Islamic New Year: इस्लामिक न्यू ईयर 2025, जानिए हिजरी संवत की शुरुआत कैसे हुई
Islamic New Year, इस्लामिक नया साल, जिसे हिजरी नववर्ष (Hijri New Year) या मुहर्रम का पहला दिन भी कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर के अनुसार वर्ष की शुरुआत को दर्शाता है।
Islamic New Year : इस्लामिक नया साल कब है? जानिए इसका इतिहास और महत्व
Islamic New Year, इस्लामिक नया साल, जिसे हिजरी नववर्ष (Hijri New Year) या मुहर्रम का पहला दिन भी कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर के अनुसार वर्ष की शुरुआत को दर्शाता है। यह दिन इस्लामी समाज में धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल बदलता रहता है, क्योंकि इस्लामी कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है।
हिजरी संवत की शुरुआत
इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत हज़रत मोहम्मद (स.अ.) के मक्का से मदीना हिजरत (प्रवास) की स्मृति में हुई थी। इसीलिए इसे “हिजरी कैलेंडर” कहा जाता है। हिजरत की यह घटना इस्लामी इतिहास की एक निर्णायक और पवित्र घटना मानी जाती है। इसी घटना के आधार पर हिजरी संवत 1 की गणना की जाती है, और मुहर्रम इस्लामी वर्ष का पहला महीना होता है।
मुहर्रम, त्याग और बलिदान का महीना
इस्लामी नया साल मुहर्रम के महीने से शुरू होता है। यह महीना इस्लाम में चार पवित्र महीनों में से एक है। इस महीने में युद्ध व हिंसा की मनाही होती है। 10वीं मुहर्रम को ‘यौम-ए-आशूरा’ कहा जाता है, जो इस्लामी इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक – करबला की लड़ाई – की याद में मनाया जाता है।हज़रत इमाम हुसैन (र.अ.), जो कि पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे थे, उन्होंने अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई और करबला के मैदान में अपनी जान कुर्बान कर दी। उनका बलिदान आज भी इंसानियत, न्याय और सच्चाई की मिसाल बना हुआ है।
कैसे मनाया जाता है इस्लामिक नया साल?
इस्लामिक नया साल किसी उत्सव की तरह नहीं मनाया जाता, बल्कि यह आत्मचिंतन, दुआ, नमाज़ और शांति की भावना के साथ मनाया जाता है। लोग मस्जिदों में जाकर इबादत करते हैं, कुरआन की तिलावत करते हैं, और अपनी गलतियों से सीख लेकर नए साल की एक आध्यात्मिक शुरुआत करते हैं। शिया समुदाय विशेष रूप से मुहर्रम के पहले 10 दिनों में मातम, ताज़िया, मजलिस और जुलूस के माध्यम से करबला की घटना को याद करते हैं, जबकि सुन्नी मुसलमान भी उपवास, नमाज़ और विशेष दुआओं के ज़रिए इस महीने को श्रद्धा से बिताते हैं।
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इस्लामिक नया साल
इस्लामी नया साल हमें सिखाता है कि जीवन में सत्य के लिए खड़े होना कितना आवश्यक है, चाहे उसके लिए कितना भी बलिदान क्यों न देना पड़े। यह नया साल केवल एक तारीख नहीं, बल्कि आत्ममंथन, आध्यात्मिक उन्नति और अच्छाई के मार्ग पर चलने का प्रण है।
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