Food Rules According To Vastu: भोजन पकाते और ग्रहण करते समय इन बातों का रखें ध्यान, कभी नहीं होगी अन्न धन की कमी
Food Rules According To Vastu: वास्तु शास्त्र में घर के साथ-साथ किचन से जुड़े भी कई नियम बताए गए हैं। अन्न को देवता के समान ही पूजनीय माना गया है। किचन से जुड़े कुछ नियमों का पालन कर लिया जाए तो देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। घर में बरकत आने लगती है। साथ ही घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
Food Rules According To Vastu: भोजन करने से पहले 5 अंगों की सफाई है जरूरी, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र में घर के साथ-साथ किचन से जुड़े भी कई नियम बताए गए हैं। अन्न को देवता के समान ही पूजनीय माना गया है। किचन से जुड़े कुछ नियमों का पालन कर लिया जाए तो देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। घर में बरकत आने लगती है। साथ ही घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। धर्म शास्त्रों में अन्न का आदर करने के लिए कहा जाता है। जिस भी घर में नियमों को ध्यान में रखते हुए भोजन पकाया और खाया जाता है, वहां दोगुनी तरक्की होती है। साथ ही अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। कहा जाता है कि भोजन हमेशा नहा धोकर ही बनाना चाहिए। भोजन को हमेशा शुद्ध जगह पर ही बनाना और रखना चाहिए। इससे लोगों पर मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद बना रहता है। शास्त्रों में कहा गया है कि हिंदू धर्म में खाना खाने से पहले भोजन मंत्र का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है। आइए जानते हैं कि भोजन पकाते और खाते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए। जिससे हमारा घर धन संपत्ति से भरा रहे और कभी भी अन्न की कमी न हो।
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भोजन में जल और वायु यदि शुद्ध रहे तो व्यक्ति 100 वर्ष की आयु जीता है। भोजन करने के लिए सात्विकता, शुद्धता, अच्छी भावना और अच्छे वातावरण का होना भी बहुत जरूरी है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर पर अन्न-धन की कोई कमी न हो और परिवार के लोग स्वस्थ जीवन जीएं तो भोजन करने से जुड़े इन नियमों को कभी अनदेखा न करें। क्योंकि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में कंगाली छा सकती है।
अग्नि देव का आह्वान
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि जब रसोई में खाना पकाया जाए तो सबसे पहले अग्निदेव को आहूति देनी चाहिए। इसलिए किचन में खाना पकाते वक्त एक चावल के दाने के बराबर अन्न निकाल कर उसे अग्नि को समर्पित करने से अग्निदेव और मां अन्न पूर्णा सदैव रसोई पर कृपा बरसाती हैं।
भोजन पकाने की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर में खाना पकाते समय दिशा का भी ध्यान रखें। खाना पकाने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन पकाना सबसे उत्तम माना जाता है। इससे घर पर अन्न-धन की कमी नहीं होती और घर के लोगों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
भोजन से पहले 5 अंगों की सफाई जरूरी
शास्त्रों में कहा गया है कि भोजन करने से पहले 5 अंगो (2 हाथ, 2 पैर और मुख) की सफाई करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद भोजन प्राप्त होने के लिए भगवान का धन्यवान करते हुए कहें- ‘सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो’।
भोजन शुरू करने से पहले धन्यवाद
भोजन करने से पहले ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए और जलदेवता को भी धन्यवाद करना चाहिए। इस मंत्र के जरिए भोजन करने वाला ईश्वर को भोजन देने के लिए धन्यवाद करता है। ये मंत्र है- ऊं सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै।तेजस्विनावधीतमस्तु। मा विद्विषावहै ॥ ऊं शान्ति: शान्ति: शान्ति:::
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सीधे हाथ से ही करें भोजन
हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि भोजन हाथ से ही किया जाए और वो भी सीधे हाथ से। वास्तु कहता है कि जो लोग खब्बू यानी लैफ्टी होते हैं, उन्हें छोड़कर जो लोग उल्टे हाथ से भोजन करते हैं, वो दुर्भाग्य को न्योता देते हैं।
किस ओर मुख करके खाएं खाना
हिन्दू परंपरा में किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ समय और शुभ दिशा का विशेष महत्व है। भोजन को हमेशा सही समय पर सही दिशा में ही करना अति उत्तम माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार, पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना गया है। ऐसे में इसी दिशा में मुख करके भोजन करना शुभ होता है।
भोजन करते वक्त ना करें कलह
भोजन करते वक्त कलह या क्लेश करने से बचना चाहिए। ऐसा करने पर मां अन्नपूर्णा का अपमान होता है और ऐसा लगातार करने पर अन्न की देवी रूठती है जिससे घर में अन्न और धन दोनों की कमी होने लगती है।
भोजन की थाली में ना धोएं हाथ
कुछ लोग खाना खाने के बाद उसी थाली में जूठे हाथ धो लेते हैं। इसे ज्योतिष में बहुत गलत बताया गया है। अन्न की थाली में कभी जूठे हाथ नहीं धोने चाहिए। भोजन करने के बाद पहले उठकर हाथ धोएं और फिर साफ हाथों से थाली उठाकर थुलने के लिए रखनी चाहिए।
रात को ना छोड़ें जूठे बर्तन
रसोई घर में रात को सिंक वगैरह में जूठे और गंदे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। ऐसा करने से दुर्भाग्य आता है और अन्न पूर्णा देवी नाराज हो जाती हैं। रात को ही बर्तन साफ करके सोने से घर में हमेशा अन्न और धन की बरकत बनी रहती है।
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अन्न का करें दान
यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में अन्न और धन का भंडार भरा रहे तो आपको हमेशा दान भी करना चाहिए। इस अन्न का दान महादान के बराबर माना गया है। ऐसे में इसे आम आदमी से लेकर पशु-पक्षियों के लिए प्रतिदिन जरूर निकालें। इससे आपके घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं रहेगी।
जमीन पर बैठकर ही करें भोजन
हिंदू मान्यता के अनुसार, भोजन हमेशा जमीन पर किसी आसन पर बैठकर ही करना चाहिए। खाना उतना ही लेना चाहिए जितना आप खा सकें। कभी भी थाली में अन्न नहीं छोड़ना चाहिए। कभी भी न तो बिस्तर पर बैठकर भोजन खाना चाहिए और न ही खाने की थाली में हाथ धोना चाहिए। ऐसा करने वालों के घर में धन और अन्न की कमी होने लगती है।
सपरिवार करें भोजन
यह प्रयास करें कि परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर ही भोजन करें। अलग-अलग भोजन करने से परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और एकता में कमी आती है।
ऐसा भोजन कभी न करें ग्रहण
गरिष्ठ भोजन, किसी का छोड़ा हुआ, बहुत तीखा या बहुत मीठा, पशु या कुत्ते का छुआ हुआ, श्राद्ध का निकाला हुआ, बासी या आधा पका भोजन, मुंह से फूंका हुआ, बाल गिरा हुआ, रजस्वला स्त्री द्वारा परोसा गया और ढिंढोरा पीटकर खिलाने वालों का भोजन कभी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
भोजन करने के बाद क्या करें क्या नहीं
भोजन करने के बाद तुंरत पानी या गर्म पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही भोजन के बाद दौड़ना, बैठना या शौच आदि नहीं करें। भोजन के बाद कम से कम 100 कदम टहलना अच्छा माना जाता है। भोजन करने के कुछ समय बाद बाईं करवट लेकर लेटना या वज्रासन करना चाहिए। इससे भोजन पचाने में मदद मिलती है। भोजन करने के कुछ समय बाद आप मीठा या फल खाएं। इससे भी भोजन अच्छे से पचता है।
भोजन करने के बाद के मंत्र
- अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनिं च बडवानलनम।
भोजनं परिपाकारथ स्मरेत भीमं च पंचमं ।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।
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