धार्मिक

Bada Mangal 2024: साल का आखिरी बड़ा मंगल आज, श्रीराम भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये खास उपाय, दूर हो जाएंगे सभी संकट

Bada Mangal 2024: इस बार ज्येष्ठ महीने का अंतिम बड़ा मंगल 18 जून को पड़ रहा है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। सूर्य देव को जल चढ़ाएं। एक चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति रखें। उन्हें सिंदूर अर्पित करें और फूलों की माला चढ़ाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और आरती करें। फिर उन्हें लड्डू, आदि चीजों का भोग लगाएं।

Bada Mangal 2024: आखिर क्या है बड़ा मंगल का धार्मिक महत्व, इन मंत्रों का जरूर करें जाप

सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन का विशेष महत्व है। हर दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित है। ठीक इसी प्रकार मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। Bada Mangal 2024 शास्त्रों में बताया गया है कि ज्येष्ठ माह के प्रथम मंगलवार को भगवान श्री राम और हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। इसलिए ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह के मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस बार ज्येष्ठ महीने का अंतिम बड़ा मंगल 18 जून को पड़ रहा है।

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। सूर्य देव को जल चढ़ाएं। एक चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति रखें। उन्हें सिंदूर अर्पित करें और फूलों की माला चढ़ाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और आरती करें। फिर उन्हें लड्डू, आदि चीजों का भोग लगाएं। इस दिन सच्चे मन से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें। Bada Mangal 2024 इस दिन गरीबों को धन, भोजन और वस्त्र दान करें। कहा जाता है कि भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त हो, तो व्यक्ति भयमुक्त रहता है। साथ ही तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं।

बड़ा मंगल का धार्मिक महत्व Bada Mangal 2024

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। इसी वजह से इस महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन की महिमा भी बहुत बड़ी है। माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। दुनिया भर में हनुमान भक्तों के द्वारा इस दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी में इस त्योहार की धूम सबसे अलग होती है।

Read More:- Bada Mangal: लखनऊ से जुड़ा है बड़ा मंगल का इतिहास, हनुमान मंदिर में मांगी दुआ कुबूल होने पर नवाब वाजिद अली शाह और बेगम ने करवाया था भंडारा

लखनऊ से हुई थी शुरुआत Bada Mangal 2024

माना जाता है कि बड़ा मंगल को पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत यहीं से हुई थी। एक बार जब लखनऊ शहर में महामारी फैली तो, नवाब वाजिद अली शाह की बेगम ने ज्येष्ठ मास के मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा की थी और उसके बाद महामारी खत्म हो गई थी। तब से यहां बड़ा मंगल बड़े त्योहार की तरह धूमधाम से मनाया जाता है।

बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा के लाभ Bada Mangal 2024

अगर बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं तो उनके बुद्धि, ज्ञान और बल में वृद्धि होती है। हनुमान जी की पूजा के साथ ही श्री राम का ध्यान या नाम जप भी इस दिन आपको करना चाहिए। इस दिन हनुमान चालीसा के पाठ से भय से मुक्ति आपको मिलती है और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। जो लोग माया-मोह के बंधनों से ऊपर उठना चाहते हैं उनको भी हनुमान जी की पूजा से आध्यात्मिक उत्थान मिलता है।

इन मंत्राें का करें जाप Bada Mangal 2024

भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र

  • हं हनुमंते नम:।

स्वास्थ्य के लिए

  • नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा

संकट दूर करने का मंत्र

  • ऊं नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

कर्ज मुक्ति के लिए मंत्र

  • ऊं नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

मनोकामना के लिए मंत्र

  • ऊं महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

We’re now on WhatsApp. Click to join

हनुमान जी की आरती Bada Mangal 2024

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Back to top button