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vishwakarma puja 2025: ये रही विश्वकर्मा पूजा कि सही तारिख और शुभ मुहूर्त, पूजा के समय ये सामग्री जरूर करें शामिल

हर साल आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विश्वकर्मा पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग तकनीक के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।

vishwakarma puja 2025: जानिए क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारें में…


vishwakarma puja 2025: भगवान विश्वकर्मा को सनातन धर्म में देवताओं के दिव्य वास्तुकार और इंजीनियर के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है इनका जन्म आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हुआ था इसलिए हर साल इस दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। ये दिन शिल्पकारों और कारीगरों के लिए बेहद खास होता है। विश्वकर्मा जयंती को विश्वकर्मा पूजा और विश्वकर्मा दिवस के नाम से भी मनाया जाता है। इस साल विश्वकर्मा पूजा पर्व 17 सितंबर को मनाया जाएगा।

vishwakarma puja 2025
vishwakarma puja 2025

इस साल विश्वकर्मा पूजा कि शुभ मुहूर्त 

विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025, बुधवार

विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण 01:55 AM

ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:20 ए एम

प्रातः सन्ध्या 04:57 ए एम से 06:07 ए एम

अभिजित मुहूर्त कोई नहीं

विजय मुहूर्त 02:18 PM से 03:07 PM

गोधूलि मुहूर्त 06:24 PM से 06:47 PM

सायाह्न सन्ध्या 06:24 PM से 07:34 PM

अमृत काल 12:06 AM, सितम्बर 18 से 01:43 ए एम, सितम्बर 18

निशिता मुहूर्त 11:52 PM से 12:39 AM, सितम्बर 18

विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाते हैं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म अश्विन संक्रांति के दिन हुआ है। इसलिए हर साल इसी दिन विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया जाता है। भगवान विश्वकर्मा का हर युग में सम्मान रहा है। देवी देवता भी भगवान विश्वकर्मा का आदर करते हैं। ऐसी कथा है कि सृष्टि के निर्माण के लिए यह उलझन हुई कि सृष्टि बनेगी तो पृथ्वी का आकार कैसा होगा। तब भगवान विश्वकर्मा ने ही पृथ्वी को आकार दिया था।

विश्वकर्मा पूजा के लिए आपको इन चीजों की आवश्यकता होगी

भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर, अक्षत, कुमकुम, गुलाल, सुपारी, फूल, रक्षासूत्र, फल, मिठाई, धूप, दही, दीपक, लकड़ी की चौकी, लाल या पीला वस्त्र आसन के लिए, पंचामृत, इलायची, जल से भरा कलश, गंगाजल और पंचमेवा

विश्वकर्मा पूजा करने कि विधि

अपने पूजा स्थल को पहले अच्छी तरह साफ कर लें। इसके बाद, वहां लकड़ी के चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर विश्वकर्मा भगवान की तस्वीर रखें। इसके बाद, अपने औजारों, मशीनों आदि को भी अच्छी तरह साफ करके रख लें। अब कुमकुम, अक्षत, फूल, गुलाल, धूप आदि से विधि-विधान से भगवान की पूजा करें। साथ ही, उन्हें पंचमेवा, मिठाई और फल भी जरूर चढ़ाएं। पूजा स्थल पर एक जल से भरा कलश भी जरूर रखें और उस पर रोली व अक्षत लगाएं। साथ ही, अपने मशीनों और औजारों पर भी तिलक व अक्षत लगाएं। सभी औजारों पर फूल चढ़ाकर विश्वकर्मा भगवान की आरती करें और आखिर में सभी में प्रसाद बांटें।

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विश्वकर्मा पूजा मंत्र 

नमस्ते विश्वकर्माय, त्वमेव कर्तृता सदा।

शिल्पं विधाय सर्वत्र, त्वं विश्वेशो नमो नमः।।

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