Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek: सावन के चौथे सोमवार पर इस विधि से करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक, जानें पूजा विधि और शुभ समय
Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek: शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। इस महीने में देश भर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिलता है। सनातन धर्म में इस महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है। साथ ही यह समय शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek: सावन का चौथा सोमवार है बेहद खास, जानें पूजा नियम
शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। इस महीने में देश भर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिलता है। सनातन धर्म में इस महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है। साथ ही यह समय शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार पर महादेव की पूजा करने से प्रभु शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आप भी देवों के देव महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो सावन के चौथे सोमवार पर सही विधि से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से आपकी सभी कामनाएं पूरी होंगी और घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। इसके अलावा जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
पंचांग के अनुसार, सावन के चौथे सोमवार के दिन सप्तमी तिथि का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 7:55 तक रहेगा। साथ ही इस विशेष दिन पर स्वाति नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है, जो सुबह 8:23 तक रहेगा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। सावन सोमवार व्रत के दिन शुक्ल योग और ब्रह्म योग का भी निर्माण हो रहा है। Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek शुक्ल युग शाम 04:26 तक रहेगा और इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा। इन योगों में रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम माना जा रहा है।
रुद्राभिषेक की सामग्री Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek
रुद्राभिषेक के लिए फल, सफेद फूल, सिंदूर, चंदन का लेप, धूप-दीप, कपूर, अगरबत्ती, बेलपत्र, गंगाजल, कच्चा दूध, गुलाब जल, इत्र, घी, तेल, बाती समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
सावन के चौथे सोमवार को ऐसे करें पूजा Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek
- सावन के चौथे सोमवार को सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव की पूजा करें।
- सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर जाएं या घर पर ही विधिवत तरीके से शिवलिंग की पूजा करें।
- भगवान शिव का गंगाजल या दूध से अभिषेक करें।
- इसके बाद भगवान शिव शंभू को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग के पत्ते, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान शिव को शहद, फल, मिठाई, चीनी, धूप और दीप अर्पित करें।
- शिव चालीसा और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें।
- अंत में शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाएं और भोलेनाथ की आरती करें।
ऐसे करें रुद्राभिषेक Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek
- भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए सबसे पहले गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करें।
- इसके बाद रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें। फिर पूजा आरंभ करें।
- शिव-गौरी के साथ नौ ग्रहों का स्मरण करके रुद्राभिषेक का उद्देश्य बताएं।
- रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू करें और उत्तर दिशा में शिवलिंग स्थापित करें।
- रुद्राभिषेक के लिए पूर्व दिशा में बैठ जाएं और मिट्टी से शिवलिंग बनाकर उस पर जलाभिषेक करें।
- शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं और फिर रुद्राभिषेक में इस्तेमाल होने वाली चीजे शिवजी को चढ़ाएं।
- अंत में शिवजी को प्रसाद अर्पित करें। पूजा में इस्तेमाल किए गए जल और अन्य द्रव्यों को परिवार के सदस्यों पर छिड़कें।
रुद्राभिषेक के नियम Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek
- शिवलिंग का जो मंदिर नदी के तट या फिर पर्वत के किनारे स्थित हो, वहां स्थित शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी माना गया है।
- मंदिर के गर्भगृह में स्थिति शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुभ होता है।
- जल से रुद्राभिषेक करने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें।
- घर में स्थापित शिविंलग का भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इसके अलावा शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करना बहुत ही उत्तम माना जाता है।
क्या है रुद्राभिषेक का महत्व Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek
सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने और व्रत का पालन करने से लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि, धन, ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित सावन सोमवार व्रत का पालन करता है, उन पर महादेव की कृपा निरंतर बनी रहती है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को रोग, दोष इत्यादि से भी छुटकारा मिल जाता है और सभी बाधाएं भी दूर रहती हैं।
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