पर्यटन

Places For Trekking: गर्मियों में लीजिए ट्रैकिंग का असली मजा, देखने को मिलेंगे अद्भुत नजारे।

Places For Trekking: ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और भी बहुत कुछ करने का मौका मिलता है। पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग सबसे पसंदीदा और रोमांचक है आईए जानते हैं भारत के बेस्ट ट्रैकिंग प्लेस कौन से हैं?

Places For Trekking: गर्मी को छूमंतर करने के लिए इन जगह को करें एक्स्प्लोर


Delhi Famous Places: इस चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए आप गर्मियों में ट्रैकिंग का मजा ले सकते हैं। ट्रैकिंग वाले पहाड़ी इलाके एडवेंचर से कम नहीं होते है ट्रेकिंग के दौरान अपनी डेली लाइफ की आप टेंशन सारी भूल जाते हो आप उसे समय उसे वातावरण में होते हो जहां आपको शांति ही शांति मिलती है।

आपको और करीब से प्रकृति को जानने का मौका मिलता है। इन जगहों पर रोमांचकारी गतिविधियाँ जैसे ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और भी बहुत कुछ करने का मौका मिलता है। पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग सबसे पसंदीदा और रोमांचक है आईए जानते हैं भारत के बेस्ट ट्रैकिंग प्लेस कौन से हैं?

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फूलों की घाटी ट्रैक उत्तराखंड

उत्तराखंड में मौजूद फूलों की घाटी ट्रैक ट्रैकिंग करने वालों के लिए एक उत्तराखंड में वैली ऑफ फ्लावर्स ट्रेक आपको यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल और हेमकुंड साहिब के सिख तीर्थ स्थल तक ले जाता है। घाटी चारों तरफ से बर्फ और पहाड़ों से ढकी चोटियों से गिरी हुई है। इस ट्रैक की ऊंचाई 3658 मीटर और दूरी 55 किलोमीटर है।

पूरी घाटी रंगीन हिमालयी फूलों से लदालद भर जाती है, मानसून के मौसम में , हर उम्र के लोग यहां ट्रैकिंग का आनंद लेने आ सकते हैं। इस जगह पर ट्रैकिंग करने का मजा जुलाई से सितंबर के बीच में है। यहां फूलों की घाटी में 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती है। फूल प्रेमियों के लिए यह नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं है इस घाटी में उगने वाले फूलों से दवाइयां भी बनाई जाती है।

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रूपकुंड ट्रैक

चमोली जिले का रूपकुंड ट्रैक ट्रैकिंग करने की शौकीनों के लिए बेस्ट है। यहां की खूबसूरत वादियां ,खुला आसमान ,घने जंगल पर्यटकों का मनमोहन लेती है। देश -विदेश में साल भर में कहीं लोग इस खूबसूरत जगह का आनंद उठाने आते हैं। चमोली जिले में स्थित रूपकुंड चार दिनों का ट्रैक है। जहां करीब 60 किलोमीटर की कठिन और पैदल दूरी तय कर पहुंचा जाता है और उसके बाद देवाल ब्लॉक के कुलिंग गांव से ट्रैक की शुरुआत होती है एक ऐसी झील है यहां जो लोग पहुंचे तो जाते हैं पर उसके पास जाते ही उनको डर का एहसास होता है। क्योंकि यह पूरी झील कंकालों से भरी हुई है जिस कारण इसे ‘कंकाल की झील’ (lake of skeletons) भी कहते है

 देवरिया ताल ट्रैक

यह झील उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उखीमठ के पास सारी गाँव से 2 से 3 किलोमीटर ऊपर स्थित है इस गाँव से 2 से 3 किलोमीटर ऊपर ट्रेक करके इस सुंदर झील तक पहुंचा जा सकता है। पहाड़ों के बीच में स्थित उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक सुंदर झील है झील का मुख्य आकर्षण पानी में बनते आसपास पहाड़ों के चोटियों के प्रतिबिंब है। इसे देखने पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। साथ ही इसका संबंध महाभारत और देवताओं और उसके काल से भी है।

हर की दून ट्रैक

हर की दून उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है। ये सुपिन व रूपिन के आस पास यमुना की सहायक नदी फ़तेह पर्वत के गोद में बसा हुआ है। हर की दून ट्रेक का बेस कैंप कोटगांव है, यहाँ से ही इस ट्रेक की ट्रैकिंग शुरू होती है। हर की दून को “देवताओ की घाटी” कहा जाता है। यह ट्रैक मार्च से शुरू होता है। और ट्रैक करने का सबसे अच्छा टाइम होता है। वही दिसंबर से लेकर फरवरी तक बर्फबारी के कारण चारों तरफ सफेद बर्फ की चादर देखने को मिल सकती है

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रुपिन पास ट्रैक

गढ़वाल क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण रूपिन पास ट्रैक भारत के सबसे अच्छे ट्रैकों में से एक है। यह लगभग 15250 फीट की अधिकतम ऊंचाई के साथ लगभग 7 दिनों का है। उत्तराखंड के धौला से शुरू हुआ यह ट्रैक लगभग 52 किमी का है। हिमाचल प्रदेश के सांगला में समाप्त होता है। यह ट्रैक चुनौतियों और लुभावने दृश्यों से भरा हुआ ट्रेकर्स द्वारा पसंद किए जाने वालों में से एक है। केवल 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इसके ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर जा सकते हैं।

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घास के मैदान और बर्फ से ढकी पहाड़ियां, झरने, गांव आप यहां देख सकते हैं मई का महीना रुपिन दर्रे के लिए सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि इस समय शिखर तक का रास्ता काफी आरामदायक होता है गर्मियों में भी ऊंचे कैंप साइट आपको बर्फ का मजा लेने का मौका देते हैं। और मई की गर्मियों में हरियाली का नज़ारा भी देख सकते हैं।

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