Dhanteras 2025: धनतेरस 2025, सोना या चांदी क्या है अधिक शुभ और लाभकारी?
Dhanteras 2025, धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दिवाली के पांच दिवसीय महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार धन और स्वास्थ्य की देवी, धन्वंतरि की पूजा के लिए मनाया जाता है।
Dhanteras 2025 : सोना बनाम चांदी, जानिए इस धनतेरस 2025 पर किसे खरीदना ज्यादा शुभ है
Dhanteras 2025, धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दिवाली के पांच दिवसीय महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार धन और स्वास्थ्य की देवी, धन्वंतरि की पूजा के लिए मनाया जाता है। भारतीय परंपरा में इस दिन सोना और चांदी खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि धनतेरस पर क्या खरीदना ज्यादा लाभकारी और शुभ है सोना या चांदी? आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से।
धनतेरस का महत्व
धनतेरस हर साल अक्तूबर–नवंबर के बीच, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से धन, संपत्ति और स्वास्थ्य के लिए जाना जाता है।
- इस दिन धन्वंतरि, आयुर्वेद के देवता, समुद्र मंथन से अमृत और रत्न लेकर प्रकट हुए थे।
- इसलिए, धनतेरस पर धन और आभूषण खरीदना, स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों के लिए शुभ माना जाता है।
- पारंपरिक रूप से, सोना और चांदी को निवेश और पवित्रता का प्रतीक माना गया है।
सोना – समृद्धि और लग्जरी का प्रतीक
धनतेरस पर सोना खरीदना सदियों से शुभ माना गया है।
- आर्थिक दृष्टि से: सोना लंबे समय तक संपत्ति और निवेश का प्रतीक है। इसकी कीमत समय के साथ बढ़ती है।
- धार्मिक दृष्टि से: सोने की मूरतें, आभूषण और सिक्के देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आदर्श माने जाते हैं।
- आध्यात्मिक दृष्टि से: सोना शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है। घर में सोना रखने से आर्थिक स्थिरता और सौभाग्य बढ़ता है।
धनतेरस पर सोना खरीदना खासकर महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह घर में सौभाग्य और परिवार की खुशहाली लाता है।
चांदी – स्वास्थ्य और सुरक्षा का प्रतीक
वहीं, चांदी को भी धनतेरस पर बहुत शुभ माना जाता है।
- धार्मिक दृष्टि से: चांदी को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसे खरीदकर घर में रखना देवी लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करता है।
- आर्थिक दृष्टि से: चांदी भी निवेश का एक अच्छा विकल्प है। इसका बाजार मूल्य सोने के मुकाबले कम उतार-चढ़ाव वाला होता है।
- स्वास्थ्य के लिए: चांदी के बर्तन और आभूषण को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। आयुर्वेद में इसे शुद्धि और रोगनिवारक तत्वों के रूप में देखा गया है।
धनतेरस पर चांदी खरीदने से संपत्ति के साथ-साथ स्वास्थ्य और सुरक्षा की प्राप्ति का विश्वास होता है।
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सोना बनाम चांदी — कौन ज्यादा शुभ?
धनतेरस पर सोना और चांदी दोनों ही शुभ माने जाते हैं। चयन इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस उद्देश्य से खरीदारी कर रहे हैं:
| पहलू | सोना | चांदी |
|---|---|---|
| धन और समृद्धि | अधिक लाभकारी | मध्यम लाभकारी |
| स्वास्थ्य और सुरक्षा | औसत | अधिक लाभकारी |
| निवेश का रिटर्न | उच्च और स्थायी | मध्यम और स्थिर |
| धार्मिक महत्व | देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना | घर में शुद्धता और स्वास्थ्य बढ़ाना |
अगर आपकी प्राथमिकता आर्थिक समृद्धि और संपत्ति निवेश है तो सोना बेहतर है।
अगर आपका लक्ष्य स्वास्थ्य और घर की सुरक्षा है तो चांदी खरीदना अधिक शुभ माना जाता है।
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धनतेरस पर खरीदारी के टिप्स
- शुभ मुहूर्त में खरीदें: धनतेरस का मुहूर्त शुभ होता है। सुबह 4:00 बजे से दोपहर तक का समय खरीदारी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
- नवीन और शुद्ध खरीदें: सोना और चांदी दोनों ही शुद्ध और प्रमाणित खरीदें।
- सुरक्षित निवेश: छोटे गहने, सिक्के या बार खरीदना लाभकारी होता है।
- घर की दिशा: आभूषण या धातु को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
धनतेरस 2025 पर सोना और चांदी दोनों ही शुभ और लाभकारी हैं।
- सोना आपके धन और संपत्ति में वृद्धि करेगा और देवी लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करेगा।
- चांदी स्वास्थ्य, सुरक्षा और घर की शुद्धता के लिए उत्तम है।
इस दिव्य दिन पर चाहे आप सोना खरीदें या चांदी, ध्यान रखें कि इसे शुभ मुहूर्त में खरीदना और सही दिशा में रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, धनतेरस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि समृद्धि, सुरक्षा और शुभता का प्रतीक बन जाता है।
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