टेक्नॉलॉजी

अवैध निवेश करने वाली वेबसाइट्स पर कार्रवाई, सरकार के तरफ से इन सभी को किया गया है ब्लॉक: Online Fraud Case

MeitY ने 232 ऐप्स को भी ब्लॉक किया था और इन्हें विदेश से ऑपरेट किया जाता था। इसमें चीनी ऐप्स भी शामिल थीं जो बेटिंग, गैम्बलिंग और अवैध लोन सर्विस उपलब्ध कराती थीं।

100 से अधिक वेबसाइट हुए हैं ब्लॉक, इसे विदेशों से किया जा रहा था ऑपरेट: Online Fraud Case


साइबर क्राइम से निपटने के लिए सरकार नए-नए तरीके अपनाती रहती है। हाल ही में सरकार ने अवैध निवेश और पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड का लालच देने वाली वेबसाइट्स पर कार्रवाई की है। दरअसल ये साइट्स यूजर्स को गुमराह कर रही थीं और फाइनेंशियल फ्रॉड भी कर रही थीं। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इन वेबसाइट्स को विदेशों से हैंडल किया जा रहा था और इनका भारत में बड़ा नेटवर्क था।
Online Fraud Case: गृह मंत्रालय की इकाई इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने वर्टिकल नेशनल साइबरक्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट की मदद से पिछले हफ्ते इसकी पहचान की थी। इस दौरान 100 वेबसाइट्स की पहचान की गई थी जो निवेश और टास्क-बेस्ड पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड करने वाली वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया गया था। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट,2000 का इस्तेमाल करते हुए इन सभी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया था।
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साइबर क्राइम से निपटने के लिए सरकार के नए-नए प्रयास

सरकार नए-नए तरीके से साइबर क्राइम से निपटने का प्रयास कर रही है। हाल ही में सरकार ने अवैध निवेश और पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड करने वाली वेबसाइट्स पर कार्रवाई की है। इन वेबसाइट्स ने यूजर्स को गुमराह किया और फाइनेंशियल फ्रॉड भी किया। गृह मंत्रालय के इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने वर्टिकल नेशनल साइबरक्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट की मदद से 100 वेबसाइट्स की पहचान की थी और उन्हें ब्लॉक कर दिया था।

इन वेबसाइट को विदेशों से किया जा रहा था ऑपरेट

ये वेबसाइट्स, टास्क बेस्ड ऑर्गेनाइज अवैध इनवेस्टमेंट में लिप्ट पाई गई थीं और ये आर्थिक अपराध से जुड़ी हुई थीं। जांच के दौरान ही पता चला था कि इन्हें विदेशों से ऑपरेट किया जा रहा है। अपराध करने के लिए डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर और रेंटेड अकाउंट्स का सहारा लिया जा रहा है। कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टोकरेंसी, ओवरसीज़ एटीएम से भी पैसे बिना इजाजत निकाल लिए जाते हैं।
MeitY ने 232 ऐप्स को भी ब्लॉक किया था और इन्हें विदेश से ऑपरेट किया जाता था। इसमें चीनी ऐप्स भी शामिल थीं जो बेटिंग, गैम्बलिंग और अवैध लोन सर्विस उपलब्ध कराती थीं। Lazypay.in को भी ब्लॉक करने के लिए कहा गया था। ये डच इंवेस्टमेंट फर्म Prosus की ही सब्सिड्री थी। मई में आई चेज इंडिया की रिपोर्ट ने सेल्फ-रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन सेटअप करने के लिए कहा था।
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