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World Statistics Day: वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे 2025, आंकड़ों से विकास की दिशा तय करने वाला दिन

World Statistics Day, आंकड़े केवल नंबर नहीं होते, बल्कि वे किसी देश, समाज या व्यक्ति की प्रगति की असली तस्वीर पेश करते हैं। आधुनिक युग में आंकड़े ही नीतियां तय करते हैं,

World Statistics Day : वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे, आंकड़ों के बिना अधूरी है विकास की हर कहानी

World Statistics Day, आंकड़े केवल नंबर नहीं होते, बल्कि वे किसी देश, समाज या व्यक्ति की प्रगति की असली तस्वीर पेश करते हैं। आधुनिक युग में आंकड़े ही नीतियां तय करते हैं, योजनाएं बनाते हैं और भविष्य की दिशा दिखाते हैं। इन्हीं आंकड़ों के महत्व को सम्मान देने और सांख्यिकी विज्ञान के योगदान को रेखांकित करने के लिए हर पाँच वर्ष में एक बार ‘वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे (World Statistics Day)’ मनाया जाता है। यह दिन डेटा, तथ्यों और पारदर्शिता के महत्त्व को रेखांकित करता है।

वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे कब और क्यों मनाया जाता है?

वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा वर्ष 2010 में की गई थी। इसे हर पाँच साल में एक बार मनाया जाता है यानी 2010, 2015, 2020 और अगला आयोजन 2025 में किया जाएगा। इस दिन का उद्देश्य है सटीक, भरोसेमंद और पारदर्शी आंकड़ों के उपयोग को बढ़ावा देना, ताकि सरकारें और संस्थाएं बेहतर नीतियां बना सकें और आम जनता तक विकास की रोशनी पहुँचे।

इस वर्ष की थीम (World Statistics Day 2025 Theme)

हर बार इस दिन की एक अलग थीम होती है जो समाज और विकास से जुड़ी चुनौतियों को सामने लाती है।
2025 की थीम (संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित होने पर) “Data for Sustainable Future” (सतत भविष्य के लिए डेटा) मानी जा रही है, जो यह दर्शाती है कि बिना सही आंकड़ों के कोई भी सतत विकास (Sustainable Development) संभव नहीं है। सांख्यिकी (Statistics) शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द “Status” से हुई है, जिसका अर्थ है “राज्य की स्थिति”। प्राचीन काल में राजा अपने राज्य की जनसंख्या, भूमि और अनाज के भंडार की गिनती करते थे। यही प्रक्रिया आगे चलकर आधुनिक सांख्यिकी में विकसित हुई। आज के समय में, सांख्यिकी केवल गिनती तक सीमित नहीं है — यह डेटा संग्रह (Data Collection), विश्लेषण (Analysis), व्याख्या (Interpretation) और निर्णय लेने (Decision Making) की प्रक्रिया का आधार बन चुकी है।

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वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे का उद्देश्य

  1. डेटा की सटीकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
  2. नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका को रेखांकित करना।
  3. जनता में डेटा साक्षरता (Data Literacy) की समझ बढ़ाना।
  4. सरकारी और निजी संस्थाओं को विश्वसनीय आंकड़े एकत्र करने के लिए प्रेरित करना।
  5. विकास के हर क्षेत्र में डेटा-आधारित निर्णयों को प्राथमिकता देना।

सांख्यिकी का उपयोग किन क्षेत्रों में होता है?

  1. सरकारी नीतियों में:
    शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और रोजगार से जुड़ी योजनाएं तैयार करने में सांख्यिकी का बड़ा योगदान होता है। जनगणना, सर्वेक्षण और रिपोर्ट सरकार को सही दिशा देते हैं।
  2. स्वास्थ्य क्षेत्र में:
    कोविड-19 महामारी के दौरान सांख्यिकी ने यह दिखाया कि कैसे डेटा विश्लेषण से संक्रमण के फैलाव को समझा जा सकता है और वैक्सीन वितरण की योजना बनाई जा सकती है।
  3. अर्थव्यवस्था में:
    GDP, मुद्रास्फीति दर, बेरोजगारी और व्यापार संतुलन जैसे सूचकांक पूरी तरह सांख्यिकी पर आधारित होते हैं। बिना इन आंकड़ों के कोई भी आर्थिक निर्णय अधूरा होता है।
  4. शिक्षा और अनुसंधान में:
    सांख्यिकी की मदद से शिक्षा की गुणवत्ता, ड्रॉपआउट रेट और रिसर्च परिणामों का मूल्यांकन किया जाता है।
  5. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन में:
    तापमान, वर्षा, प्रदूषण स्तर और कार्बन उत्सर्जन जैसे आंकड़े हमें यह बताते हैं कि धरती किस दिशा में जा रही है और हमें क्या कदम उठाने चाहिए।

भारत में सांख्यिकी का महत्व

भारत सांख्यिकी के क्षेत्र में अग्रणी देशों में से एक है।

  • महान गणितज्ञ और सांख्यिकीविद प्रो. पी. सी. महालनोबिस (P. C. Mahalanobis) ने भारत में सांख्यिकी की नींव रखी।
  • उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना की और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) की शुरुआत की।
  • उनके योगदान के सम्मान में भारत में 29 जून को ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day)’ मनाया जाता है।

डेटा की विश्वसनीयता क्यों जरूरी है?

सांख्यिकी तभी उपयोगी है जब आंकड़े सही हों। गलत या अपूर्ण डेटा से गलत निर्णय लिए जा सकते हैं, जिनका असर समाज पर गहरा पड़ता है। इसलिए डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया में ईमानदारी, पारदर्शिता और वैज्ञानिकता अनिवार्य है। वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे हमें यही सिखाता है कि “सटीक आंकड़े ही सटीक निर्णय की कुंजी हैं।”

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वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे कैसे मनाया जाता है?

  • संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न देशों के सांख्यिकी विभाग इस दिन सेमिनार, कार्यशालाएं, ऑनलाइन वेबिनार और डेटा प्रदर्शनी आयोजित करते हैं।
  • विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को सांख्यिकी के महत्व पर जागरूक किया जाता है।
  • सरकारी संस्थाएं अपने नवीनतम सर्वेक्षण और रिपोर्ट जारी करती हैं।
  • सोशल मीडिया पर #WorldStatisticsDay जैसे अभियान चलाकर डेटा की भूमिका पर चर्चा की जाती है।

भविष्य में डेटा की भूमिका

21वीं सदी को “डेटा का युग” (Age of Data) कहा जा रहा है। आने वाले वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्र पूरी तरह सांख्यिकी पर निर्भर होंगे। भविष्य की सरकारें और व्यवसाय वे होंगे जो सही आंकड़ों का सही उपयोग करना जानते हों। वर्ल्ड स्टैटिस्टिक्स डे हमें यह याद दिलाता है कि विकास की हर कहानी के पीछे डेटा की सटीकता और सांख्यिकी की समझ होती है। आंकड़े केवल रिपोर्ट का हिस्सा नहीं, बल्कि निर्णय लेने की नींव हैं। चाहे वह गरीबी उन्मूलन की योजना हो या जलवायु परिवर्तन की रणनीति हर क्षेत्र में सांख्यिकी का योगदान अनमोल है।

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