प्राकृति का असली नजारा देखना चाहते है तो कोल्लम की सैर करें
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झील और समुद्र यहां के आकर्षण का केंद्र है
देश का लगभग हर कोना घूमने लायक है। लेकिन केरल की प्राकृति में जो सौदंर्य का खुशबू घुली हुई है न उसका मजा तो कहीं और मिल पाना संभव नहीं है। केरल एक छोटा सा राज्य जो देश के आखिरी में तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। इस राज्य में एक शहर है कोल्लम जिसकी प्राकृतिक खूबसूरती आपको वहां एक बार घूमने के लिए जरुर मजबूर कर देगी।
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कोल्लम अरब सागर के तट पर स्थित है। समुद्र का किनारा होने के कारण इसकी खुबसूरती का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
कोल्लम की खुबसूरती देखते बनती है अगर आप भी दक्षिण भारत की सैर करना चाहते है तो एक कोल्लम जरुर घूमकर आएं।
कोल्लम के दार्शनिक स्थल
पालरुवी जलप्रपात
यह जलप्रपात कोल्लम की खुबसूरती को चार चांद लगाता है। पालारुपी का अर्थ दूधिया धारा होता है। दूधिया धारा की तरह 300 फीट ऊंचे चट्टान से गिरती धारा आपका मन मोह लेंगी। यहां का पालारुवी वुड्स लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
थंगसेरी
यह कोल्लम का प्रसिद्ध गांव है। गांव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए पहचाना जाता है। अठारहवीं शताब्दी में बने पुर्तगाली और डच किले के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं। यहां का लाइटहाउस भी काफी चर्चित है।
अंचेनकोइल
अंचेनकोइल के घने जंगलों के बीच सास्था मंदिर बना हुआ है। मंदिर में स्थापित सास्था की मूर्ति ईसा युग से कुछ शताब्दी पूर्व की मानी जाती है। मांडला पूजा और रेवती नामक दो पर्व यहां बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
अलुमकडावू
अलुमकडावू कोल्लम शहर से 26 किलोमीटर की दूरी पर कोल्लम-अलप्पुजा राष्ट्रीय जलमार्ग पर स्थित है। यहां का ग्रीन चैनल बेकवाटर रिजॉर्ट देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां दूर-दूर तक नीला हरा पानी इसकी सुदंरता में चार चांद लगाता है। सैंकडों की तादाद में लगे नारियल के पेड़ ग्रीन चैनल रिजॉर्ट को एक अलग ही पहचान देते हैं।
अष्टमुदी झील
यह देश की पहली झील है जहां से देश की पहली समुद्री विमान सेवा की शुरुआत की गई थी। अष्टमुडी झील केरल की अनूप झील है। इसका आकार आठ भुजाओं वाला है। जिसके कारण इसका नाम अष्टमुदी पड़ा। यह पर्यटकों मे सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। केरल घूमने आने वाले लोगो में यह झील सबसे प्रमुख बिंदु के तौर पर है।
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