू कर दिया।

नेहा शर्मा ने की पराठा स्टॉल की शुरुआत

एक पड़ी लिखी लड़की के लिए अकेले सड़क पर खड़े होकर काम करना कितना मुश्किल होता है ये तो आप समझ ही सकते है। नेहा के लिए भी सड़क पर खड़े होकर पराठा स्टॉल लगाना थोड़ा अजीब और नया अनुभव था। उन्हें शुरू में समझ नहीं आ रहा था कि वो ये सब कैसे संभालेगी, लेकिन एक मां को पता था कि उसे अपनी बेटी के लिए कुछ न कुछ तो करना ही है। कई लोगों ने उनसे कई तरह के सवाल किए जैसे क्या जरूरत है यह सब करने की? नेहा ने समय आने पर सबका जवाब दिया। नेहा कहती है कि शुरुआत में वो टूटे पराठे ग्राहकों को देती थीं लेकिन धीरे धीरे वह अच्छे पराठे बनाने लगीं।

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