पर्यटन

Rishikesh Trip: गर्मियों में ऋषिकेश घूमने का बना लीजिए प्लान, यहां आएंगा ज्यादा आंनद

ऋषिकेश का त्र्यंबकेश्वर मंदिर प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के पार स्थित है। इस मंदिर की स्थापना श्री श्री 108 भ्रमभीम स्वामी कैलाशानंद ने की थी। 13 मंजिला यह भव्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। साथ ही 13 मंजिल मंदिर के नाम से भी मशहूर है।

Rishikesh Trip: अगर ऋषिकेश घूमने का बना रहे है मन, तो इस जगह जाना न भुले


Rishikesh Trip:दिल्ली से सबसे करीबी पर्यटन स्थलों में से एक उत्तराखंड का ऋषिकेश है। ऋषिकेश अध्यात्म और योग की नगरी है। यह स्थान धार्मिक महत्व तो रखता ही है, साथ ही एडवेंचर पसंद लोगों को भी आकर्षित करता है। खास बात ये है कि ऋषिकेश किसी भी मौसम में घूमने के लिए जा सकते हैं। गर्मी से लेकर सर्दियों तक में सफर का लुत्फ उठा सकते हैं। ऋषिकेश वीकेंड ट्रिप यानी दो दिन के लिए भी जा सकते हैं। साथ ही यहां घूमने के लिए अधिक व्यय भी नहीं करना पड़ता। हालांकि अगर आप ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं तो यहां के खास जगहों पर जाना कभी न भूलें। इन जगहों को घूमे बिना ऋषिकेश ट्रिप अधूरी है।

ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

नीलकंठ महादेव

गढ़वाल के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में भगवान शिव का ऐसा ही एक धाम है, जहां भोलेनाथ ने समुद्र मंथन से निकले विष का विषपान किया था। नीलकंठ महादेव मंदिर में एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को ग्रहण कर के सृष्टि को नष्ट होने से बचाया था। इसी स्थान पर भगवान शंकर ने विषपान किया था। इसके बाद भगवान शिव पर समस्त देवी-देवताओं ने जल चढ़ा कर उनके द्वारा ग्रहण किए हुए विष की ज्वाला को शांत किया, तभी से भोलेनाथ ‘नीलकंठ’ कहलाए।

त्रिवेणी घाट

ऋषिकेश जाएं तो यहां के त्रिवेणी घाट पर कुछ वक्त जरूर बिताएं। त्रिवेणी घाट पर तीन नदियों का संगम होता है। मान्यता है कि यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। यग स्थान हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे पवित्र माना गया है। इस घाट पर प्रात: काल, दोपहर के वक्त और संध्याकाल में तीन बार गंगा आरती होती है। शाम की महाआरती में सम्मलित जरूर हों।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर

ऋषिकेश का त्र्यंबकेश्वर मंदिर प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के पार स्थित है। इस मंदिर की स्थापना श्री श्री 108 भ्रमभीम स्वामी कैलाशानंद ने की थी। 13 मंजिला यह भव्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। साथ ही 13 मंजिल मंदिर के नाम से भी मशहूर है।

वशिष्ठ गुफा आश्रम

ऋषिकेश से लगभग 25 किमी दूर प्राचीन वशिष्ठ गुफा आश्रम है, जो शांति और ध्यान के लिए अच्छा स्थान है। इस गुफा में स्वामी पुरुषोत्तमानंद ने तप किया था। ऋषिकेश आने वाले पर्यटकों को इस गुफा की सैर का अनुभव जरूर लेना चाहिए।

जानकी सेतु

आध्यात्मिक शहर ऋषिकेश में स्थित जानकी सेतु की खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह सकती है। जी 20 बैठक के दौरान इसे बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया था। सेतु और आसपास की दीवारों पर रंग-बिरंगी तस्वीरें पुल की सुंदरता को बढ़ाती हैं और फोटोशूट के लिए बेहतरीन जगह है। यहां प्रियदर्शिनी पार्क और योग पार्क बना हुआ है।

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बीटल्स आश्रम

ऋषिकेश में सन् 1961 को महर्षि महेश योगी द्वारा योग और ध्यान की शिक्षा के लिए एक आश्रम का निर्माण कराया गया था। 60 के दशक में प्रसिद्ध बीटल्स बैंड ध्यान की खोज में इस आश्रम में पहुंचा, तब से यह स्थान बीटल्स आश्रम के नाम से मशहूर हो गया। इस आश्रम में बीटल्स बैंड के सदस्य आकर रुके थे।

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