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Offline Data Leak: ऑफलाइन भी चोरी हो जाता है डेटा, बचने के लिए अपनाएं ये आसान सी ट्रिक

Offline Data Leak: निजी जानकारी की चोरी केवल ऑनलाइन ही नहीं बल्कि ऑफलाइन भी हो सकती है। कैसे, समझिए और सावधान रहिए।

Offline Data Leak: ऐसे चोरी हो जाता है आफलाइन डेटा, जानें कैसे

आज के समय में डेटा मौजूदा दौर की सबसे अहम चीजों में से एक है। ऐसे में लोग हमेशा आपका डेटा हासिल करने की कोशिश में लगे रहते हैं। कई Advertisers जानना चाहते हैं कि आप क्या खरीदना चाहते हैं। वहीं कुछ हैकर्स आपके अकाउंट में सेंध लगाना चाहते हैं और आपका कंटेंट चुराना चाहते हैं। इसके अलावा लॉ एन्फोर्स्मेंट की भी आपकी सर्च हिस्ट्री, टेक्स्ट और लोकेशन डेटा में हासिल करने में रुचि हो सकती है। आपके डिवाइस पर मौजूद अधिकांश सर्विस भी आपके पर्सनल डेटा को कैप्चर करती हैं, इनमें आपका नाम, आपके द्वारा देखी जाने वाली वेबसाइटें, आपका नेटवर्क IP एडरेस वगैरा शामिल हैं।

आपके फोन में GPS, कैमरा और अन्य सेंसर के साथ-साथ सेंसिटिव डेटा जैसे कि आपके कॉन्टेक्ट और हेल्थ की जानकारी मौजूद है। ऐसे में मोबाइल ऐप्स को इजाजत देते हैं, तो वे इन जानकारियों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आपके फोन से डेटा सिर्फ ऑनलाइन ही नहीं बल्कि ऑफलाइन भी चोरी हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से-

ऐसे चोरी हो जाता है आफलाइन डेटा

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नंबर पर लगा दें पेंट

जब किसी के द्वारा या ऑनलाइन ख़रीदारी करने के दौरान पार्सल आता है, तो उसमें नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर और घर का पता भी लिखा होता है। यही मोबाइल नंबर आपके आधार, बैक व अन्य जरूरी दस्तावेज़ों में भी रजिस्टर होता है। ऐसे में इसे फेंकने से पहले जानकारी पर काला पेन चला दें या नष्ट कर दें। इसी तरह जब पैन कार्ड या आधार कार्ड आदि की फोटोकॉपी पुरानी हो जाए, तो उन्हें यहां वहां फेंकने के बजाए जला दें। उसी प्रकार विज़िटिंग कार्ड अगर काम में नहीं आ रहा है, तो यूं ही ना फेंकें। दवाई का पर्चा और नोटरी पर भी पूरा नाम, पता, नंबर आदि लिखा होता है, इन्हें भी अच्छी तरह से फाड़कर या जलाकर ही फेंकें ताकि उनमें मौजूद जानकारी किसी के हाथ ना लगे।

फोटोकॉपी के दौरान बरतें सावधानी

पैनकार्ड, आधार कार्ड, मार्कशीट या अन्य निजी कागजात की फोटोकॉपी या स्कैन आप बाज़ार से कराते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि बेपरवाह होकर जिस दुकान और मशीन से आप स्कैन और फोटोकॉपी करा रहे हैं, उससे आपकी निजी जानकारी भी चोरी हो सकती है। दरअसल जब आप बाज़ार में किसी कागज़ की फोटोकॉपी या स्कैन करवाते हैं, वो डाटा हार्ड डिस्क में स्टोर होता जाता है। ऐसे में फोटोकॉपी विश्वसनीय दुकानों पर ही कराएं। हालांकि आप उनसे डाटा डिलीट करने के लिए भी कह सकते हैं। इसके अलावा दफ़्तर की मशीन भी उपयोग कर सकते हैं, लेकिन मशीन लीज पर ना हो ये जरूर सुनिश्चित कर लें।

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हस्ताक्षर करने की आदत

कुछ लोगों की आदत होती है किसी कागज़ात पर साइन करने से पहले रद्दी कागज़ या कॉपी पर हस्ताक्षर करके अभ्यास करते हैं। ये कॉपी किसी गलत हाथों में जा सकती है। अगर आप घर में भी इस तरह कॉपियों पर हस्ताक्षर करते हैं और रद्दी में देते हैं, तो पहले जांच लें कि कहीं इसमें मोबाइल नंबर या हस्ताक्षर तो नहीं किए हैं।

न करें मोबाइल में हर डिटेल रखने की गलती

हस्ताक्षर, बैंक खाता की पासबुक की तस्वीर, आधार या पैन कार्ड की कॉपी ज़्यादातर लोग फोन में रखते हैं। ऐसे में जब फोन ख़राब होता है और ठीक कराने के लिए सर्विस शॉप पर देते हैं, तो इन्हें हटाते नहीं हैं। यह भी एक जरिया हो सकता है जानकारी चोरी होने का। अगर मोबाइल में रखना भी है, तो डिजीलॉकर में रखें और पिन जरूर सेट करें।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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