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Musical Pillars Of Hampi: कर्नाटक के इस मंदिर में पत्थरों से भी निकलते हैं स्वर, रहस्यों से भरा है हम्पी का विट्ठल मंदिर

Musical Pillars Of Hampi: हम्पी में घूमने के लिए दूर-दराज के इलाकों से लोग आते हैं। लेकिन जब वो यहां के पिलर्स को छूते हैं, तो वो हैरान हो जाते हैं। दरअसल, ये म्यूजिकल पिलर्स के नाम से जाने हैं।

Musical Pillars Of Hampi: 15वीं शताब्दी में बनाया गया था हम्पी का विट्ठल मंदिर, प्राचीन भारत के कारीगरों का कोई जवाब नहीं

भारत एक ऐसा देश है, जहां कई अनसुलझे रहस्यों और घटनाओं के बारे में सुनने को मिलेगा। ये रहस्य ऐसे हैं, जिनका तोड़ विज्ञान के पास भी नहीं है। कर्नाटक के हम्पी में भी आपको कुछ ऐसे अनसुलझे रहस्य देखने को मिल जाएंगे। यहां का विट्ठल मंदिर शानदार कला का नमूना पेश करता है। Musical Pillars Of Hampi हम्पी में घूमने के लिए दूर-दराज के इलाकों से लोग आते हैं। लेकिन जब वो यहां के पिलर्स को छूते हैं, तो वो हैरान हो जाते हैं।

दरअसल, ये म्यूजिकल पिलर्स के नाम से जाने जाते हैं। यही इस मंदिर की खासियत भी है। पिलर्स से संगीत कैसे निकलता है, इसके बारे में रहस्य बना हुआ है। लेकिन ये जगह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसकी कई ऐसी बातें हैं जिन्हें जानकर और देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। इस समर हाॅलीडे में कुछ अलग और बेहतरीन देखना चाहते हैं तो चले आइए हम्पी।

आपको बता दें कि हम्पी का ये विट्ठल मंदिर कला का शानदार नमूना है, जिसे पूरी तरह से परफोरेटेड लोकल ग्रेनाइट से बनाया गया है। आज भी ऐसे कई पिलर्स हैं, जिनमें कई प्रॉपर्टीज हैं, और इनकी यही खूबी इन्हें म्यूजिकल पिलर्स बनाती हैं। ग्रेनाइट पत्थर को तराश कर बने इन 56 पिलर्स में कई कॉलम हैं। Musical Pillars Of Hampi कुछ में तो मूर्तियां भी बनी हुई हैं। हम्पी के इन पत्थरों में अनोखे Crystalline Structure वाले मिनरल्स हैं, जैसे- ऑर्थोक्लेज।

15वीं शताब्दी में बनाया गया था मंदिर Musical Pillars Of Hampi

हम्पी की इस खूबी की वजह और कुछ नहीं, बल्कि इन कॉलम के व्यास और लंबाई का अनुपात ही है, जिससे इन्हें बजाने पर आवाज और बेहतर सुनाई देती है। गौरतलब हो कि इन पिलर्स को 15वीं शताब्दी में देव राय द्वितीय के शासन काल में बनाया गया था। कहते हैं यहां के देवता विट्ठल को भेंट अर्पण करते हुए, इन्हीं खंभों के संगीत पर नृत्य किया जाता था। आपको बता दें कि भगवान विष्णु को ही यहां विट्ठल के रूप में पूजा जाता है।

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खंभों से निकलता है संगीत Musical Pillars Of Hampi

मंदिर में 56 संगीतमय खंभे हैं, जो सारेगामा पिलर्स के तौर पर भी प्रसिद्ध हैं। इन खंभों से संगीत निकलता है। जब कोई इन खंभों को छूता है, पिलर्स से निकलने वाले संगीत स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है। ये खंभे छत को सहारा देता है। मंदिर के मुख्य खंभों को म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स के आकार में स्टाइल किया गया है। मुख्य स्तंभ सात छोटे स्तंभों से घिरा हुआ है और इन स्तंभों से आने वाले स्वरों की आवाज अलग होती है। चंदन की लकड़ी के साथ खंभे को हिट करने पर यहां से आपको संगीत सुनाई देगा। जो कि काफी मनमोहक होता है।

प्राचीन भारत के कारीगरों का कोई जवाब नहीं Musical Pillars Of Hampi

इस जगह को देखकर आप भी यह कहने पर मजबूर हो जाएंगे कि प्राचीन भारत के कारीगरों का कोई जवाब नहीं है। यहां उन्होंने न सिर्फ इन बेहद खास पत्थरों की खूबी को पहचाना, बल्कि रंग मंडप को बनाते वक्त ऐसे पत्थरों को चुना, जिनसे बेहतरीन संगीत निकलता है। बता दें, लिथोपोन (Lithopone) नामक यह पत्थर दुनियाभर में और भी हैं, जैसे- अफ्रीका के रॉक गांग्स और वियतनाम के जाइलोफोन जैसे दिखने वाले इंस्ट्रूमेंट्स, लेकिन कहीं भी ऐसे म्यूजिकल पिलर्स आपको शायद ही मिलें। कहना गलत नहीं होगा कि संगीत भारत की मिट्टी में कुछ इस तरह से बसा है, कि यहां तो पत्थरों से भी स्वर निकलते हैं।

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ये कहानी है प्रचलित Musical Pillars Of Hampi

इस ऐतिहासिक मंदिर से कई किवदंतियां और कहानियां जुड़ी हैं। कहा जाता है कि विजयनगर के राजा रामराय एक बार भगवान विट्ठल के दर्शन करने पंढरपुर में गए थे। भगवान विट्ठल की सुंदर मूर्ति को देखकर वे इतने मोहित हो गए कि उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान उनके साथ विजयनगर चलें। राजा की प्रार्थना और भक्ति भाव देखकर श्री विट्ठल प्रसन्न हो गए और वे विजयनगर आने को तैयार हो गए। जिसके बाद इस सजीव सी दिखने वाली मूर्ति को विजयनगर लाया गया।

यहां एक विशाल और सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया गया। इसके बाद मूर्ति को यहां प्रतिष्ठित किया गया। लेकिन अपने भगवान के चले जाने से पंढरपुर के भक्त बहुत उदास हो गए। सभी ने भगवान विट्ठल के परम भक्त भानुदास से मूर्ति को वापस लाने की विनती की। कहा जाता है कि भानुदास विजयनगर गए और अपनी भक्ति से भगवान का हृदय परिवर्तन कर दिया। Musical Pillars Of Hampi जब राजा को यह बात पता चली तो उन्होंने भानुदास को मूर्ति वापस लौटाने का निश्चय किया। यही कारण है कि हम्पी के विट्ठल मंदिर में भगवान की प्रतिमा नहीं है। यह मंदिर आज भी खाली है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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