Om Chanting Rule: जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करना है तो ‘ऊं’ का करें जाप, रोजाना उच्चारण करने से होते हैं इतने सारे लाभ, जानें जाप की सही विधि
Om Chanting Rule: सृष्टि के आरंभ में एक ध्वनि गूंजी ओम और पूरे ब्रह्मांड में इसकी गूंज फैल गई। पुराणों में ऐसी कथा मिलती है कि इसी शब्द से भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा प्रकट हुए। इसलिए ओम को सभी मंत्रों का बीज मंत्र और ध्वनियों एवं शब्दों की जननी कहा जाता है। इसका उच्चारण करने से मन शांत होता है और आत्मा को शक्ति मिलती है।
Om Chanting Rule: ऐसे करें ऊं का जाप, क्या है इसका महत्व
मन पर नियंत्रण करके शब्दों का उच्चारण करने की क्रिया को ही मंत्र कहते हैं। मंत्र विज्ञान का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे मन व तन पर पड़ता है। मंत्र का जप मानसिक क्रिया है। कहा जाता है कि जैसा रहेगा मन वैसा रहेगा तन। यानी यदि हम मानसिक रूप से स्वस्थ्य हैं तो हमारा शरीर भी स्वस्थ्य रहेगा। मन को स्वस्थ्य रखने के लिए मंत्र का जप करना आवश्यक है। ओम् तीन अक्षरों से बना चमत्कारिक मंत्र है। अ, उ और म से निर्मित यह शब्द सर्व शक्तिमान है। जीवन जीने की शक्ति और संसार की चुनौतियों का सामना करने का अदम्य साहस देने वाले ओम के उच्चारण करने मात्र से विभिन्न प्रकार की समस्याओं और व्याधियों का नाश होता है। कहा जाता है कि सृष्टि के आरंभ में एक ध्वनि गूंजी ओम और पूरे ब्रह्मांड में इसकी गूंज फैल गई।
पुराणों में ऐसी कथा मिलती है कि इसी शब्द से भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा प्रकट हुए। इसलिए ओम को सभी मंत्रों का बीज मंत्र और ध्वनियों एवं शब्दों की जननी कहा जाता है। इसका उच्चारण करने से मन शांत होता है और आत्मा को शक्ति मिलती है। ऊं का जाप करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। Om Chanting Rule आज हम आपको अपने इस लेख में ऊं के जाप के फायदे और जाप करने के सही तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं विस्तार से-
ऊं का महत्व Om Chanting Rule
ऊं शब्द ब्रह्मांड के सृजन, पालन और संहार को दर्शाता है। ऊं को सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नियमित रूप से ऊं का जाप करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। Om Chanting Rule ऊं का जाप आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
ऐसे करें ऊं का जाप Om Chanting Rule
ऊं का उच्चारण प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर करना चाहिए। ऊं केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि ध्वनि है। जब हम इसका जाप करते हैं तो बोलते समय उत्पन्न हुई उस ध्वनि से ही हमें कई तरह के फायदे होते हैं। इसलिए इसका जाप हमेशा ऐसी जगह पर करना चाहिए जहां कोई शोर शराबा न हो। ऊं का उच्चारण करने से पहले जमीन पर आसन लगाएं और पद्मासन में बैठें। इसके बाद आंखें बंद करके सांस खींचें और फिर पेट से ऊं की आवाज को निकालते हुए सांस छोड़ते चले जाएं। Om Chanting Rule ऊं का उच्चारण करते समय स्वर को जितना ऊंचे रखेंगे और जितनी गहराई से इसे बोलेंगे, आपको इसके उतने ही बेहतर लाभ मिलेंगे। एक बार में कम से कम 108 बार ऊं का उच्चारण करना चाहिए। इसके बाद आप धीरे-धीरे उच्चारण की अवधि बढ़ा सकते हैं। ऊं का जाप करते समय मन को शुद्ध रखना चाहिए। ऊं के जाप पर विश्वास रखना चाहिए। ऊं का जाप नियमित रूप से करना चाहिए। ऊं का जाप करने से पहले किसी योग गुरु या धार्मिक गुरु का मार्गदर्शन लेना चाहिए।
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ऊं जाप के फायदे Om Chanting Rule
- माना जाता है कि नियमित रूप से ऊं का जाप करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
- नियमित तौर पर ऊं का उच्चारण व जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
- जब ऊं का उच्चारण करते हैं तो पूरे शरीर में कंपन सा होता है, जिससे आपके पूरे शरीर को लाभ पहुंचता है।
- ऊं का उच्चारण करने से पेट व रक्तचाप से संबंधित समस्याओं में भी लाभ मिलता है। Om Chanting Rule
- ध्यान लगाकर ऊं का जाप किया जाए, तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
- ऊं का उच्चारण करने मात्र से ही शारीरिक और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है।
- ऊं का उच्चारण और जाप करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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