Kabir Jayanti: कबीर जयंती 2025 स्पेशल, दोहों के सबसे बड़े कवि
Kabir Jayanti: संत कबीर दास जी की जयंती हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। Kabir Jayanti दिन उनके जन्म की में मनाया जाता है।
Kabir Jayanti : कबीर जयंती पर जानिए उनके अनमोल दोहे और शिक्षाएं
Kabir Jayanti, संत कबीर दास जी की जयंती 11 जून को मनाई जाती है। Kabir Jayanti दिन उनके जन्म की में मनाया जाता है। Kabir भारतीय संत, कवि और समाज सुधारक थे, जिनका जीवन और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरणा देती हैं। माना जाता है कि Kabir का जन्म 1398 ईस्वी में हुआ था। उनके जन्म को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि वे वाराणसी के पास लहरतारा तालाब के किनारे पैदा हुए थे और एक जुलाहा परिवार ने उनका पालन-पोषण किया।
कबीर का जीवन
Kabir जी ने अपने दोहों और कविताओं के माध्यम से समाज में फैली अंधविश्वासों और पाखंडों का विरोध किया। उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया और धर्म के नाम पर होने वाले भेदभाव को गलत बताया। वे कहते थे कि ईश्वर एक है और उसे मंदिर या मस्जिद में नहीं, बल्कि इंसान के दिल में ढूंढना चाहिए। कबीर जी ने भाषा को सरल और सीधा रखा ताकि आम जनता उनकी बातों को आसानी से समझ सके। उनके दोहे आज भी स्कूलों और किताबों में पढ़ाए जाते हैं।
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उनके अनमोल दोहे
संत कबीर दास जी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उन्होंने कभी किसी धर्म को छोटा-बड़ा नहीं बताया। उन्होंने कर्म और सच्चाई को सबसे ऊपर माना। उनके दोहे जैसे “बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय; जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय”, आज भी लोगों को आत्मचिंतन की सीख देते हैं।संत कबीर का जीवन सादगी और सच्चाई का प्रतीक है। उन्होंने कभी दिखावे में विश्वास नहीं किया। वे अपने काम और विचारों से समाज को बदलने का प्रयास करते रहे। कबीर दास जी की शिक्षा आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनके समय में थी।
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Kabir Jayanti 2025 स्पेशल
कबीर जयंती के दिन देशभर में भजन, कीर्तन और कबीर के दोहों का पाठ किया जाता है। कई जगहों पर शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। कबीरपंथी संप्रदाय के लोग इस दिन को विशेष श्रद्धा के साथ मनाते हैं। वाराणसी के कबीर मठ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं और उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संत कबीर दास जी केवल एक संत या कवि नहीं थे, बल्कि वे एक क्रांतिकारी विचारक थे जिन्होंने समाज में प्रेम, समानता और एकता का संदेश फैलाया।
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