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World Osteoporosis Day: वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे 2025, हड्डियों के स्वास्थ्य का रखें ध्यान, वरना बढ़ सकता है फ्रैक्चर का खतरा

World Osteoporosis Day, हमारे शरीर की मज़बूती की नींव हमारी हड्डियाँ हैं। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, इन हड्डियों की मजबूती धीरे-धीरे कम होती जाती है।

World Osteoporosis Day : हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है जागरूकता, जानें वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे का महत्व

World Osteoporosis Day, हमारे शरीर की मज़बूती की नींव हमारी हड्डियाँ हैं। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, इन हड्डियों की मजबूती धीरे-धीरे कम होती जाती है। यही कारण है कि दुनियाभर में लाखों लोग ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। यह रोग शरीर की हड्डियों को इतना कमजोर बना देता है कि हल्की सी चोट या गिरावट से भी वे टूट सकती हैं। लोगों को इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 20 अक्टूबर को “वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (World Osteoporosis Day)” मनाया जाता है।

वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे का इतिहास

वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे की शुरुआत 1996 में की गई थी। इसे प्रारंभ में यूनाइटेड किंगडम की नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी (National Osteoporosis Society) द्वारा शुरू किया गया था। बाद में इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (IOF) ने इसे वैश्विक स्तर पर मनाने की पहल की।
अब हर साल यह दिन 20 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है लोगों को हड्डियों की सेहत, कैल्शियम और विटामिन D के महत्व के बारे में जानकारी देना और इस बीमारी की रोकथाम के उपायों पर ध्यान आकर्षित करना।

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ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों की घनत्व (Bone Density) कम हो जाती है और वे अंदर से कमजोर और भुरभुरी (Brittle) बन जाती हैं। “ऑस्टियो” का मतलब होता है “हड्डी” और “पोरोसिस” का मतलब “छिद्रयुक्त”। यानी, यह बीमारी हड्डियों को खोखला बना देती है। यह रोग ज़्यादातर महिलाओं, बुजुर्गों, और हार्मोनल असंतुलन से पीड़ित लोगों में देखा जाता है।

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ऑस्टियोपोरोसिस के प्रमुख कारण

  1. कैल्शियम और विटामिन D की कमी: हड्डियों को मज़बूत बनाए रखने के लिए ये दोनों पोषक तत्व बेहद ज़रूरी हैं।

  2. हार्मोनल परिवर्तन: विशेष रूप से महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद एस्ट्रोजेन हार्मोन की कमी से हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं।

  3. शारीरिक निष्क्रियता: लंबे समय तक बैठे रहने या व्यायाम न करने से हड्डियों की शक्ति घट जाती है।

  4. धूम्रपान और शराब का सेवन: इन आदतों से हड्डियों की बनावट पर बुरा असर पड़ता है।

  5. आयु: उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की कोशिकाएं पुनर्निर्माण की क्षमता खो देती हैं।

  6. अनुवांशिक कारण: अगर परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो, तो जोखिम बढ़ जाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

  • पीठ, कमर या कूल्हों में लगातार दर्द

  • लंबाई का धीरे-धीरे कम होना

  • झुककर चलना या कूबड़ बन जाना

  • मामूली चोट या गिरने से हड्डी का टूट जाना

  • शरीर में थकान और कमजोरी का अहसास

कई बार शुरुआती चरण में इस रोग के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते। इसलिए इसे अक्सर “साइलेंट डिज़ीज़” (Silent Disease) कहा जाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के उपाय

  1. कैल्शियम युक्त आहार लें:
    दूध, दही, पनीर, तिल, बादाम, और हरी पत्तेदार सब्जियों में पर्याप्त कैल्शियम पाया जाता है।

  2. विटामिन D का सेवन करें:
    रोज़ाना कुछ समय धूप में रहने से शरीर में विटामिन D बनता है जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है।

  3. नियमित व्यायाम:
    वॉकिंग, योग, स्ट्रेचिंग और हल्का वेट ट्रेनिंग हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं।

  4. धूम्रपान और शराब से बचें:
    ये दोनों चीज़ें हड्डियों की संरचना को नुकसान पहुंचाती हैं।

  5. हड्डियों की जांच कराएं:
    40 वर्ष से ऊपर के लोगों को Bone Density Test (DEXA Scan) कराना चाहिए। इससे शुरुआती अवस्था में ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है।

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