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Sunderkand Path Benefits: मान सम्मान चाहिए तो मंगलवार-शनिवार जरूर करें हनुमान जी की पूजा, हैरान कर देंगे सुंदरकांड पाठ के फायदे

Sunderkand Path Benefits: हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। सुंदरकांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं, लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।

Sunderkand Path Benefits: जानें क्या है सुंदरकांड पाठ करने के लाभ, अच्छा होता घर का वातावरण

भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अमूमन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा बड़े-बूढ़ों से लेकर बच्चों तक को जल्दी याद हो जाता है। लेकिन हनुमान चालीसा के अलावा यदि आप सुंदरकांड पाठ के लाभ जान लेंगे तो इसे रोजाना करना पसंद करेंगे। हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। सुंदरकांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं, लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं-

सुंदरकांड का महत्व

भगवान हनुमान जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। ये बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वाले माने जाते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। जो भी जातक प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में उसके द्वारा किए जाने वाले किसी भी काम का परिणाम हमेशा सकारात्मक ही मिलता है। इसलिए हर घर में सुंदरकांड का पाठ अवश्य करने को बताया गया है। सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती हैं।

सुंदरकांड पाठ करने के लाभ

सुंदरकांड का नित्यप्रति पाठ करना हर प्रकार से लाभ दायक होता है, इसके अनंत लाभ हैं। इस पाठ को हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक लगा कर करने से अधिक फल प्राप्त होता है। सुन्दरकाण्ड एक ऐसा पाठ है जो कि हर प्रकार की बाधा और परेशानियों को खतम कर देने में पूर्णतः समर्थ है। आप इसे रोज नहीं कर सकते हैं तो आप मंगलवार -मंगलवार इसे कर सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आपका पाठ जब तक चले न तो मांस मदिरा का सेवन करे न ही अपने घर में मांस मदिरा लाएं। जब तक पाठ हो आपको ब्रह्मचर्य और सदाचार का पालन करना चाहिए ,क्योकि हनुमान जी परम सात्विक देवता हैं।

सुंदरकांड पाठ करने का सही तरीका

  • अगर आप विशेष फल की प्राप्ति के लिए सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो इसकी शुरूआत मंगलवार या शनिवार के दिन से करें।
  • सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • सुंदरकांड का पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर रखी हनुमानजी की मूर्ति की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। साथ ही सीता-राम की मूर्तियां भी हनुमान जी के पास रखें।
  • हनुमान जी की पूजा फल-फूल, मिठाई और सिंदूर से करें।
  • सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले गणेश वंदना जरूर करें।
  • सुंदरकांड करते समय तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की भी पूजा करनी चाहिए।

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ज्योतिष के अनुसार भी सुन्दरकाण्ड एक अचूक उपाय है, ज्योतिषियों के द्वारा उपाय के तौर पर अक्सर बताया जाता है, उन लोगों के लिए ये विशेष फलदाई होता है जिनकी जन्म कुंडली में मंगल नीच का है, पाप ग्रहों से पीड़ित है, पाप ग्रहों से युक्त है या उनकी दृष्टि से दूषित हो रहा है, मंगल में अगर बल बहुत कम हो, अगर जातक के शरीर में रक्त विकार हो, अगर आत्मविश्वास की बहुत कमी हो, अगर मंगल बहुत ही क्रूर हो तो भी ये पाठ आपको निश्चित राहत देगा।

पाठ करने से आती है खुशहाली

अगर लगन में राहू स्थित हो, लगन पर राहू या केतु की दृष्टि हो, लगन शनि या मंगल के दुष्प्रभावो से पीड़ित हो, मंगल अगर वक्री हो या गोचर में मंगल के भ्रमण से अगर कोई कष्ट आ रहे हो, शनि की सादे साती या ढैय्या से आप परेशान हो, इत्यादि। इन सभी योगो में सुन्दरकाण्ड का पाठ अचूक फल दायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त सुन्दरकाण्ड के पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन और नकारात्मक ऊर्जा का क्षरण होता है, जिससे बहुविध खुशहाली आती है।

अच्छा होता घर का वातावरण

सुंदरकांड का पाठ करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है, ये आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करता है और परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है, बुद्धि कुशाग्र होती है। इसका पाठ मन को शांति और सुकून देता है। मानसिक परेशानियों और व्याधियों से ये छुटकारा दिलवाने में कारगर है। जिन लोगो को गृह कलेश की समस्या है इस पाठ से उनको विशेष फल मिलते है। अगर घर का मुखिया इसका पाठ घर में रोज करता है तो घर का वातावरण अच्छा रहता है। घर में या अपने आप में कोई भी नकारात्मक शक्ति को दूर करने का ये अचूक उपाय है। अगर आप सुनसान जगह पर रहते हैं और किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो उस स्थान या घर पर इसका रोज पाठ करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है और आत्मबल बढ़ता है। जिनको बुरे सपने आते हो रात को अनावश्यक डर लगता हो इसके पाठ निश्चित से आराम मिलेगा।

कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक है सुंदरकांड

जो लोग कर्ज से परेशान हैं, उनको ये सुंदर कांड का पाठ शांति भी देता है और कर्ज मुक्ति में सहायक भी होता है। जिस घर में बच्चे मां पिता के संस्कार को भूल चुके हों, गलत संगत में लग गए हो और मां पिता का अनादर करते हों वहां भी ये पाठ निश्चित लाभकारी होता है। किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक रोग भले क्यों न हो इसका पाठ लाभकारी होता है। भूत प्रेत की व्याधि भी इस पाठ को करने से स्वतः ही दूर हो जाती है। नौकरी में प्रमोशन में भी ये पाठ विशेष फलदाई होता है। घर का कोई भी सदस्य घर से बाहर हो आपको उसकी कोई जानकारी मिल पा रही हो या न भी मिल पा रही हो तो भी आप अगर इसका पाठ करते हैं, तो संबंधित व्यक्ति की निश्चित ही रक्षा होगी, और आपको चिंता से भी राहत मिलेगी। इसके अलावा ऐसे बहुत से लाभ हैं जो सुन्दरकाण्ड से मिलते हैं। आप सभी इस पाठ का लाभ उठा सकते हैं। अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस कर सकते हैं, जीवन सार्थक बना सकते हैं।

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मनोवैज्ञानिकों की राय

आपको बता दें कि केवल शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहीं बल्कि विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है।

सुंदराकांड पाठ का अर्थ

इस पाठ की एक-एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ, भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।

सफलता के सूत्र

आपको शायद मालूम ना हो, लेकिन यदि आप सुंदरकांड के पाठ की पंक्तियों के अर्थ जानेंगे तो आपको यह मालूम होगा कि इसमें जीवन की सफलता के सूत्र भी बताए गए हैं।

सफल जीवन के मंत्र

यदि व्यक्ति अपने जीवन पर अमल कर ले तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए यह राय दी जाती है कि यदि रामचरितमानस का पूरा पाठ कोई ना कर पाए, तो कम से कम सुंदरकांड का पाठ अवश्य कर लेना चाहिए।

पाठ करने से शीघ्र बरसती है कृपा

मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से श्री सुंदरकांड का पाठ करने पर श्री हनुमान जी की शीघ्र ही कृपा बरसती है। श्री सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां शीघ्र ही दूर होती हैं और साधक को श्री हनुमान जी से बल, बुद्धि और विद्या समेत सुख-संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता ये भी है कि यदि आपको किसी कार्य विशेष में तमाम प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है तो आपको हनुमत उपासना के दौरान श्री सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।

भक्ति भाव से करें पाठ

हनुमान जी की महिमा का गान करने वाला सुंदरकांड का पाठ व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला पाठ है। ऐसे में मंगलवार के दिन सुंदरकांड का भक्ति-भाव का पाठ करने से कार्य विशेष में आ रही सभी बाधाएं शीघ्र ही दूर होती हैं और मनचाहा कार्य संपूर्ण होता है। ज्योतिष के अनुसार श्री सुंदरकांड का पाठ इंसान को किसी भी परिस्थिति से बाहर निकाल कर सभी मनोकामनाओं को पूरा करता हुए शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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