Eco-Friendly Chhath: इको-फ्रेंडली छठ, पर्यावरण की रक्षा के साथ मनाएं परंपरागत त्योहार
Eco-Friendly Chhath, छठ पूजा भारत का एक प्रमुख और प्राचीन त्योहार है, जिसे मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
Eco-Friendly Chhath : सस्टेनेबल छठ पूजा, पर्यावरण के अनुकूल इको-फ्रेंडली आइडियाज
Eco-Friendly Chhath, छठ पूजा भारत का एक प्रमुख और प्राचीन त्योहार है, जिसे मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह सूर्य देवता और छठी मईया की पूजा का त्योहार है, जिसमें श्रद्धालु सूर्य की आराधना और नदी या तालाब में स्नान करके अपने जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस त्योहार के आयोजन में पर्यावरण पर प्रभाव देखने को मिला है। बढ़ती आबादी, प्लास्टिक की थैलियाँ, रंग-बिरंगे पॉलिथीन, मैन्युफैक्चर किए गए फूल और अति-मांग वाला वास्तु प्रदूषण इस पारंपरिक त्योहार को पर्यावरण के लिए चुनौती बना रहे हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि छठ पूजा को इको-फ्रेंडली और पर्यावरण के अनुकूल कैसे मनाया जा सकता है।
1. प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामग्री का प्रयोग कम करें
छठ पूजा के समय सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामग्री का होता है। भक्तों द्वारा गंगा या अन्य नदियों में छोड़े जाने वाले प्लास्टिक के फूल, थैलियाँ और पूजा सामग्री जल प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं।
- इस वर्ष बांस, पत्तियों या मिट्टी के बनाए गए प्लेट्स और टोकरी का इस्तेमाल करें।
- पूजा में प्रयोग होने वाले फूल सिंथेटिक नहीं बल्कि ताजे और प्राकृतिक हों।
- पानी में विसर्जन करने वाली सामग्री बायोडिग्रेडेबल या कम प्रदूषण वाली हो।
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2. नदी और तालाब की सफाई और संरक्षण
छठ पूजा के दौरान नदी या तालाब में स्नान और अर्चना प्रमुख रिवाज हैं। हालांकि, यह प्राकृतिक जलस्रोत प्रदूषण और कचरे का शिकार बनते हैं।
- पूजा के पहले और बाद सफाई अभियान आयोजित करें।
- विसर्जन से पहले कचरा अलग कर दें और जल में केवल प्राकृतिक सामग्री डालें।
- स्थानीय समुदाय और प्रशासन से मिलकर यह सुनिश्चित करें कि जलाशय सुरक्षित और स्वच्छ रहे।
3. मिट्टी के दीपक और प्राकृतिक लाइटिंग
छठ पूजा में दीपक जलाना और सूर्य को अर्घ्य देना प्रमुख कार्य है। इस दौरान प्लास्टिक के दीपक और केमिकल युक्त रोशनी का प्रयोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है।
- मिट्टी के दीपक और प्राकृतिक तेल का उपयोग करें।
- बिजली की जगह सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइट्स और मोमबत्तियाँ प्रयोग करें।
- इस तरह न केवल उत्सव का महत्व बना रहेगा, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट कम होगा।
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4. स्थानीय और ऑर्गेनिक सामग्री का इस्तेमाल
छठ पूजा की तैयारी में मिठाई, फल और प्रसाद मुख्य भूमिका निभाते हैं।
- स्थानीय और ऑर्गेनिक फल खरीदें। यह न केवल ताजगी बनाए रखता है, बल्कि किसानों को भी फायदा पहुंचाता है।
- प्लास्टिक या पैक्ड मिठाई की जगह घरेलू और ताजे प्रसाद दें।
- प्रसाद के पैकेजिंग में कागज या पत्तियों का उपयोग करें।
5. सामूहिक और कम-प्रदूषण वाले आयोजन
छठ पूजा की महत्ता सामूहिक आयोजन में बढ़ जाती है। इस बार इको-फ्रेंडली कम्युनिटी कार्यक्रम आयोजित करना एक अच्छा विकल्प है।
- मोहल्ले या गांव स्तर पर समूह में नदी किनारे पूजा करें और सभी सामग्री प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल रखें।
- सामूहिक आयोजन से ध्वनि और वायु प्रदूषण कम होता है।
- यह तरीका पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने में भी मदद करता है।
6. डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान
इस समय डिजिटल युग में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा सकता है।
- इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर इको-फ्रेंडली छठ पूजा संदेश साझा करें।
- वीडियो और पोस्ट में दिखाएँ कि कैसे प्राकृतिक सामग्री और सजावट से उत्सव मनाया जा सकता है।
- इससे नए पीढ़ी में सस्टेनेबल त्योहार मनाने की प्रवृत्ति विकसित होगी।
7. बच्चों और युवाओं को शामिल करें
छठ पूजा में बच्चों और युवाओं को शामिल करना भविष्य में पर्यावरण-मित्र त्योहार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
- उन्हें प्राकृतिक सामग्री का उपयोग और कचरा प्रबंधन सिखाएँ।
- बच्चों के लिए इको-फ्रेंडली सजावट और क्राफ्टिंग गतिविधियाँ आयोजित करें।
- इससे त्योहार की पारंपरिक भावना और पर्यावरण की जिम्मेदारी दोनों सिखाई जा सकती हैं।
छठ पूजा केवल धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के साथ सामंजस्य और सम्मान का प्रतीक भी है। इस त्योहार को इको-फ्रेंडली तरीके से मनाने से हम न केवल अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी जिम्मेदार और जागरूक बना सकते हैं। प्लास्टिक कम करें, प्राकृतिक सामग्री अपनाएँ, जलस्रोतों की सफाई करें और सामूहिक प्रयास करें — यही पर्यावरण की चिंता और छठ के सच्चे उत्सव का संदेश है। इस छठ पूजा 2025 पर, अपने उत्सव को स्वस्थ, सुरक्षित और प्रकृति के अनुकूल बनाएं और भावनाओं के साथ-साथ पर्यावरण की भी रक्षा करें।
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