April Panchak Date 2024: अप्रैल में कबसे शुरू हो रहा पंचक? जानें किन नियमों का पालन करना है जरूरी
April Panchak Date 2024: अप्रैल माह में पंचक 5 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रहे हैं। यह अगले दिन मंगलवार 9 अप्रैल को सुबह 7.32 बजे समाप्त होंगे। ऐसा माना जाता है कि पंचक के दौरान वर्जित कार्यों को करने से व्यक्ति को धन हानि होती है।
April Panchak Date 2024: पंचक में न करें शुभ कार्य, मिल सकते हैं अशुभ परिणाम
अप्रैल माह शुरू होने में अब कुछ ही समय बाकी है। यह महीना आध्यात्मिक और ज्योतिष दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। बता दें कि अप्रैल माह के प्रारंभ में पंचक लग रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, पंचक के पांच दिनों की अवधि में कई प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मान्यता है कि इस दौरान शुभ कार्य करने से जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आइए जानते हैं। अप्रैल महीने में कब लग रहा है पंचक और इससे जुड़े कुछ खास नियम?
कब से शुरू होंगे पंचक?
पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह में पंचक 5 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रहे हैं। यह अगले दिन मंगलवार 9 अप्रैल को सुबह 7.32 बजे समाप्त होंगे। ऐसा माना जाता है कि पंचक के दौरान वर्जित कार्यों को करने से व्यक्ति को धन हानि होती है। साथ ही परिवार में परेशानियां आती हैं। इसलिए पंचक काल के दौरान कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। वरना अशुभ परिणाम प्राप्त होने लगते हैं।
क्या है पंचक के नियम?
- ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पंचक के दौरान सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान बीमारी की चपेट में आने का खतरा निरंतर बना रहता है। इसलिए खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पौष्टिक आहार ही ग्रहण करना चाहिए।
- पंचक की अवधि में लकड़ी से जुड़े कार्य नहीं करने चाहिए। इस दौरान लकड़ी को जलाने पर भी प्रतिबंध लग जाता है। साथ ही पंचक के दौरान चारपाई बनवाने पर भी प्रतिबंध है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकता है और कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- पंचक की अवधि में यात्रा शुरू करने से पहले कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा शुरू करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण दिशा को यम दिशा के रूप में जाना जाता है और पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा शुरू करने से दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
- मान्यता यह भी है कि पंचक के दौरान यदि किसी व्यक्ति के परिजन की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में सबसे पहले पांच कूश जलाना चाहिए और इसके बाद अंतिम संस्कार करना चाहिए।
- पंचक के 5 दिनों में यात्रा शुरू करने से पहले कुछ खास चीजों का ध्यान रखा जाता है। पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा शुरू करने की मनाही होती है। शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा यम दिशा होती है और पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा शुरू करने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
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कब लगता है पंचक?
शास्त्रों में बताया गया है कि जब चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद, धनिष्ठा, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, ऐसी स्थिति में पंचक शुरू हो जाता है। इसे अशुभ मुहूर्त में भी गिना जाता है। इस दौरान छत की ढलाई या गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन इत्यादि जैसे मांगलिक कार्य न करने की भी सलाह दी जाती है।
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पंचक क्या है?
पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहा जाता है। सभी 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें दूषित यानी अशुभ माना जाता है, इन्हीं को पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र- धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण के रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक पंचक रहता है।
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